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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भराड़ीसैंण में बद्री गाय ट्रेनिंग सेण्टर खोले जाने एवं दुग्ध उत्पादको हेतु दुग्ध दरों में एक रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान और पशुपालक देश, राज्य के विकास की नींव होते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। किसानों और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य पशुधन मिशन योजना शुरु की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है साथ ही अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचकर उनका उत्थान एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने को संकल्पित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले दो वर्ष में दुधारू पशुओं, खच्चर, भेड़-बकरी, सूकर और मुर्गी पालन की लगभग 4500 इकाईयों की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पारिवारिक पोषण और आजीविका को सुरक्षित बनाने के साथ ही पलायन को रोकने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाएं शुरु की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार गोट वैली योजना संचालित की जा रही है जिसके जरिए लगभग 1500 लाभार्थियों को एन०सी०डी०सी० के ऋण सहित लगभग 17 हजार से अधिक बकरियाँ वितरित की गई हैं। पोल्ट्री वैली तथा ब्रायलर फार्म की स्थापना करते हुए राज्य के कुक्कुट पालकों को कुक्कुट पालन व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके तहत 10 जिलों में 4000 कुक्कुट पालकों को लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भी किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश में पहली बार “नेशनल डिजिटल लाईवस्टेक मिशन योजना“ उत्तराखण्ड से प्रारम्भ की है। वर्तमान में राज्य के 95 प्रतिशत पशुधन को UID नम्बर प्रदान कर भारत पशुधन ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर लिया गया है। केंद्र सरकार की सहायता से 60 मोबाईल वेटनरी यूनिटों के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा, टीकाकरण, रोग परीक्षण आदि सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक सवा लाख से अधिक पशुओं की चिकित्सा मोबाईल वेटनरी यूनिट के माध्यम से संपादित की जा चुकी हैं और 60 पशु चिकित्सकों के साथ-साथ 120 अन्य लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष 35 और मोबाईल वेटनरी यूनिट स्थापित कर राज्य के सभी 95 विकासखण्डों में पशु चिकित्सा एवं पशु प्रजनन सेवाएँ सुनिश्चित करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित “राष्ट्रीय गोकुल मिशन“ योजना के तहत देहरादून में स्वदेशी गोवंशीय प्रजातियों हेतु प्रथम बार भ्रूण प्रत्यारोपण उत्कृष्ठता केंद्र स्थापित किया गया है।
कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में पशुपालन के महत्त्व पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि बिना पशुपालन के क़ृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है तथा जैविक खेती का मूल आधार भी पशुपालन ही है। उन्होंने सरकार की उपलब्ध्यिं का जिक्र करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों में पांच हजार से अधिक नियुक्तियां की गयी हैं, नकल विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया गया है तथा 100 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनकर लगभग तैयार हो गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये पशुपालन, दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि हमने जितनी भी नीतियां पशु पालन विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत कीं, उन्हें उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। जिसके परिणामस्वरूप आठ नई नीतियां बनाई गयीं, उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में पहली बार लाइव स्टॉक मिशन की स्थापना की, जिसके तहत 1800 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 185 आवेदनों के लिये चार करोड़ आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी तथा हमारा प्रयास है कि जितने भी आवेदन आये हैं, उन्हें भी इसके तहत लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा मूल रूप में पशुधन राज्य की आर्थिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र अंथवाल, अध्यक्ष ग्रामीण बैंक श्री हरिहर पटनायक, निदेशक पशुपालन श्री नीरज सिंघल, अपर निदेशक श्री पी.एस भण्डारी, श्री नीरज बोरा, लाभार्थीगण सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।