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उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन।
उत्तराखंड राज्य निर्माण में अविस्मरणीय योगदान देने वाले महान राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड के गाँधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी की जयंती पर हम कोटि कोटि नमन करते हैं। उनकी जयंती पर हम उनके जीवन और उनके संघर्षों को याद करते हैं।
इंद्रमणि बडोनी जी का जन्म 24 दिसम्बर 1925 को टिहरी जिले के जखोली ब्लॉक के अखोड़ी गावं में हुआ था। उनके पिता का नाम सुरेशानंद बडोनी था और उनकी माता का नाम श्रीमती कालो देवी था। उनका परिवार एक गरीब ब्राह्मण परिवार था। उनके पिता श्री सुरेशानन्द बडोनी जी बहुत सरल व्यक्ति थे। उस समय वे पुरोहित का कार्य करते थे।
इंद्रमणि बडोनी जी ने अपनी आरम्भिक कक्षा 4 तक की पढाई अपने गांव आखोड़ी से प्राप्त की। एवं कक्षा सात की परीक्षा रोड धार से उत्तीर्ण की और आगे की पढाई के लिए वे मसूरी ,टिहरी देहरादून गए। पिता की जल्दी मृत्यु हो जाने के कारण ,इनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां आ गई। कुछ समय के लिए बॉम्बे भी गए। बॉम्बे से वापस आ कर फिर इन्होने बकरियां और भैंस पालकर परिवार चलाया।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में इंद्रमणि बडोनी जी का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने उत्तराखंड की जनता को एक अलग पहाड़ी राज्य की संकल्पना का विचार दिया। और अलग राज्य के लिए चले संघर्ष का पहली पंक्ति में खड़े होकर नेतृत्व किया। उनकी नेतृत्व क्षमता, सरल व्यक्तित्व, निस्वार्थ भावना की वजह से बीबीसी और वाशिंगटन पोस्ट ने उन्हें पर्वतीय गाँधी या पहाड़ के गांधी की उपाधि प्रदान की।
आज भी उत्तराखंड की जनता इंद्रमणि बडोनी जी को याद करती है और उनके संघर्षों को सलाम करती है। उनकी जयंती पर हम उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके संघर्षों को याद करते हैं। जय उत्तराखंड!