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क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हिमालय दिवस पर कैम्प कार्यालय में पौधारोपण किया। इस दौरान हिमालय की रक्षा का संकल्प भी लिया गया।
ऋषिकेश:- बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में पौधरोपण कर डॉ अग्रवाल ने कहा कि हिमालय की उपयोगिता और महत्व को उत्तराखंड बखूबी समझता है। पहाड़ के लोग हमेशा से हिमालय की दृढ़ता को कायम रखने के लिए दृढ़ रहे हैं। उत्तराखंड वासियों को जन्म से पर्यावरण के साथ संतुलन साधने का अभ्यास है। नदियों की अविरलता और निर्मलता का अहसास है। उनके लिए निर्जन हिमालय तप का साधन है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि यहाँ के निवासियों के लिए जंगल और पहाड़ उसके देवता हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड के लिए हिमालय के मायने दुनिया से अलग हैं। कहा कि हिमालय भले ही दुनिया के लिए जल मीनार, तीसरा ध्रुव और किसी के मस्तक का ताज हो सकता है, लेकिन हिमालयी राज्यों के दिल की धड़कन है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड इकलौता राज्य है, जहां से हिमालय दिवस की अवधारणा ने सत्तर के दशक में जोर पकड़ा और लगातार पैरवी में जुटा हुआ है। 1973 में जिस तरह 24 सौ पेड़ बचाने के लिए गौरादेवी आगे आईं और कुछ अन्य महिलाओं के साथ उन्हें कटने से बचा लिया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सुंदर लाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट और गोविंद सिंह रावत आदि ने उस दौर में हिमालय की रक्षा के लिए प्रयास किए, जब दुनिया आने वाले खतरे से अनभिज्ञ थी। इस दौर में भी हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन के अनिल जोशी आदि कई नाम हैं, जो नई पीढ़ी को आने वाले खतरों के प्रति सचेत कर रहे हैं।इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष ऋषिकेश सुमित पंवार, संजीव पाल, प्रधान सागर गिरी, जितेंद्र पाल पाठी, अनिमेष, रवि बिष्ट आदि उपस्थित रहे।