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उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग द्वारा राजभवन में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
राजभवन देहरादून 24 जनवरी, 2024:- उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग द्वारा राजभवन में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने बहादुर बेटियों कु. आराधना एवं कु. नाजिया को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया। पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड खिर्सु की 10 वर्षीय बालिका, आराधना द्वारा 2023 में बहादुरी का परिचय देते हुए गुलदार से अपने 07 वर्षीय भाई की जान बचाई थी। 2023 में ही देहरादून के विकासखंड सहसपुर की 10 वर्षीय बालिका नाजिया नेे गुलदार के हमले से अपने 03 भाईयों की जान बचाई थी। राज्यपाल ने दोनों बच्चियों को प्रशस्ती पत्र दिया और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने बाल संरक्षण आयोग द्वारा बनाए गए बाल विधायकों कु. भूमिका रौथाण, कु. दीक्षा खर्कवाल, कु. अगमसिफत कौर, कु. काजल कश्यप, कु. सुमेधा उपाध्याय को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया। बाल कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए भी उन्होंने श्रीमती गीतिका शर्मा, प्रज्ञा भारद्वाज, राजेन्द्र प्रसाद, गुरप्रीत सिंह एवं श्रीमती मंजू शर्मा को भी सम्मानित किया।
‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तेजी से स्थिति बदल रही है, उसमें कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बदलाव की क्रांति का नेतृत्व हमारी महिलाओं एवं बेटियों द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज निरंतर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिकाएं निभा रही हैं। फाइटर प्लेन हो या स्पेस हो या फिर देश की सीमाओं की रक्षा हो, हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं छोटे-छोटे उद्योग चलाकर समाज में बड़ा बदलाव ला रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार हमारी बेटियों की क्षमता है वे आसमान को छूने में ही सक्षम नहीं हैं, बल्कि वे ब्रह्मांड तक पहुंचने का जज्बा रखती हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं तो लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस हमारी प्रतिबद्वता को दोहराने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूत करने का एक अवसर है। यह बेटियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है। राज्यपाल ने कहा कि आज के दिन का उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देना और बालिका शिक्षा, उनके स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरुकता बढ़ाना है।
राज्यपाल ने कहा कि हम सभी बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें और उन्हें अपनी अदभूत प्रतिभा निखारने के अवसर मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि बेटियां हमेशा अपनी सोच और अपना लक्ष्य ऊंचा रखें और अपने आत्ममूल्य को पहचानें। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि बेटियों को स्कूल ड्रॉप आउट को कम करने और उन्हें मानव तस्करी जैसे अपराधों से बचाना हम सभी के लिए चुनौती के रूप में है। इस अवसर पर आयोग द्वारा तैयार कराई गई फिल्म ‘छूने चली है आसमान’ को प्रदर्शित किया गया जिसे सभी लोगों ने सराहा।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने अपने संबोधन में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के क्रियाकलापों और गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आयोग द्वारा नशा प्रवृत्ति, बाल अधिकारों, बाल विवाह, अवैधानिक रूप से संचालित कोचिंग इंस्ट्यूिटस, शासन स्तर पर किड्स स्कूलों हेतु नियमावली तैयार किये जाने पर आयोग स्तर से की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया। बालक-बालिकाओं में विधानसभा की कार्यप्रणाली को समझने व उससे जागरुकता हेतु आयोग स्तर से आयोजित बाल विधानसभा-2022 से भी अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम में आयोग के सचिव प्रदीप सिंह रावत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, दीपक गुलाटी, अजय वर्मा, श्रीमती रेखा रौतेला, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के साथ-साथ राज्यमंत्री स्तर के दायित्वधारी श्री कैलाश पंत, श्री मूरतराम नौटियाल, श्री विश्वास रावत, श्री राजू बिंद्रा, श्री शादाब शम्स, श्री मुकेश कुमार, श्री विनय रोहिला आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।