जिलाधिकारी ने दिये अवैध रूप से अफीम, खस-खस, भांग एवं पोस्त की खेती को चिन्हित कर नष्ट करने व उत्पादक पर एफआईआर करने के निर्देश।-www.janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूडी़

जिलाधिकारी ने दिये अवैध रूप से अफीम, खस-खस, भांग एवं पोस्त की खेती को चिन्हित कर नष्ट करने व उत्पादक पर एफआईआर करने के निर्देश।

16 सितंबर, 2023ः जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशे को उपलब्ध कराने में संलिप्त पाये जाने वाले पैडलरों और तस्करों पर शक्त  वैधानिक कार्यवाही और गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की कार्यवाही पूर्ण करें।लाइसेंसधारी उत्पादकों के उत्पादन पर भी रखें नजर-लाइसेंस की आड़ में मानक का उल्लंघन ना हो।जिनके खेतों में अवैध रूप से भांग-अफीम पायी जाती है सीधी एफआईआर दर्ज करें तथा संबंधित प्रधान को भी बनायें जवाब देह।नशे की गिरफ्त में आने वाले बच्चों की  संगत चैक कर प्रोफाइल-पारिवारिक पृष्ठभूमि तक का करें होमवर्क।नशामुक्ति से संबंधित डिजाइन किया गया फ्लैक्स-बोर्ड प्रत्येक कार्यालय में लगाना करें अनिवार्य।मेडिकल स्टोर्स पर ड्रग इंस्पैक्टर छापेमारी बढ़ायें।

दिनांकः 15 सितंबर, 2023ः जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में अवैध रूप से होने वाली अफीम, खस-खस, भांग एवं पोस्त की खेती पर लगाम लगाने के संबंध में जनपद स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने जनपद  की सीमा में अवैध रूप से होने वाली अफीम, खस-खस, भांग एवं पोस्त की खेती का चिन्हीकरण करते हुए उसको नष्ट करने के राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग और संबंधित विभागों को निर्देश दिये।
उन्होंने सख्त  निर्देश दिये कि बच्चों को तथा अन्य लोगों को नशा उपलब्ध कराये जाने वाले पैडलरों की पहचान करते हुए उन पर कठोर वैधानिक कार्यवाही करें व गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की कार्यवाही भी अमल में लाएं।
उन्होंने ऐसे लाइसेंस धारक उत्पादकों के उत्पादन क्षेत्रों पर भी बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिये कि लाइसेंस की आड़ में कहीं मानक का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा है यदि ऐसा पाया जाता है तो लाइसेंस निरस्त करते हुए उन पर भी कानूनी कार्यवाही की जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिनके खेतों में तथा अहाते (प्रिमाइजेशन) में भांग, अफीम उत्पादित पायी जाए उन पर एफआईआर दर्ज करें तथा संबंधित ग्राम प्रधान को भी इस बात के लिए जिम्मेदार बनायें कि ऐसे अवैध उत्पादन की उनके द्वारा सूचना क्यों नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आने वाले स्कूली बच्चों तथा अन्य लोगों की प्रोफाइल चैक करें तथा उसकी तह तक जायें कि किस तरह के नशे के आदी हैं, कब से हैं कौन उपलब्ध करा रहा है, क्या कारण हैं इत्यादि पारिवारिक पृष्ठभूमि तक का डाटा खंगालें।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सक्त चेतावनी दी कि ड्रग इंस्पैक्टर के माध्यम से नियमित रूप से मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण करें तथा देखें कि उसकी आड़ में नशे वाली चिजों की बिक्री तो नहीं की जा रही है तथा सीसीटीवी कैमरा भी सभी मेडिकल स्टोर पर लगवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण आदि विभागों को विभिन्न विश्वविद्यालयों, तकनीकी व मेडिकल संस्थानों, कॉलेजों व स्कूलों में समय-समय पर नशामुक्ति विषय से संबंधित सेमिनार का आयोजन करते रहने को कहा। प्रत्येक वाहन पर नशामुक्ति संबंधित पट्टी या संकेतक लगवाने के संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिये।
वरिष्ट पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने भी सभी संबंधित विभागों, संस्थाओं  और संगठनों को जनपद को नशामुक्त कराने के लिए गंभीरता से प्रयास करने तथा किये जाने वाले प्रयासों के आउटकम का अध्ययन करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार जया बलूनी, मुख्य शिक्षाधिकारी दिनेश चंद्र गौड़ सीओ वैभव सैनी, जिला आबकारी अधिकारी के0पी0 सिंह, एसडीओ वन विभाग लक्की शाह, सहायक समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।