उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ 12 सितंबर को राजस्थान के एक दिवसीय दौरे पर जायेंगे
करौली, भरतपुर और धौलपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे उपराष्ट्रपति जी
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ एवं डॉ (श्रीमती) सुदेश धनखड़ 12 सितंबर, 2023 को राजस्थान की यात्रा पर जायेंगे। अपने एक दिवसीय दौरे में वे करौली, भरतपुर और धौलपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। करौली आगमन के बाद श्री धनखड़ श्री महावीर मंदिर में दर्शन करने जायेंगे, उसके बाद वे गुडला पहाड़ी पहुंचकर कर्नल बैंसला जयंती महोत्सव में भाग लेंगे। तत्पश्चात उपराष्ट्रपति भरतपुर के लिए रवाना होंगे और वहां पहुंचने पर लक्ष्मण मंदिर जाएंगे तथा दर्शन व पूजा अर्चना करेंगे। फिर वे भरतपुर बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ मुलाकात करेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान श्री धनखड़ भरतपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – सरसों अनुसंधान निदेशालय का भी दौरा करेंगे और संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद करेंगे। श्री धनखड़ सैनिक स्कूल के पूर्व छात्रों और सामुदायिक नेताओं से भी मुलाकात कर विमर्श करेंगे। इसके बाद उपराष्ट्रपति भरतपुर के यू.आई.टी. सभागार में एम.एस.जे. कॉलेज, आर.डी. गर्ल्स कॉलेज एवं श्री अग्रसेन महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। तत्पश्चात उपराष्ट्रपति धौलपुर के लिए रवाना होंगे जहां मचकुंड मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना करेंगे व धौलपुर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, कैसरबाग में छात्रों- शिक्षकों को संबोधित करेंगे। इसके बाद श्री धनखड़ धौलपुर बार एसोसिएशन के सदस्यों और सैनिक स्कूल के पूर्व सदस्यों के साथ संवाद करेंगे।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आचार्य विनोबा भावे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा:
”आचार्य विनोबा भावे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। सामाजिक सुधार और हाशिए के लोगों के उत्थान के प्रति उनका अटूट समर्पण हमें आज भी प्रेरित करता है। निस्वार्थता और एकता की उनकी विरासत आने वाली सदियों तक मानवता का मार्गदर्शन करे।”
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सूरतगढ, श्री गंगानगऱ राजस्थान में सैनिक सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में श्री गंगानगर राजस्थान के मानकसर गांव में क्षेत्रवासियों द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में सोमवार को श्री गंगानगर राजस्थान के मानकसर गांव में क्षेत्रवासियों द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु जंभेश्वर भगवान की पूण्यभूमि में आकर वे अविभूत है। उन्होंने कहा कि गुरु जंभेश्वर जी ने जीवन में 29 नियम अपनाने के लिए कहा था। उनके द्वारा दिये गए नियमों को आत्मसात कर आज विश्नोई समाज, वाणी पर संयम रखने के साथ ही अन्य नियमों का पालन कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्थान में वन एवं पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने वाली अमृता देवी विश्नोई की शहादत को नमन करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड जैसे हिमालय क्षेत्र में वन संरक्षण को लेकर हुए चिपको आंदोलन से तो काफी लोग वाकिफ हैं। परंतु इससे सैकड़ों वर्ष पहले राजस्थान में भी अमृता देवी जी के नेतृत्व मैं चिपको जैसा आंदोलन हो चुका है,जिसमें पेड़ों को बचाने के लिए 363 लोगों ने अमृता देवी जी के नेतृत्व में अपना बलिदान दिया। इस प्रकार हम पीढ़ियों से पर्यावरण के संरक्षक रहे हैं। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना हमारा संस्कार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने प्रकृति और मानव के सहअस्तित्व पर एक समृद्ध विचारधारा को पोषित किया और आज सदियों बाद भी, हम उस विचार का, उतनी ही निष्ठा से अनुसरण करते आ रहे हैं। हमारी संस्कृति में वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण दोनों का ही एक वैभवशाली और अनुसरणीय इतिहास रहा है। अमृता देवी जी और उनके साथियों के बलिदान की गाथा को कोई नहीं भूल सकता। इस महिला सत्याग्रही ने पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण और नारी सशक्तिकरण को नए अर्थों में परिभाषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में आज भारत एक शक्तिशाली और सुरक्षित राष्ट्र बन चुका है। हमें भी राष्ट्रविरोधी शक्तियों को परास्त कर राष्ट्रवादी शक्तियों को विजयी बनाने का कार्य करना है। आपके एक वोट का ही कमाल है जो आज भारत शक्तिशाली देश बनकर उभर रहा है। आज भारत को जी20 की अध्यक्षता मिलना भारतवासियों के लिए गर्व की बात है। आप स्वयं देख रहे हैं कि दिल्ली में संपन्न हुये तीन दिवसीय जी20 के सम्मेलन में भारत ने अपनी शक्ति और सामथ्र्य का परिचय संपूर्ण विश्व को किस प्रकार कराया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वह दिन अब दूर नहीं जब भारत पुनः विश्व गुरु के पद पर आरूढ़ होगा। इसमें हम सबको सहयोगी बनना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड और वीरभूमि राजस्थान सांस्कृतिक रूप से एकदूसरे के पूरक रहे हैं। राजस्थान प्राचीन काल से ही वीर भूमि रही है। यहां के वीरों तथा वीरांगनाओं ने अपना सर कटा दिया पर शत्रुओं के सामने कभी सर नहीं झुकाया। उनका भी राजस्थान की इस महान धरती से गहरा सम्बन्ध है, क्योंकि उनके पूर्वज भी राजस्थान से ही उत्तराखंड में आये थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हेें दिये गये सम्मान के लिये श्री राजाराम जी धारणिया, श्री कुलदीप जी धनखड पूर्व भाजपा महामंत्री राजस्थान तथा श्री विकास ज्ञानी का भी आभार व्यक्त किया।