(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)
महाराजा सुहेलदेव ने मुगल आक्रांताओं का किया था मुकाबला : प्रेमचंद।
ऋषिकेश:- राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव जयंती आयोजन समिति की ओर से 23वाँ जयंती महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और महाराजा सुहेलदेव को मुगल आक्रांताओं के लिए यमराज की संज्ञा दी। कहा कि उनके पराक्रम और शौर्यता से मुगल शासक भय मानते थे।
बीती देर शाम को चंद्रेश्वर नगर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल, मेयर शंभू पासवान ने संयुक्तरूप से महाराजा सुहेलदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश का इतिहास वो नहीं है जो भारत को गुलाम बनाने वाले और गुलामी की मानसिकता रखने वालों ने लिखा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि इतिहास वो है जो लोककथाओं के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाता है। अपने पराक्रम से मातृ भूमि का मान बढ़ाने वाले महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में वो स्थान नहीं मिला जिसके वो हकदार थे। कहा कि इतिहास लिखने वालों ने हमारे राष्ट्र नायकों के साथ जो अन्याय किया आज का भारत उसे सुधार रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बहराइच में 16 फरवरी 2021 को महाराजा सुहेलदेव को सही मायने में सम्मान देने का कार्य किया। पीएम ने बहराइच में उनके स्मारक का शिलान्यास किया था। जिसमें उनकी एक घोड़े पर सवार प्रतिमा भी थी। साथ ही इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने एक मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव राजभर मेडिकल कॉलेज रखने का काम किया और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
मेयर शंभु पासवान ने बताया कि 11वीं शताब्दी के प्रतापी शासक व पराक्रमी योद्धा महाराजा सुहेलदेव राष्ट्र नायक के साथ धर्मरक्षक भी थे। लगभग एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांत से इस धरती को सुरक्षित करने के लिए अपने शौर्य व पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले सुहेलदेव की आज जयंती है।
मेयर ने बताया कि 11वीं सदी में महमूद ग़ज़नवी के भारत पर आक्रमण के दौरान सालार मसूद ग़ाज़ी ने बहराइच पर आक्रमण किया, लेकिन वहां के राजा सुहेलदेव से बुरी तरह पराजित हुआ और मारा गया। सालार मसूद ग़ाज़ी की यह कहानी चौदहवीं सदी में अमीर खुसरो की क़िताब एजाज़-ए-खुसरवी और उसके बाद 17वीं सदी में लिखी गई क़िताब मिरात-ए-मसूदी में मिलता है।
इस अवसर पर मेयर शंभू पासवान, पूर्व मेयर अनीता, कार्यक्रम अध्यक्ष लल्लन राजभर, अध्यक्ष महाराजा सुहेलदेव राजभर समिति वीर बहादुर राजभर, महासचिव राज कुमार राजभर, कोषाध्यक्ष सतीश राजभर, उपाध्यक्ष प्रमोद राजभर, सुजीत यादव, भीष्म नारायण राजभर, कार्यक्रम संयोजक परमेश्वर राजभर, राजाराम राजभर, मार्कण्डेय राजभर, गौरव राजभर, प्रेम राजभर, राकेश राजभर, रामाशीष राजभर आदि उपस्थित रहे।