बदलते समय के साथ महिलाएं तकनीकी नवाचार का उपयोग करें – राज्यपाल। WWW.JANSWAR.COM

(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘गार्गी’’ चैटबॉट का अनावरण किया।

राजभवन देहरादून:- वसंतोत्सव के दूसरे दिन राजभवन, देहरादून में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित चैटबॉट ‘‘गार्गी नारी शक्ति’’ का अनावरण किया। इस चैटबॉट के माध्यम से महिलाएं तकनीकी का उपयोग कर कानूनी सहायता, करियर परामर्श, वित्तीय साक्षरता, सुरक्षा उपायों और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सहायता प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मातृ शक्ति इस चैटबॉट का उपयोग कर तकनीकी रूप से और सशक्त बनेंगी। उन्होंने इस चैटबॉट को तैयार करने वाले सिद्धार्थ माधव और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

वसंतोत्सव के सायंकालीन कार्यक्रमों में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं, जिनमें सदानंद विश्वास के कथक धरोहर दल द्वारा विशेष शिव त्रिपुण्ड कथक प्रस्तुति और उप्रेती बहनों, ज्योति और नीरजा उप्रेती की मनमोहक प्रस्तुति शामिल रही। इन मनमोहक प्रस्तुतियों का उपस्थित दर्शकों ने खूब आनंद लिया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में नारी शक्ति को समाज और राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण धुरी बताते हुए कहा कि नारी सृजन, शक्ति और संस्कार का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को समान अवसर दिए जाते हैं, तो वे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करती हैं। बदलते समय के साथ यह जरूरी हैं कि हमारी मातृ शक्ति तकनीकी नवाचार का उपयोग करें। गार्गी चैटबॉट के माध्यम से महिलाएं तकनीकी रूप से सशक्त होंगी। उन्होंने भारतीय संस्कृति में महिलाओं की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहां समृद्धि और प्रगति स्वतः ही आती है। उन्होंने उत्तराखण्ड की महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे न केवल परिवार और समाज को सशक्त बना रही हैं, बल्कि कृषि, व्यापार, शिक्षा, सेना, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला, भोले जी महाराज, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव संस्कृति युगल किशोर पंत, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, महानिदेशक यूकॉस्ट दुर्गेश पंत, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित उद्यान विभाग के अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।