–नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट बैठक में 25 प्रस्ताव स्वीकृत।धर्मांतरण संज्ञेय गैर जमानती अपराध होगा,हाईकोर्ट हल्द्वानी में होगा स्थापित
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उत्तराखण्ड सरकार कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में सम्पन्न हुई है जिसमें आये 26प्रस्तावों में से 25 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने स्वीकृति की मुहर लगा दी।कैबिनेट में पारित एक प्रस्ताव के अनुसार उत्तराखण्ड का उच्च न्यायालय हल्द्वानी मे स्थापित होगा।
इसकेअतिरिक्त उत्तराखण्ड में धर्मान्तरण संज्ञेय गैर जमानती अपराध माना जाएगा तथा 10 साल तक की सजा हो सकेगी,पर भी कैबिनेट की मुहर लग गयी है। इसके अतिरिक्त अपणी सरकार पोर्टल के लिए हेतु 22 करोड़ रुपये की स्वीकृति,राज्य में बीएसएनएल मोबाईल कनेक्टविटी बढाने के लिए मोबाइल टावर लगाने के लिए भूमि निशुल्क देने,नजूल भूमि विधेयक 2021 को निरस्त करने तथा संशोधित नया विधेयक सदन में लाने,अग्निशमन एवं आपत्सेवा अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी सेवा नियमावली में संशोधन करने,उत्तराखण्ड दुकान व स्थापन विधेयक 2022 लागू करने,सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने पर जुर्माना लगाने,पशुपालकों को भूसा खरीद पर 75% अनुदान देने,जमरानी बांध विस्थापितों के लिए पुनर्वास नीति,केदारनाथ आपदा प्रभावित व्यवसायियों को क्षतिपूर्ति देने की स्वीकृति,जब्त वाहनों की नीलामी संबन्धी नियमों में बदलाव करने,टीएचडीसी व यूजेवीएनएल आपसी सहयोग से करेंगे विद्युत उत्पादन संबंधी प्रस्ताव,बाल श्रम कानून में बदलाव करने की स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव,भू राजस्व अधिनियम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव,दस्तावेज जमा न करने पर पंचायत प्रतिनिधियों को सजा नहीं होने का प्रस्ताव,ग्रामीण निर्माण विभाग को 15 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य करने के अधिकार देने का प्रस्ताव,चम्पावत में आरटीओ कार्यालय खोलने की स्वीकृति,विधिविज्ञान के प्रयोगशाला के तकनीकी पदों की नियमावली स्वीकृति प्रस्ताव,उप निरीक्षकों का पदनाम अपर पुलिस उप निरीक्षक करने की स्वीकृति आदि प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लग गयी है।
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मुख्य सचिव डा. संधु ने परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड’ योजना के सम्बन्ध में बैठक ली।
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में ’परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड’ योजना के सम्बन्ध में बैठक ली। योजना के क्रियान्वयन पर मुख्य सचिव के समक्ष नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर शीघ्र से शीघ्र कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित कर लें। किस किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए अगले 2, 3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए। परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें। उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाईम लाईन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण किए जाएं।
अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना उत्तराखण्ड के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों एवं लाभार्थी परक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से आवश्यकता नहीं होगी। इसका संपूर्ण डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड में उपलब्ध रहेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री नितेश झा, श्री वी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री रविनाथ रमन एवं डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।