चामी टीनेजर्स क्लब अपने गांव में सीटीसी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं मिलन केन्द्र’ का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं।
सौजन्य-डा0अरुण कुकसाल
परम आदरणीय,
आपको यह बताते हुये प्रसन्नता है कि, 01 जनवरी, 2019 से ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ के माध्यम से चामी गांव, पोस्ट- सीरौं (असवालस्यूं) जनपद-पौड़ी (गढ़वाल), उत्तराखण्ड के युवा आपसी तालमेल और संयोजन से ‘सीटीसी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं मिलन केन्द्र’ का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं।
यह सुखद संयोग है कि इन बच्चों के उत्साही प्रयासों को आपका आत्मीय मार्गदर्शन एवं सहयोग हर समय और स्तर पर मिलता रहा है। जिसके फलस्वरूप वर्तमान में समुचित आधारभूत सुविधाओं के माध्यम से बच्चे विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं।
इस संदर्भ में कुछ जानकारियां आपके साथ साझा करने का मन है। वर्तमान में-
1. ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ से 50 से अधिक युवा जुड़े हैं। और, चामी गांव के निकटवर्ती गांवों से भी युवा जुड़ने के लिए प्रयासरत हैं।
2. ‘सीटीसी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं मिलन केन्द्र’, चामी में 3 कम्प्यूटर, 2 मेज, 4 डिसप्ले बोर्ड, 30 कुर्सियां, 4 बुक शैल्फ में 1हजार से अधिक पुस्तकें और अन्य सुविधायें उपलब्ध हैं।
3. कक्षा- 6 से 12 तक के सभी बच्चों के पास पढ़ाई के लिए मोबाइल टेबलेट उपलब्ध है।
4. विगत 3 वर्षों से चामी गांव के विभिन्न विद्यालयों में इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त कर रहे सभी बच्चों के समस्त शैक्षिक व्ययों यथा- फीस, कापी-किताब और ड्रैस की व्यवस्था ‘आडिमिया संस्था’ के आत्मीय शुभचिन्तकों के द्वारा की जा रही है।
इसके अन्तर्गत, प्रत्येक बच्चे की वार्षिक निर्धारित धनराशि को उनके बैंक खातों अथवा चामी गांव में निवास कर रहे उनके अभिभावकों के बैंक खातों में ‘आडिमिया संस्था’ के मित्र स्वयं आनलाइन जमा करते हैं।
विगत वर्ष- 2022 में 23 बच्चों को यह सुविधा मिली है। इस वर्ष चामी गांव के सभी 21 बच्चों के लिए यह प्रक्रिया गतिमान है।
5. यह भी उल्लेखनीय है कि, उक्त सुविधा को विस्तार देने के लिए चामी गांव से इतर अन्य गांवों के बच्चों के लिए भी यह कोशिश की जा रही है।
इसके अन्तर्गत दिल्ली के मित्रों के एक समूह ने विगत वर्ष- 2022 में 12 बच्चों के समस्त शैक्षिक व्ययों को उनके विद्यालयों के खातों में आनलाइन जमा करके यह जिम्मेदारी ली और इस वर्ष- 20 बच्चों के लिए वे प्रयासरत हैं।
6. यह भी महत्वपूर्ण है कि, ‘सीटीसी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं मिलन केन्द्र’, चामी में सभी बच्चों के लिए प्रतिदिन शाम को 4 से 5.30 बजे तक नियमित क्लासेज होती हैं। जिसमें, मुख्यतया स्कूल का होमवर्क, रिवीजन, पढ़ने से संबंधित जिज्ञासा का कार्य उस दिन के लिए नियुक्त अघ्यापक करते हैं। इसके बाद, सांय 5.30 से 6.00 बजे तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमें अनिवार्यतया सामुहिक डांस सम्पन्न होते हैं।
7. यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष- हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ के 8 बच्चों ने प्रतिभाग किया था। इसमें 6 बच्चों ने प्रथम और 2 ने द्वितीय श्रेणी में अपनी परीक्षायें पास की हैं। अन्य कक्षाओं के बच्चे भी अपने विद्यालयों के मेघावी छात्र-छात्रा के रूप में पहचान बनाए हैं।
गांव में रहते हुए न्यूनतम सुविधाओं और पारिवारिक कार्यों का भी निर्वहन करते हुए इन सभी बच्चों की उपलब्धियां शानदार हैं।
यह बेहद सुखद अहसास है कि, ये बच्चे जीवन और जीविका की बेहतर दिशा की ओर गतिशील हैं।
8. इस वर्ष से हाईस्कूल पास करने के उपरान्त सभी बच्चों को लेपटाप देने की योजना है। (विभिन्न मित्रगणों के पुराने लेपटाप जो बिल्कुल ठीक स्थिति में हैं और बच्चों के पढ़ने लिए उपयोगी है, उनसे प्राप्त करके इन बच्चों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
9. उक्त के क्रम में अभी दो बच्चों (तनिष्क और सुजल) को लेपटाप दिया गया है। इसके लिए अभी 6 बच्चे प्रतीक्षारत हैं।
यदि, आप भी अपना पुराना लेपटाप देने के इच्छुक हैं, तो देरी न करें, तुरंत इन बच्चों के उपयोग हेतु देने के लिए संपर्क करें।
10. गांव के आस-पास उपलब्ध मानवीय और भौतिक संसाधनों के उपयोग के तहत अनुभवी, हुनरमंद और विभिन्न विषयों के जानकार, अध्यापकों और प्रशिक्षकों का नियमित मार्गदर्शन और उनसे बच्चों का संवाद कराया जाता है।
11. ‘हैलो हल्द्वानी’ रेडियो से ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ के सदस्यों की विविध विषयों पर नियमित वार्तायें होती हैं। अब तक 25 से अधिक बच्चों की वार्तायें प्रसारित हो चुकी हैं।
12. समर कैम्प के तहत विगत वर्ष- 2022 टीम कौशल, पंजाब द्वारा एक सप्ताह का ‘व्यक्तित्व विकास’ और इस वर्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों द्वारा 15 दिवसीय ‘योगा और रंगमंच अभिनय कार्यशाला’ का आयोजन किया गया है।
13. विभिन्न अभिनव प्रयासों के तहत बच्चों का शैक्षिक भ्रमण और विभिन्न अवसरों पर होने वाले प्रतियोगी कार्यक्रमों में प्रतिभाग कराया जा रहा है।
14. यह तय किया गया है बच्चे अपनी पढ़ाई हिन्दी-अंग्रेजी में करें परन्तु गांव के अंदर अपनी पारिवारिक और निजी बातचीत केवल अपनी मातृभाषा गढ़वाली में करें।
कोशिश यह भी है कि बच्चों के साथ सभी ग्रामवासी और आगन्तुक गांव में केवल गढ़वाली भाषा में आपसी बातचीत करें।
क्योंकि, आने वाले समय में गढ़वाळी भाषा में भी रोजगार की संभावनायें प्रबल हैं। साथ ही, अपनी बोली-भाषा को बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है।
16. बच्चों में जातीय और वर्ग बिषमता न पनपे इसके लिए पहल है कि बच्चे एक-दूसरे से उनके केवल नाम (जाति नहीं) और रिश्ते से आपसी संबोधन और बातचीत करें। लिखने में भी जाति के उल्लेख से बचा जाए। कोशिश है कि यह प्रवृति उनके व्यवहार और तदुपरांत व्यक्तित्व की मूल अभिवृत्ति मे आत्मसात हो।
16. ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ को आधारभूत सुविधायें उपलब्ध कराने में आपका, परिवारजनों, मित्रों, शुभचिन्तकों के साथ-साथ संस्थागत रूप में ‘दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र’, आडिमिया संस्था, अजीम प्रेमजी, सुंदर सिंह चौहान बृद्ध आश्रम, श्री अरविन्द अध्ययन केन्द्र और पराग बुक टीम, टाटा ट्रस्ट के मित्रों ने समय-समय पर मदद की है।
17. उक्त सभी प्रयासों और उपलब्धियों के प्रेरणाश्रोत्र और संबल आप ही हैं। आपने विभिन्न समय और स्तर पर इन बच्चों को अपना आशीर्वाद दिया है। और, इनकी उपलब्धियां आपके पास सच्ची जीवनीय खुशियों के रूप आती रही हैं।
18. अतः विनम्र अनुरोध है कि, अपना वरदहस्त बनाये रखें। आप जिस भी तरह से ‘चामी टीनेजर्स क्लब’ अथवा अन्य गांव के बच्चों की कभी भी-कहीं भी मदद करना चाहें तो उस ओर ‘साथी हाथ बढ़ाना’ के भाव से संपर्क अवश्य कीजिएगा।