अरुणाभ रतूड़ी
जनगणना एवं पुनर्गठन मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विधान सभा भवन स्थित कार्यालय में अधिकारियों के साथ पुनर्गठन विभाग की समीक्षा बैठक ली।
मंत्री ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि दोनों राज्य सरकारों की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर ही हमने पुनर्गठन से संबंधित कई मुद्दों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया है।
मंत्री ने कहा कि हमें खुशी है कि हम ज्यादातर मुद्दों जैसे 24 नहरों को उत्तराखण्ड राज्य को दिया जाना, वन विभाग के मध्य संचित एवं आधिक्य मद की धनराशि का भुगतान किया जाना, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पत्तियों के नीलामी/आवंटन की संयुक्त प्रक्रिया का विकसित किया जाना तथा पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग आदि से संबंधित मामलों का निस्तारण कर चुके हैं।
मंत्री ने लंबित मुद्दों पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा बैठक करने के बाद जल्द ही विभागीय बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य सचिव को दूरभाष के माध्यम से जल्द ही लंबित मुद्दों के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुनर्गठन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं का निस्तारण उत्तराखण्ड सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सम्मिलित प्रयास से पूर्ण हो पाया है।
इस मौके पर सचिव पुनर्गठन चन्द्रेश कुमार, उपसचिव पुनर्गठन एचएस भसेड़ा तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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अध्यादेश को लेकर यूकेडी महिला मोर्चा का प्रदर्शन
उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा ने उत्तराखंड की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण के लिए अध्यादेश लाने की मांग को लेकर विधानसभा भवन के सामने जमकर प्रदर्शन किया।
यूकेडी महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि यदि तत्काल अध्यादेश नहीं लाया गया तो यूकेडी सड़कों पर जन आंदोलन तेज कर देगी।
यूकेडी महिला मोर्चा की केंद्रीय उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ने सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से 2 अक्टूबर को होने वाले प्रदर्शन में भी शामिल होने का आह्वन किया।
यूकेडी महिला नेत्री रमा चौहान ने इस बात के प्रति काफी आक्रोश व्यक्त किया कि मात्र एक शासनादेश के भरोसे सरकार बैठी रही और कमजोर पैरवी के चलते हाईकोर्ट में महिलाओं के अधिकारों को गंवा बैठी।
महिला नेत्री उषा चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय दलों की कोई भी सरकार उत्तराखंड के हितों की रक्षा करने में हमेशा विफल रही है ।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि जब दूसरे राज्यों में वहां की सरकारें महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देती आ रही है तो फिर ऐसे में उत्तराखंड की सरकारों द्वारा पिछले 20 वर्षों में आखिर क्यों कानून नहीं बनाया गया !
यूकेडी के केंद्रीय संगठन महामंत्री मोहन असवाल ने आक्रोश जताया कि उत्तराखंड में कहीं महिलाओं के हाथों से घास छीनी जा रही है तो कहीं नौकरियां, जबकि यह राज्य मातृशक्ति ने अपनी अस्मिता को दांव पर लगाकर बनाया था।
प्रदर्शन मे उत्तराखंड क्रांति दल के सुलोचना ईष्टवाल ,उत्तरा पंत बहुगुणा,रमा चौहान ,ऊमा खंडूरी,ऊषा चौहान,मीना थपलियाल, नीलम लखेड़ा,अनीता असवाल, आशा , शकुन्तला कलूड़ा, रिंकी कुकरेती , ‘दीपा राणा, चीनू’ मौर्य,अनिल डोभाल जी,देवेन्द्र रावत ,प्रताप कुँवर,विपिन रावत,ओम प्रकाश,राजेंद्र गुसाई आदि दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।