-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हरेला पर्व के अवसर पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के निकट वन विभाग द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधा रोपण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले पारंपरिक पर्व हरेला की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला पर्व के तहत एक माह तक वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत है। प्रत्येक जनपद में जल स्रोतों एवं गदेरों के पुनर्जीवन एवं संरक्षण के लिए कार्य किए जायेंगे। नदियों के संरक्षण एवं नदियों के पुनर्जीवन थीम पर इस वर्ष हरेला पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए इस पर्व को सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा पौधारोपण एवं प्रकृति के संरक्षण से ही हम शुद्ध हवा शुद्ध जल एवं अन्य प्राकृतिक लाभ ले सकते हैं। एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमने अपने भविष्य को संवारना होगा एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा । पौधों के संरक्षण एवं प्रकृति कि स्वच्छता का कार्य प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से विशेष आग्रह करते हुए पौधारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रमों पर ज्यादा से ज्यादा अपना सहयोग देने की बात कही । उन्होंने कहा कि हरेला पर्व पर प्रदेश में 15 लाख वृक्ष लगाए जायेंगे। जिनमें 50 प्रतिशत फलदार पौधे होंगे।
इस अवसर पर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जागेश्वर धाम में पहुंचकर प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाबा जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई दी तथा जागेश्वर धाम परिसर में पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा जागेश्वर में कुल 12.35 करोड़ लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया जिसमे 77.31 लाख रुपए की योजनाओं का लोकार्पण एवं 11.58 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। जागेश्वर धाम के धार्मिक महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानस मंदिर माला योजना के अन्तर्गत जागेश्वर धाम का भी विकास किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर गतिमान है तथा राज्य स्थापना के 25 वें वर्ष में देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्तर पर पिछले 5 वर्षों में राज्य के लिए 1.25 लाख करोड़ रपए की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। उन्होंने आयुष्मान योजना, अटल आवास योजना, उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना जैसी अनेक योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई तथा कहा कि उनकी सरकार द्वारा भी लोकहित में अनेक योजनायें स्वीकृत की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के लागू होने से प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारवादी परिवर्तन देखने को मिलेंगे। कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए 5 सदस्य समिति ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय में जन समस्याओं के समाधान के लिये प्रत्येक सोमवार को नो मीटिंग डे का नियम बनाया गया है। सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र का पालन करते हुए प्रत्येक सोमवार को अधिकारी जनता की समस्याएं सुनेंगे तथा उनका समाधान करेंगे। जिले के प्रभारी मंत्री तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभारंभ पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आने वाले एक महीने में जनपद में सौ प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली बार जनपद में डॉक्टरों की पर्याप्त तैनाती की गई है।
स्थानीय विधायक मोहन सिंह मेहरा ने जागेश्वर धाम में लगने वाले श्रावणी मेले के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने के लिए जनपद वासियों की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने जागेश्वर विधानसभा के लिए 12.35 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर कपकोट विधायक सुरेश गडिया, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, जिलाधिकारी सुश्री वंदना, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा अध्यक्ष कुंदन लटवाल, मंडल अध्यक्ष प्रकाश भट्ट समेत अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।
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सचिव पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, सहकारिता, ग्रामीण विकास श्री बी. पुरुषोत्तम पतंजलि पहुंचे,
ग्रामीण विकास, दुग्ध विकास, पशुपालन, मत्स्य पालन, तकनीकि आदि विविध विषयों पर हुई चर्चा
हरिद्वार, 16 जुलाई। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में सचिव पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, सहकारिता, ग्रामीण विकास, सीपीडी, यूजीवीएस-आरईएपी श्री बी- पुरुषोत्तम जी तथा मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन का आगमन हुआ जहाँ आचार्य बालकृष्ण जी के तत्वाधान में एक बैठक आयोजित कर उत्तराखण्ड में ग्रामीण विकास, दुग्ध विकास, पशु पालन, मत्स्य पालन, तकनीकि आदि विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि पतंजलि गाँव, कृषि, किसान के उन्नयन हेतु संकल्पबद्ध है तथा इस क्षेत्र में वर्षों से कार्य कर रहा है। पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, पतंजलि अनुसंधान संस्थान तथा भरुआ सोल्यूशन्स हमारी प्रमुख ईकाइयाँ हैं जिनके माध्यम से नित नए शोध किए जा रहे हैं।
बैठक में सचिव श्री पुरुषोत्तम ने कहा कि पतंजलि की विविध सेवापरक गतिविधियों का लाभ देश के किसान, पशुपालक, मत्स्य पालक, डेयरीकर्मियों को मिल रहा है। तकनीक के क्षेत्र में भी पतंजलि अग्रणी कार्य कर रहा है जिससे इन क्षेत्रें से जुड़े लोगों को आशातीत लाभ मिल रहा है।
इस अवसर पर उत्तराखंड में ग्रामीण सशक्तिकरण के मॉडल का प्रस्तुतीकरण तथा ऐप और डैशबोर्ड का लाइव प्रदर्शन किया गया । साथ ही मवेशियों तथा मत्स्य की जीयो फैन्सिंग पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया गया । साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों के लिए ऋण प्रणाली में बी-बैंक के महत्व को बताया। उन्होंने पीओएस डिवाइस और डेटा डिजिटलाइजेशन पर विस्तृत वार्ता की। दुग्ध और दुग्ध विकास तथा पशुपालन के डिजिटल सर्वे पर प्रस्तुतिकरण दिया।
पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के श्री पवन कुमार तथा डॉ. वेदप्रिया आर्य ने पीपीपी मोड में चारागाह विकास के साथ गौ अभ्यारण्य पर वार्ता की। पशु रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को ट्रेसबिलिटी और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए घर-घर गाय परियोजना पर भी जोर दिया गया।
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