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सरकारी विभागों की खाली और पार्ट टाइम उपयोग हो रही संपत्तियों आम जनता के उपयोग हेतु किराए पर दिया जाएगा।
सरकारी विभागों की खाली और पार्ट टाइम उपयोग हो रही संपत्तियों आम जनता के उपयोग हेतु किराए पर दिया जाएगा। इसके लिए सरकारी परिसंपत्तियों की दरें निर्धारित की जा रही है। शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई। जिसमें सरकारी संपत्तियों की दर निर्धारण के संदर्भ में गहनता से चर्चा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि जिन विभागों ने अभी तक दर निर्धारण हेतु अपनी संपत्तियों का प्रस्ताव नहीं दिया है वो तत्काल इसका प्रस्ताव उपलब्ध करें। बाजार दरों पर ही विभागीय दरों का प्रस्ताव तैयार किया जाए। एक जैसी परिसंपत्तियों की दरों में एकरूपता रखी जाए। विभागीय उपयोग के उपरांत खाली संपत्तियों को आम नागरिकों के उचित उपयोग हेतु किराए पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे विभाग की परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग के साथ राजस्व भी प्राप्त होगा और जो आय प्राप्त होगी, उससे विभाग अपनी परिसंपत्तियों की रख रखाव आदि में खर्च कर सकते है। विभाग को सरकारी संपत्ति से अर्जित धनराशि का 50 प्रतिशत कोषागार में, 25 प्रतिशत जिला स्तरीय समिति के खाते में जमा करना आवश्यक है, शेष 25 प्रतिशत धनराशि विभाग स्वयं अपनी परिसंपत्तियों रख रखाव में व्यय कर सकते है। जिला स्तर पर इसके लिए अकाउंट खोला गया है। इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा दर अनुमोदन हेतु प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए दरें निर्धारित की गई।
बैठक में कोषाधिकारी पंकज श्रीवास्तव, अर्थ एवं संख्या अधिकारी विनय जोशी सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।