-अरुणाभ रतूड़ी
गुरू तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर राजनिवास में ‘सालोक नौवन मोहल्ला’ का पाठ किया गया। जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) सहित देवभूमि के सिख समुदाय ने भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ‘‘हिन्द की चादर’’ नाम से प्रसिद्ध गुरू तेग बहादुर जी ने मानवता के लिए उच्च बलिदान दिया था। उन्होंने सेवा, परोपकार और मानवता का जो संदेश सदियों पहले दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। इस दौरान राजभवन देहरादून में आए सिख समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने शिष्टाचार मुलाकात की।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने हरिद्वार में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए संस्कृत भाषा के प्रसार व उन्नयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को सरल व सुगम बनाने के लिए प्रयास किये जाएं। राज्यपाल ने कहा कि मुझे अपार खुशी हो रही है कि देवभूमि की संस्कृति और संस्कृत भाषा के रक्षक विद्वान यहाँ उपस्थित हैं। सदियों पूर्व हमारे ऋषि-मुनि संस्कृत भाषा का प्रयोग करते थे। उन्होंने कहा कि राज्यों के शासन में भी संस्कृत भाषा का प्रयोग होता था। संस्कृत का अलौकिक ज्ञान, प्राचीनकाल से ही देश और दुनिया के लिए रिसर्च का विषय रहा है। दुनिया ने संस्कृत के इस महत्व को समझा है।
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि जर्मनी, फ्रांस, रशिया, बाल्टिक देशों में संस्कृत पर शोध हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज के युग में वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स और तकनीकी से जुड़े लोगों को संस्कृत का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के डिजिटलाइजेशन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, सोशल मीडिया व मास मीडिया से संस्कृत भाषा का जोड़ना जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि आज हम तकनीकी युग में जी रहे हैं इस तकनीक का उपयोग भारतीय चिंतन के प्रसार और मानवमात्र के कल्याण के लिए करना होगा। संस्कृत भाषा को आधुनिक विषयों से समन्वय स्थापित करते हुए विज्ञान, तकनीकी, मीडिया, राजनीति, इतिहास आदि विषयों से जोड़ना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि योग व संस्कृत की मांग को पूरा करने के लिए तकनीकी को उपयोग में लाकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय दीर्घकालीन योजना पर कार्य करे। उन्होंने विश्वविद्यालय से सामाजिक उत्तरदायित्वों को निभाने की दिशा में भी कार्य करने की अपेक्षा की।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि संस्कृत, योग और अन्य शास्त्रों को सीखने व सिखाने में बेटियां भी अपना योगदान करें। उन्होंने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में अपने कौशल व प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं, जो शुभ संकेत हैं।
दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने 13 शोधार्थियों को पी.एच.डी की उपाधियां प्रदान करने के साथ-साथ कुल 29 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक वितरित किये। इस अवसर पर कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा दिये जाने हेतु किये जा रहे अभिनव प्रयोगों व क्रियाकलापों की जानकारी दी।
दीक्षान्त समारोह में सचिव संस्कृत शिक्षा चन्द्रेश कुमार यादव, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, एस.एस.पी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, वि.वि के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी के अलावा वि.वि के कार्यपरिषद् एवं विद्यापरिषद् के सदस्यों सहित वि.वि के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत के तल्ला देश क्षेत्र में विख्यात एवं पवित्र धाम बाबा गुरु गोरख नाथ मंदिर में निर्धारित समयानुसार आगमन हुआ। तल्ला देश क्षेत्र के मंच में बने अस्थाई हेलीपैड में मुख्यमंत्री एवं उनके साथ मुख्यमंत्री के लिए विधायकी छोड़ने वाले श्री कैलाश गहतोड़ी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति राय, जिलाधिकारी श्री विनीत तोमर, एसपी देवेन्द्र पींचा, भाजपा जिलाध्यक्ष दीप पाठक समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ देकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री लगभग दो किलोमीटर के पहाड़ी चढ़ाई वाले पगडंडी मार्ग से बाबा गोरख नाथ के मंदिर में पहुंचे। मंदिर में पहुंचकर श्री धामी ने मंदिर में पूजा अर्चना एवं मंदिर की परिक्रमा कर जनपद एवं राज्य की सुख समृद्धि की कामना की। मंदिर में पूजा अर्चना कर तथा बाबा का आशीर्वाद लेने के बाद मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विधायकी छोड़ने वाले श्री कैलाश गहतोड़ी का आभार व्यक्त किया तथा तल्ला देश की जनता को धन्यवाद दिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर राज्य का विकास करने को प्रतिबद्ध है। राज्य के विकास के लिए एक विजन प्लान के तहत कार्य किया जाएगा। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की राज्य के प्रति सद्भावना के दृष्टिगत उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड के विकास को समर्पित है तथा आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को नंबर एक राज्य का दर्जा देने के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को भी जल्द लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुमाऊं अंचल के प्रमुख सत्रह धामों के लिए एक खास कॉरिडोर बनाया जाएगा जिसमे गुरु गोरख धाम भी शामिल है। जिससे सभी प्रमुख धामों का विकास एवं पर्यटन की दृष्टि से क्षेत्र का विकास हो सके। भगवान गोलजू के तीनो प्रमुख धाम यथा चंपावत, अल्मोड़ा एवं घोड़ाखाल के लिए भी एक खास कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद चंपावत को विश्व मानचित्र पर प्रसिद्ध करने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में विशेष कार्य योजना के तहत कार्य कर यहां पर्यटन की संभावनाओं को उभारा जाएगा।
इस दौरान मुख्य मंत्री ने जनपद के विकास के लिए कई घोषणाएं भी की।
1. चंपावत में ए आर टी ओ कार्यालय को खोला जाएगा।
2. बनबसा में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
3. अमोडी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा।
4. मंच उपतहसील में जल्द ही कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
5. टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईआईटी (जतपचसम आईटी) बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
6. चंपावत को अखिल भारतीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र में लाने के लिए पर्यटन विभाग विशेष कार्ययोजना तैयार करेगा।
7. मां पूर्णागिरी मंदिर क्षेत्र व देवीधुरा मंदिर क्षेत्र का विकास प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
8. चंपावत गोल्जू देवता, घोड़ाखाल गोल्जू देवता व चितई गोल्जू देवता को मिलाकर एक विशेष गोल्जू कोरिडोर बनाया जाएगा।
9. चंपावत के चाय बागान से हिंगला देवी तक रोपवे मार्ग बनाने के लिए शीघ्र ही संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाएगा।
10. निम्नलिखित मार्गों को राज्य मार्गों में परिवर्तित किया जाएगा –
ककराली गेट – ठुली गाड़ – भराव मंदिर मोटर मार्ग
सुखीधांग – डाडा मीनार – रीठा साहिब मार्ग
सुखिधांग से श्यामला ताल मोटर मार्ग
इस दौरान विधायकी छोड़ने वाले श्री कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री के चंपावत से चुनाव लडने के फैसले ने उन्हें एवं जनपद की जनता को बहुत बड़ा उपहार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के यहां से चुनाव लड़ने एवं यहां से जीतने के बाद यहां का चहुंमुखी विकास हो सकेगा ।
मुख्यमंत्री ने चंपावत के अमोडी में दुर्घटना के पीड़ितों को राहत चेक भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने बङी संख्या में आए स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की।
इस दौरान जिलाध्यक्ष दीप पाठक, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सतीश पांडे, संगठन मंत्री अजय सिंह भट्ट, नगर अध्यक्ष कैलाश अधिकारी तथा अन्य पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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प्रदेश के वित्त/शहरी विकास मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा स्थित कक्ष में शहरी विकास विभाग के अतंर्गत अमृत योजना-2 के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मंत्री जी ने अमृत योजना-2 के तहत समस्त निकायों को जलापूर्ति योजनाओं से आच्छादित किये जाने हेतु कार्ययोजना व वित्तपोषण, निकायों/शहरों के चयन के मानक तथा 24×7 जलापूर्ति योजना के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक में लगभग 646 करोड़ रूपये की लागत से बनाई गई अमृत-2 योजना के सम्बन्ध में निर्देश दिया कि सम्बन्धित कार्य ससमय और गुणवत्तायुक्त ढंग से पूर्ण कराया जाय।
मंत्री जी को अधिकारियों द्वारा अवगत कराया कि अमृत-2 योजना के अन्तर्गत सीवरेज /सैप्टेज प्रबन्धन का कार्य 07 अमृत नगरों में (देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी-काठगोदाम एवं नैनीताल) किया जा रहा है। बैठक में मंत्री जी को अवगत कराया गया कि अमृत-2 योजना के तहत बजट आवंटन केन्द्र सरकार का 90 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का 10 प्रतिशत है तथा अमृत-2 योजना को तीन फेज में वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
अमृत योजना-2 के तहत 18 स्थानीय निकायों और देहरादून में 24×7 जलापूर्ति का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अमृत योजना-2 के अनुसार जलापूर्ति तथा सीवर परियोजनाओं हेतु उत्तराखण्ड पेयजल निगम को कार्यकारी एजेंसी के रुप में नामित किया जाना प्रस्तावित है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, आनन्द वर्द्धन, सचिव, शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, निदेशक शहरी विकास ललित मोहन रयाल तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा बैठक विधानसभा स्थित कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित की गई।
बैठक में मा॰ मंत्री जी द्वारा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में चर्चा की। मा॰ मंत्री ने विभागीय ढांचे, कृषकों के मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत गेहू/धान की खरीद/आवश्यक वस्तुओं के वितरण/निरीक्षण, बाँट माप तोल के उपकरणों का मानकीकरण एवं प्रवर्तन, राज्य में आवश्यक वस्तुओं के मुल्य नियंत्रण पर निगरानी से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मा॰ मंत्री ने राशनकार्ड धारकों/राशन विक्रेताओं की समस्याओं के निराकरण तथा ग्रामीण महिलाओं को गैस की उपलब्धता शीघ्र कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
मा॰ मंत्री जी ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए प्रभावी जन कल्याणकारी योजना बनाये जाने के निर्देश दिये। जिससे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को सरकारी की योजनाओं का बेहतर लाभ मिल सके।
मा॰ मंत्री ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को साल में 03 एल.पी.जी. सिलेंडर उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे आगामी कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा। मा॰ मंत्री ने राशनकार्ड धारकों को फोर्टीफाइड नमक उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रस्ताव बनाये जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
बैठक में सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति, भूपाल सिंह मनराल, अपर आयुक्त पी.एस. पांगती, संयुक्त आयुक्त/मुख्य विपणन अधिकारी डॉ॰ महेन्द्र सिंह बिसेन तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में पर्यटन एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मानसखण्ड कॉरिडोर विकसित करने एवं रोप-वे निर्माण परियोजनाओं के चिन्हीकरण एवं क्रियान्वयन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसखण्ड कॉरिडोर के अन्तर्गत कुमाऊं मंडल में स्थित महत्त्वपूर्ण मंदिरों को जोड़ने हेतु अच्छी गुणवत्ता की सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने इसमें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जा सकने वाले क्षेत्रों को भी शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि गढ़वाल एवं कुमाऊं की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के क्षेत्र में भी कार्य किया जाए। प्रदेश की ऐसे सभी मार्गों, जिनसे गढ़वाल एवं कुमाऊं को जोड़ा जा सके, को विकसित करने हेतु भी कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश को विकसित किए जाने हेतु रोप- वे विकसित किए की आवश्यकता बताई। इसके लिए उन्होंने पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत गढ़वाल एवं कुमाऊं क्षेत्र में रोप-वे निर्माण की सम्भावनाओं को तलाशते हुए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव लो.नि.वि. श्री आर.के. सुधांशु एवं सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।