उत्तराखंड से पलायन बढ़ना काफी चिंताजनक : योगी आदित्यनाथ
हिल-मेल द्वारा दिल्ली के अंबेडकर सेंटर में रैबार कार्यक्रम का आयोजिन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी, एनडीएमए के सदस्य राजेंद्र सिंह, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, जीबी पंत यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ मनमोहन सिंह चौहान, सीडाट कॉम के सीईओ एंव चेयरमैन बोर्ड डॉ राज कुमार उपाध्याय, यूपीएससी के सदस्य मनोज रावत, असम राइफल्स के महानिदेशक ले जनरल विकास लखेड़ा समेत कई गणमान्य लोक शामिल हुए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑनलाइन जुड़कर रैबार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत काम कर रही है और हमारे राज्य में एक भी बच्चा पढ़ाई से बंचित नहीं है। इसके अलावा बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए सरकार अनेक योजनायें चला रही है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के अलग-अलग ब्रांडों की प्रदर्शिनी भी लगाई गई है। जिसमें उत्तराखंड की संस्कृति, कला, व्यंजन, संगीत, लोक परंपराओं, हस्तशिल्प और कृषि -उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर प्रीतम भरतवाण द्वारा सांस्कृति प्रस्तुति दी गई और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बच्चों द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
रैबार का मकसद देश और दुनिया में अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले प्रबुद्ध लोगों को जोड़ना है। रैबार का अर्थ होता है बुलाना या निमंत्रण देना। इसीलिए देश दुनिया में उत्तराखंड के जो लोग हैं वह राज्य में आकर क्या सेवा कर सकते हैं उसके बारे में रैबार कार्यक्रम में मंथन किया जाता है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार के सांसद ने कहा कि रैबार का आयोजन नवम्बर 2017 में देहरादून में किया गया था जिसमें देश भर के प्रबुद्ध लोगों ने हिस्सा लिया और उत्तराखंड राज्य किस प्रकार से प्रगति और उन्नति करे, इन मुद्दों को लेकर प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में आयोजित रैबार-6 कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, उत्तराखंड में लगातार पलायन का बढ़ना काफी चिंताजनक है। योगी ने कहा, जहां हर तरफ आबादी बढ़ रही है, वहीं उत्तराखंड में लगातार आबादी कम हो रही है, इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और पलायन को रोकने के लिए कदम उठाए जाने होंगे। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में बहुत सारी संभावनाएं हैं, जिनके माध्यम से पलायन रोका जा सकता है।
स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म को दें बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, उत्तराखंड में स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में बहुत सारे धार्मिक स्थल हैं। देश और दुनिया में कौन-सा ऐसा सनातनी स्वावलंबी होगा, जो केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री नहीं जाना चाहता है। हर कोई जाना चाहता है, इसीलिए इसको एक पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए, इसके अलावा उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, क्योंकि वहां हर तरफ सुंदर पहाड़ हैं। मैदानी लोगों को इस तरफ आकर्षित किया जा सकता है।
सोलर एनर्जी को दे सकते हैं बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तराखंड के लोगों के सामने रोजगार बहुत बड़ा मुद्दा है। उनकी मजबूरी है कि उन्हें रोजगार और सुविधा के लिए पलायन करना पड़ता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तराखंड में सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा दिया जा सकता है और उत्तराखंड के दक्षिण में जितनी भी पहाड़ियां हैं, उन्हें सोलर एनर्जी का माध्यम बनाया जा सकता है।
वनों के कटान और आग की घटनाओं पर चिंता जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा, वनों के कटान और वनों में लगने वाली आग को भी रोकने के लिए कदम उठाएं जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ये उत्तराखंड की संपदा हैं, उनके दोहन के सभी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा, अगर इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे तो निश्चित रूप से ये संपदा राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाती रहेंगी।
योगी ने कहा, उत्तराखंड देवभूमि और नैसर्गिक सुंदरता के रूप में ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह देश और दुनिया के लिए एक नर्सरी की तरह भी है, क्योंकि उत्तराखंड के लोग देश और दुनिया के हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जहां भी वो कार्यरत हैं, उन्होंने पूरे परिश्रम और ईमानदारी से काम किया है।
योगी रामराज्य और हिल-मेल पत्रिका का किया विमोचन
यूपी के मुख्यमंत्री ने इस दौरान उनके पहले कार्यकाल पर लिखी पुस्तक योगी रामराज्य और हिल-मेल पत्रिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ पर बनी एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।
गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से लोगों ने अपना घरबार छोड़ दिया है और वह लोग देश के अन्य स्थानों पर निवास कर रहे हैं इससे राज्य का डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। उन्होंने लोगों से आवहन किया कि वह अपना वोट अपने गांवों में बनाये और इससे गांव में हो रहे डेमोग्राफिक बदलाव को रोका जा सकता है।
इस बार ’रैबार : ब्रांड उत्तराखंड’ की थीप पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें प्रबुद्ध लोगों के संवाद के अलावा उत्तराखंड के अलग-अलग ब्रांडों की प्रदर्शिनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शिनी में उत्तराखंड की मातृशक्ति, युवा उद्यमी, कारीगर, किसान सहित कई अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल हुए। जिसमें उत्तराखंड की संस्कृति, कला, व्यंजन, संगीत, लोक परंपराओं, हस्तशिल्प और कृषि-उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर हिल-मेल द्वारा कई लोगों को हिल रत्न से भी सम्मानित किया गया।