मुख्यमंत्री ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उत्तराखण्ड में चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के तहत उत्तराखण्ड में चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने डाटकाली के निकट एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य एवं डाटकाली में बन रहे टनल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से कार्य प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कार्यदाई संस्थाओं को निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से सबंधित जो भी कार्य होने हैं, उनमें तेजी लाने के लिए एनएचएआई को जो भी आवश्यक सहयोग चाहिए होगा, राज्य की ओर से दिया जायेगा, ताकि कार्यों में किसी भी प्रकार से विलंब न हो। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उत्तराखण्ड में होने वाले कार्यों के लिए रात्रि में भी अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से उत्तराखण्ड को बहुत फायदा होगा। दिल्ली और उसके आस-पास के लोगों को उत्तराखण्ड आने में काफी सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही है। इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर कार्य कर रहे श्रमिकों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों से कहा कि इन श्रमिकों के स्वास्थ्य, रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2024 तक एक्सप्रेसवे के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रयास किये जा रहे हैं, कि उससे पूर्व ही ये कार्य पूर्ण किये जाएं।
इस अवसर पर चीफ इंजीनियर लोक निर्माण विभाग श्री अयाज अहमद, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, अपर सचिव श्री विनीत कुमार एवं एनएचएआई के अधिकारी उपस्थित थे।
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अल्मोड़ा समाचार
अल्मोड़ा जिले के अ.जा.अ.ज.जा.के बीएड् के छात्रों ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत की
अल्मोड़ा: (अशोक कुमार पाण्डेय): सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति के बी एड छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का लाभ प्रदेश में अल्मोड़ा जनपद के छात्रों को विभागीय लापरवाही के कारण नहीं मिल पा रहा है जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में यह लाभ प्राप्त हो रहा है इस संदर्भ में छात्रों के एक शिष्टमंडल ने सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात की तथा इस समस्या से अवगत कराया तथा जिलाधिकारी को भी इस संदर्भ में ज्ञापन दिया छात्रों ने बताया कि गरीब परिवारों के अनुसूचित जाति व जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति प्राप्त न होने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा इस वर्ष जब उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया तो विभाग की वेबसाइट में उनके आवेदन पत्र को स्वीकार कर लिया गया परंतु बाद में सभी आवेदनों को निरस्त कर दिया गया इससे छात्रों में रोष है। इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि वह शीघ्र ही इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों से जानकारी लेकर छात्रों की समस्याओं का निदान करेंगे इस अवसर पर धर्मवीर आर्य पीयूष कुमार आशीष कुमार मुकुल कुमार अशोक लाल ओमप्रकाश राहुल टम्टा धर्मेंद्र बिष्ट कैलाश गुरुरानी दर्शन रावत मनोज जोशी सुनील जोशी आदि उपस्थित थे ।
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एम्स ऋषिकेश ने करौंदी रूड़की क्षेत्र में नेत्र परीक्षण व नेत्रदान जनजागरुकता शिविर लगाया
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की ओर से करौंदी, रुड़की क्षेत्र में नेत्रदान जनजागरुकता एवं नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 252 लोगों के आंखों की जांच की, साथ ही उन्हें दवा का वितरण भी किया गया। शिविर में 84 लोगों ने नेत्रदान की शपथ ली।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान के नेत्र रोग विभाग व रुड़की के करौंदी स्थित बालाजी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में नेत्र परीक्षण एवं नेत्रदान जनजागरुकता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान के चिकित्सकों ने मरीजों की आंखों की सघन जांच की व जरुरतमंद लोगों को दवा के साथ ही चश्मे के नंबर उपलब्ध कराए।
शिविर के आयोजन में नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल, प्रोफेसर अजय अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर नीति गुप्ता, बालाजी विद्यापीठ रुड़की के प्रबंधक शिव कुमार सिंह, प्रधानाचार्य शशी चौधरी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहमद जुनेद का विशेष सहयोग रहा। शिविर में डॉक्टर नीरज सिंह ढड्रवाल, डॉक्टर हिमानी पाल, डॉक्टर उमेश यादव,ऑप्ट्रोमेट्रिश मोहित अग्रवाल व यश शर्मा ने लोगों की नेत्र जांच की।
शिविर में प्रतिभाग करने वाले संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सकों ने बताया कि परीक्षण के दौरान 46 रोगियों में मोतियाबिंद, 4 रोगियों में काला मोतिया रोग, जबकि कई अन्य बच्चों और वृद्धजनों में अपवर्तक त्रुटि का पता चला है। इन्हें चश्मे के नंबर दिए ग ए। चिकित्सकों ने आंखों की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उपयुक्त उपचार की सलाह दी।
संस्थान की डीन प्रोफेसर जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल की देखरेख में एम्स आई बैंक के प्रबंधक एवं नर्सिंग अधिकारी महिपाल चौहान, काउंसलर बिंदिया भाटिया ने लोगों को व्याख्यान के माध्यम से नेत्रदान के लिए जागरुक किया व उन्हें नेत्रदान महादान को लेकर प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने 84 लोगों को नेत्रदान की प्रतिज्ञा दिलाई।
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धाद ने कक्षा कोना में दस कथाकारों की कहानियां शामिल करेगा का निर्णय तथा ग्वालपुजै का आयोजन किया।
उत्तराखण्ड की नई पीढ़ी तक उत्तराखण्ड के साहित्य और सरोकार पहुंचाना और उसे शामिल करना सबका सामाजिक दायित्व है और इस दिशा में धाद की पहल पर सहयोग से चल रहे सामाजिक अभियान कोना कक्षा का दस कथाकारों की दस कहानियां धाद के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न स्कूलों और छात्रों को भेंट की जाएंगी। उत्तराखण्ड के दस कथाकारों की दस कहानियों के लोकार्पण के साथ यह बात धाद के केंद्रीय सचिव तन्मय ने कही।
फूलदेई के अवसर पर रूम टू रीड के सहयोग से धाद स्मृति वन में नगर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति में लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ डॉ विद्या सिंह के संपादन और कल्पना बहुगुणा सुनील भट्ट और मुकेश नौटियाल के संपादन सहयोग के साथ प्रकाशित इस किताब को रूम टू रीड की स्टेट हेड पुष्पलता रावत,धाद के केंद्रीय उपाध्यक्ष डी सी नौटियाल,कोना कक्षा का के संयोजक गणेश चंद्र उनियाल के साथ सभी वक्ताओं ने जारी किया
पुस्तक का परिचय देते हुए डॉ विद्या सिंह ने कहा उत्तराखंड के श्रेष्ठ कथाकारों की कहानियों का चयन उसकी लिखित पाठकों यानि छात्रों को ध्यान में रखते हुए करना एक चुनौती थी लक्ष्य था कि बच्चे इस बहाने कहानी और पाठन के नजदीक पहुँचें। दस कथाकार दस कहानियों के नाम से तैयार इस किताब में रमा प्रसाद घिडियाल ‘पहाड़ी’, शिवानी, दयानंद अनंत, कुसुम चतुर्वेदी, शैलेश मटियानी, शेखर जोशी, विद्यासागर नौटियाल, मनोहर श्याम जोशी, मोहन थपलियाल, ओम प्रकाश वाल्मीकि की कहानियां शामिल की गयी हैं
कोना कक्षा का के संयोजक गणेश चंद्र उनियाल ने कहा आज इस अभियान में सैकड़ों लोग जुटे हैं और हजारों बच्चों तक लाखों की किताब पहुंचाई जा रही हैं 700 से अधिक कोनों की स्थापना के बाद अब इसका लक्ष्य 1000 किताबों के कोने स्थापित करने का है उन्होंने साहित्यकारों और आम समाज से इस अभियान का हिस्सा बनने के लिये अपील की।
कल्यो फ़ूड फेस्टिवल : ग्वाल पूजै आयोजन का विशिष्ट पक्ष कल्यो फ़ूड फेस्टिवल का पक्ष भी रहा जहाँ फूलदेई के अवसर पर बच्चों द्वारा किये जाने वाले ग्वाल पूजै के आधार पर इस बार का भोज का विषय रखा गया कल्यो की संयोजक मंजू काला ने कहा कि पहाड़ के चरवाहे बच्चों के द्वारा सामूहिक रूप से जंगलों और खेतों में बनाये गये भोजन को कहते हैं, त्यौहार पर बच्चों द्वारा घरों की देहरी पर अलसुबह डाले गये फूलों की एवज में दक्षिणा के तौर पर जो मोटा अनाज, आलू आदि मिलता था उसे पहाड़ के बच्चे गाय चुगाते वक्त खेतों में या जंगलों में सामूहिक रूप से भोज बनाते वक्त उपयोग में लाते थे। इस बार के समूह भोज में हरे सेब का सुगंधित फ्रूट पंच, बाजरे के कटलेट ( उर्फ़ चिमिया), मूंग- आलू की बड़ी, पुदीना-हरे टमाटर की चटनी,बाजरे की मीठी मठरी,आलू का खास” पहाड़ी झोल”,कोदों का उपमा, रिखणी दाल, डले वाला पहाड़ी भात,सीताफल (पके लाल कद्दू का रायता), रल्यौ” सलाद,बाजरे की लाप्सी,अदरक की मसाला चाय शामिल रही। इस अवसर पर ऑर्गेनिक उत्पादन के लिए काम कर रहे कर्नल विकास गुसाईं और साहित्यकार लक्ष्मी नौडियाल ने भी अपनी बात रखी।
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मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र चन्दोला के निधन पर दुख व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार श्री हरीश चंद्र चंदोला के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने स्व.श्री चंदोला के निधन को पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।