उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन आयोग परीक्षा पेपरलीक,धरे गये अब तक बत्तीस।
– नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार
उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं में हुए पेपर लीक मामले में एसटीएफ द्वारा अभी तक जिन 32 आरोपियों को पकड़ा गया उनमें से कोई भी ऐसी गिरफ्तारी नहीं है जिससे यह लगे कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे इस भर्ती घोटाले का संरक्षक या प्रश्रयदाता पकड़ा गया हो।
मीडिया में हाकम सिंह रावत,RIMS कंपनी का मालिक आदि को इस घोटाले का सरगना बता कर प्रचारित किया जा रहा है पर हाकम सिंह आदि का पद व स्तर को देख कर नहीं लगता कि बिना किसी बड़े सरपरस्त के वह निर्बाध रूप से इतना बड़ा घोटाला कर कर सके।आखिर वह जिला पंचायत का सदस्य ही तो था। यह सच है कि उसने कुछ ही समय में अरबों की दौलत कमाई है।यह भी सच हो सकता है कि वह इस अवैध कारोबार का व्यवस्थापक रहा हो, पर उसके ऊपर जरूर किसी ऐसे व्यक्ति का हाथ है जिसकी मजबूत पकड़ सरकार शासन,प्रशासन पर रही होगी।तभी तो न पुलिस न एलआईयू और न ही आयोग को इसकी भनक लगी न उन्होंने इसमें कोई कार्यवाही की है। अगर बेरोजगार युवा मुख्यमंत्री से नहीं मिलते और मुख्यमंत्री जाँच का आदेश नहीं देते तो उनका यह धंधा ऐसे ही चलता रहा।आखिर किसी भी सरकारी महकमे को इसकी भनक क्यों नहीं लगी?यह भी एक विचारणीय प्रश्न है।
आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष एस.राजू ने घोटाला खुलने पर अपना त्यागपत्र देने के बाद जिस सफेदपोश की ओर इशारा किया वह ह्वेल मछली कौन है?जब तक वह सफेद पोश का नकाब नहीं उठता तब तक जाँच अधूरी ही मानी जाएगी। आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष पर भी प्रश्न उठता है कि जब उन पर दबाब पड़ा था तो उन्होंने अपने स्तर से प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी कि कोई सफेद पोश उनपर दबाब डाल रहा है।
यद्यपि राज्य की एसटीएफ बहुत अच्छा कार्य कर रही है पर उसकी भी एक सीमा है।अगर ऐसा व्यक्ति सरकार में या शासन में उच्च पदस्थ हुआ तो शायद एसटीएफ को उसे गिरफतार करने में शायद ही सफलता मिल पायेगी।उस पर बहुत दबाब पड़ेंगे।ऐसे में मुख्यमंत्री को दृढ हो कर एसटीएफ को पूर्ण संरक्षण व अधिकार प्रदान करना चाहिए।
कुछ लोग इस मामले में सीबीआई जाँच की माँग कर रहे हैं पर सीबीआई पत्रकार उमेश डोभाल केस में व निहत्थे उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों की हत्या करने व महिलाओं पर अमानुषिक अत्याचार करने वाले मुज्जफ्फर नगर (रामपुर तिराहा) कांड मामले में किसी भी अभियुक्त को सजा दिलवाने में सफल नहीं रही। हाँ रणवीर काँड में जरूर उसने तेजी दिखाते हुए उत्तराखण्ड पुलिस के कुछ छोटे अधिकारियों को सजा दिलवायी। उत्तराखण्डियों के मामले में वह सफल रही हो ऐसा उदाहरण याद नहीं आता।
विशेष जांच दल के मुखिया व उनकी टीम के सदस्यों की तारीफ तो करनी ही पड़ेगी कि वे अथक मेहनत से इस नकल माफिया की कमर तोड़ने में अभी तक तो सफल रहे है।उसने जिन आरोपियें को पकड़ा उनमें से कितने लोगों के विरुद्ध अकाट्य प्रमाण अदालत में प्रस्तुत कर उन्हें सजा दिला पाती है यह भविष्य के गर्भ में है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले में जिस तरह कठोर रुख अपनाया अगर आगे भी वे किसी के दबाब में न आये तो शायद एसटीएफ उस ह्वेल को भी गिरफ्तार कर सकेगी।
अभी तक जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है
22 जुलाई को कुछ बेरोजगारों की शिकायत पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयोग के अनु सचिव राजेश नैथानी ने पेपर लीक होने की आशंका जताते हुए रायपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की।जिसकी जाँच एसटीएफ को सौंप दी गयी। एसटीएफ ने तेजी से जाँच करते हुए अभी तक निम्न बत्तीस आरोपियों के गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैअभी मामला सुनवायी के लिए कोर्ट में नहीं गया है।
गिरफ्तार आरोपी
01-जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पंडितवाड़ी (कंप्यूटर प्रोग्रामर)। 02-मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी निवासी मयोली,दन्यां अल्मोड़ा(आयोग का पूर्व आउटसोर्स कर्मचारी)।
03-मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी पाटी,चंपावत(सितारगंज न्यायालय लिपिक)।
04-कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह चौहान,निवासी चांदपुर जिला बिजनौर (उ.प्र.)(दून में कोचिंग सेंटर का डायरेक्टर)।
05-शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतरसिंह चौहान निवासी कालसी देहरादून (मध्यस्थ)।
06-गौरव नेगी पुत्र गोपाल नेगी निवासी नजीमाबाद,किच्छा।सॉल्वर(निजी स्कूल का शिक्षक)
07-दीपक चौहान निवासी भन्सबाड़ी,टिहरी गढवाल,हाल निवासी बालावाला देहरादून।
08-भावेश जगूड़ी निवासी जोगत,उत्तरकाशी,हाल निवासी विद्या विहार कार्गी चौक देहरादून।
09-अमरीश पुलिस कांस्टेबल खानपुर,हरिद्वार।
10- दीपक शर्मा जसपुर काशीपुर,
11-महेन्द्र सिंह चौहान,क.स.नैनीताल न्यायालय।
12-अभिषेक वर्मा- लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस का कर्मचारी।
13-हिमाशु कांडपाल पुत्र प्रयाग दत्त कांडपाल,ग्राम -कांडागूट अल्मोड़ा(सीजेएम कोर्ट राम नगर में कनिष्ठ सहायक )।
14-तनुज शर्मा -शिक्षक राइंका नेटवाड़ उत्तरकाशी,निवासी रायपुर चौक देहरादून
15-तुषार चौहान पुत्र निवासी कासमपुर ऊधमसिंह नगर।
16-गौरव चौहान अपर निजी सचिव सचिवालय देहरादून।
17-सूर्यप्रताप सिंह निवासी जसपुर ऊधमसिंह नगर, सहायक अपर निजी सचिव न्याय विभाग सचिवालय देहरादून।
18-हाकमसिंह रावत उत्तरकाशी जखोल,जिला पंचायत सदस्य (मास्टरमांइंड आरोपित),
19-अंकित रमोला बड़कोट उत्तरकाशी,
20-ललितराज शर्मा-निवासी धामपुर,अवर अभियन्ता सहारनपुर जल निगम,
21- चन्दनसिंह मनराल-स्टोन क्रेशर स्वामी,एनजीओ संचालक।
22-जगदीश गोस्वामी शिक्षक राउमावि मलसूना बागेश्वर,निवासी चौखुटिया अल्मोड़ा।
23-दिनेशचन्द्र जोशी रिटायर्ड असिस्टेंट ऐस्टेब्लिसमेंट ऑफीसर पन्त नगर विश्व विद्यालय।
24-केन्द्रपाल सिंह- धामपुर। 25-राजेश चौहानआरआईएमएस (RIMS) कंपनी के मालिक लखनऊ (उ.प्र)।
26-प्रदीप पाल-निवासी बाराबंकी उ.प्र.कर्मचारी RIMS लखनऊ। 27-शशिकान्त कंप्यूटर संचालक हल्द्वानी। 28-विपिन बिहारी निवासी सीतापुर आर आईएम एस कर्मचारी। 29-बलवंत सिंह रौतेला शिक्षक राप्रावि लोहाघाट। 30-फिरोज हैदर निवासी श्याम विहार कॉलोनी सीतापुर रोड लखनऊ को नार्थ गोवा पणजी से गिरफ्तार। 31- विनोद जोशी उत्तराखण्ड पुलिस कंस्टेबल सितारगंज ऊधमसिंह नगर।32-राजवीर निवासी लक्सर,कनिष्ठ सहायक पॉलीटेक्निक हिंडोलाखाल टि.ग.