पौड़ी:- निकायों के क्षेत्रांतर्गत शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा-144 लागू-जिला मजिस्ट्रेट। WWW.JANSWAR.COM

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निकायों के क्षेत्रांतर्गत शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा-144 लागू-जिला मजिस्ट्रेट।

पौड़ी:- उत्तराखण्ड शासन, शहरी विकास अनुभाग-03 की अधिसूचना संख्या-1540/IV(3)/2024 11(3 निर्वा0)/2024 दिनांक 23 दिसम्बर 2024 के अनुसार समस्त उत्तराखण्ड प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत सामान्य निर्वाचन-2024 के तहत आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है।

जनपद पौड़ी गढ़वाल के नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान द्वारा दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा-144 के तहत नगर निगम क्षेत्र कोटद्वार / श्रीनगर, नगर पालिका क्षेत्र पौड़ी/दुगड्‌डा, नगर पंचायत क्षेत्र जौक स्र्वांगाश्रम / सतपुली / थलीसैंण हेतु निम्नलिखित निषेधाज्ञा जारी की गई है:

(1) जनपद पौड़ी गढ़वाल की उक्त निर्वाचन सीमा क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी सभा या बैठक संबन्धित रिटर्निंग ऑफिसर / सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की बिना अनुमति के नही की जायेगी।

(2) जनपद पौड़ी गढ़वाल के उक्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत निर्वाचन सीमान्तर्गत कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थापर पर 05 या 05 से से अधिक व्यक्तियों का समूह बिना अनुमति के नही बनायेगा और न ऐसे समूहों में शामिल होगा। यह प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों, शिक्षण संस्थानों में शिक्षा हेतु एकत्र हुये अध्ययनरत विद्यार्थियों, व उद्योग धंधों / इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, पर लागू नहीं होगा।

(3) कोई भी व्यक्ति वर्ग, समुदाय किसी भी प्रकार का भडकाने वाला व्यक्तव्य नहीं देगा और न ही किसी भी प्रकार के इशारे करेगा और न ही नारें इत्यादि लगायेगा और न ही पम्पलेट इत्यादि वितरित करेगा और न ही किसी भी प्रचार हेतु सम्बन्धित रिटर्निंग ऑफिसर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर उपजिला मजिस्ट्रेट/नगर मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थल का प्रयोग करेगा।

(4) किसी प्रत्याशी / राजनैतिक दल अथवा उनके समर्थकों द्वारा चुनाव प्रचार हेतु ध्वनि विस्तारक यंत्र/उपकरणों का प्रयोग, जुलूस जनसभा, रोड़ शो, रैली आदि सम्बन्धित रिटर्निंग ऑफिसर / सहायक रिटर्निंग ऑफिसर उपजिला मजिस्ट्रेट/नगर मजिस्ट्रेट या सक्षम स्तर की अनुमति के बगैर नही करेगा न ही उत्तेजनात्मक नारे आदि लगवायेगा। प्रतिबन्ध यह होगा कि इस आदेश की तिथि से किसी भी व्यक्ति / संस्थान/संगठन / राजनैतिक दल/अभ्यर्थी के द्वारा प्रातः 06:00 बजे से रात्री 10:00 बजे तक के अतिरिक्त लाउडस्पीकर या अन्य किसी ध्वनि विस्तारक यन्त्र का प्रयोग नही किया जायेगा, प्रयोग में लाये जाने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन राजनैतिक दल/अभ्यर्थी/व्यक्ति / संस्था सहित विवरण देकर लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी।

(5) विद्यालयों, चिकित्सालयों तथा धार्मिक स्थलों के समीप ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जायेगा।

(6) कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का आग्नेयास्त्र, लाठी, डण्डा, तलवार, चाकू या कोई ऐसी वस्तु लेकर प्रवेश नहीं करेगा जो किसी दूसरे व्यक्ति के विरूद्ध हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन भी नहीं करेगा, किन्तु यह प्रतिबन्ध ऐसे सुरक्षा कर्मियों पर लागू नहीं होगा जो अपने प्रतिनिधित्व कर्तव्य के लिये उक्त वैध हथियार अपने पास रखते हों तथा उसको रखने के लिये प्राधिकृत है। यह प्रतिबन्ध सिक्ख धर्म के अनुयायी उन व्यक्तियों पर लागू नही होगा जो धार्मिक आधार पर कृपाण धारण करते हों तथा बृद्धावस्था, अपंगता या अन्य प्रकार की अस्वस्थता के कारण लाठी लेकर चलते हों या रखते हैं।

(7) कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर ईंट, पत्थर या फेंक कर मारे जाने वाली वस्तुएँ एकत्रित नहीं करेगा और न करायेगा।

(B) कोई भी व्यक्ति/राजनैतिक दल / अभ्यर्थी प्रचार-प्रसार के दौरान भारत की अखण्डता को क्षति पंहुचाने वाली अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करेगा और न ही ऐसे नारे लगाएगा, जिससे किसी भी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचे या शान्ति भंग होने की सम्भावना हो।

(9) कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की झूठी अफवाहों या खबरों को प्रकाशित / प्रसारित नहीं करेगा न करायेगा और न ही इसका विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से प्रसारण में सहायक होगा, जिसमें आम जनता विभिन्न वर्गों, सम्प्रदायों के साथ घृणा व द्वेष की भावना उत्पन्न हो, अथवा शान्ति भंग होने की सम्भावना हो।

(10) कोई भी राजनैतिक दल किसी विपक्षी दल के संबन्ध में सिवाय उसकी नीतियों, कार्यकमों एवं उसके किए गए कार्य की आलोचनात्मक समीक्षा के अतिरिक्त कोई भी व्यक्तिगत अथवा कोई ऐसा आक्षेप नही लगाएगा, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो।

(11) कोई भी व्यक्ति राजनैतिक दल जातिगत एवं धार्मिक भावनाओं आदि को मतों को आकृष्ठ करने के उद्देश्य से नहीं भडकाएगा।

(12) कोई भी व्यक्ति शिक्षण संस्थाओं, दुकानों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों आदि को जबरदस्ती बन्द करवाने का न तो प्रयास करेगा, न ही इसके लिये प्रेरित करेगा।

(13) कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल धार्मिक स्थान जैसे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा, चर्च इत्यादि का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये किसी भी दशा में नहीं किया जायेगा। उत्तराखण्ड लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 2003 के अनुसार किसी भी लोक सम्पत्ति को अनुमति के बिना होडिंग, पोस्टर, बैनर इत्यादि के माध्यम से प्रचार-प्रसार हेतु प्रयोग में नहीं लायेगा।

(14) कोई भी राजनैतिक दल तथा प्रत्याशी मतों को आकृष्ट करने के उद्देश्य से न ही किसी को डरायेगा न ही रिश्वत देगा और न ही अपने पक्ष में करने के लिये उपहार, पैसा/धन देगा और नहीं भोजन पार्टी आि का आयोजन करेगा।

(15) कोई भी राजनैतिक दल तथा प्रत्याशी मतदाताओं को मतदान दिवस पर उनके मतदेय स्थलों तथ व्यक्तिगत अथवा अन्य वाहनों से नहीं पहुंचायेगा।

(16) जनपद अन्तर्गत समस्त मतदान केन्द्रों से 200 मी० परिधि के अन्दर मतदाता अभ्यर्थी या चुनाव अभिकर्ता मतदान अभिकर्ता एवं निर्वाचन कार्य से सम्बन्धित शान्ति व्यवस्था में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारी, पुलिस बल के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा।

(17) निर्वाचन प्रचार-प्रसार हेतु पॉलिथिन सामग्री व अन्य प्रतिबंधित सामग्री का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा।

(18) किसी भी दशा में राजकीय वाहनों उपयोग चुनाव प्रचार / प्रसार में नहीं किया जायेगा।

(19) निजी सम्पत्ति पर बिना स्वामी की अनुमति के प्रचार / प्रसार (पोस्टर/बैनर) चस्पा नहीं की जायेगी।

(20) किसी के द्वारा भी किसी भी राजकीय सम्पत्ति का प्रयोग राजनीतिक गतिविधियों जैसे प्रचार-प्रसार राजनीतिक बैठक आदि के लिये नही किया जायेगा, ना ही किसी भी प्रकार से राजकीय सम्पत्ति को क्षति पहुँचायी जायेगी।

(21) यह आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेगा जब तक कि इस आदेश को इससे पूर्व वापस न लिया जाये। यह आदेश जनपद पौड़ी गढ़वाल की समस्त नगर निगम / नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र सीमा के अन्तर्गत रहने वाले या निषेधाज्ञा अवधि में आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों पर लागू होगा।

चूँकि यह मामला विशेष परिस्थितियां आपातकालिक स्वरूप का है तथा यह सम्भव नही है कि व्यक्ति एवं व्यक्तियों के समूह को धारा 111 सी०आर०पी०सी० का नोटिस दिया जा सके अथवा आदेश से सूचित किया जा सके। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप में पारित किया जा रहा है, इस आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासंगिक प्राविधानों व नियमों के तहत अनुमन्य न होने के कारण भा०८०स० की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय है।