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महान तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन: संगीत जगत में एक युग का अंत।
जाकिर हुसैन एक प्रसिद्ध भारतीय तबला वादक हैं। उनका जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता अल्लाह रक्खा खान भी एक प्रसिद्ध तबला वादक थे।
जाकिर हुसैन ने तबला वादन की शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की और बाद में उन्होंने पंडित रवि शंकर के साथ भी काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की और जल्द ही वे एक प्रसिद्ध तबला वादक बन गए। जाकिर हुसैन ने कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया है, जिनमें पंडित रवि शंकर, येहुदी मेनुहिन, जॉर्ज हैरिसन और जॉन मैकलॉफलिन शामिल हैं। उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किए हैं और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्म श्री और पद्म भूषण शामिल हैं।
जाकिर हुसैन को उनकी अद्वितीय तबला वादन शैली के लिए जाना जाता है, जो पारंपरिक भारतीय संगीत और आधुनिक विश्व संगीत का मिश्रण है। उन्हें भारतीय संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
जाकिर हुसैन के कुछ प्रमुख पुरस्कार और सम्मान हैं:
- पद्म श्री (1988) पद्म भूषण (2002)
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1990)
- ग्रैमी पुरस्कार (1992)
- भारतीय संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अन्य पुरस्कार और सम्मान।
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जाकिर हुसैन जी की मृत्यु की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वह एक महान तबला वादक थे जिन्होंने भारतीय संगीत को विश्वभर में प्रसिद्ध किया।
उनकी तबला वादन की अद्वितीय शैली और उनके संगीत की गहराई ने उन्हें एक महान संगीतकार बनाया था।