राजाजी टाइगर रिजर्व में आयोजित वन कर्मियों के सम्मेलन में राज्यपाल ने किया प्रतिभाग। Www.janswar.com

(अरुणाभ रतूड़ी जनश्वर)

  • राजाजी टाइगर रिजर्व में आयोजित वन कर्मियों के सम्मेलन में राज्यपाल ने किया प्रतिभाग।
  • पूर्व और वर्तमान वन कार्मिकों को किया सम्मानित।
  • जल संरक्षण हेतु किए गए प्रयासों की राज्यपाल ने की सराहना।

राजभवन देहरादून:-  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने दो दिवसीय राजाजी टाइगर रिजर्व भ्रमण के दौरान इसके संरक्षण और विकास में योगदान देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों सहित पार्क के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों को सम्मानित किया। राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत सराहनीय कार्य कर चुके 03 सेवानिवृत्त कर्मचारी, श्री मोतीलाल, श्री रविन्द्र दत्त बहुगुणा तथा श्री केवलानंद तिवाड़ी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। वतर्ममान कार्मिकों में कुमारी योगिता, मनोज शर्मा और संजय कुमार को सम्मानित किया। राजाजी टाइगर रिजर्व के संबंध फोटोग्राफी के माध्यम से सकारात्मक जागरूकता फैलाने वाले 03 युवा वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर चन्द्रशेखर चौहान, सागर ठाकुर, और अचित्य सिंह को भी राज्यपाल द्वारा प्रशस्ति पत्र दिए गए।

इस दौरान आयोजित वन कर्मियों के सम्मेलन में राज्यपाल ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मान कार्यक्रम विशेष रूप से उन वन रक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को समर्पित है, जिन्होंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय इस पार्क के संरक्षण एवं संवर्धन में लगाया।

 राज्यपाल ने कहा कि जंगलों की रक्षा करना कोई आसान कार्य नहीं है। कठोर सर्दी हो या भीषण गर्मी, दिन-रात वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अवैध शिकार को रोकना, जंगल की आग से निपटना और पर्यटकों को सही मार्गदर्शन देना, सभी अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य हैं। हमारे पूर्व कर्मचारियों और वर्तमान कार्मिकों ने इन चुनौतियों का सामना पूरी निष्ठा और साहस के साथ किया है जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे अपने ज्ञान और अनुभव से भविष्य की पीढ़ी को मार्गदर्शन देते रहेंगे।

इस दौरान राज्यपाल ने टाइगर रिजर्व के संरक्षण कार्यों और वन्यजीव सुरक्षा के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व के प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों में वन्यजीव संरक्षण पर व्याख्यान और कार्यशालाएँ आयोजित कर युवाओं को इस अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों को इको-टूरिज्म और गाइडिंग से जोड़कर उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के भी प्रयास किए जांए।

भ्रमण के दौरान उप निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व महातिम यादव ने जल संरक्षण हेतु किए गए प्रयास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ‘‘राजाजी डब्ल्यू-3’’ (वैल, वाटरहोल्स एंड वाइल्डलाइफ) जल संरक्षण प्रबंधन को अपनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रबंधन के पश्चात् राजाजी टाइगर रिजर्व में कृत्रिम रूप से पानी पहुंचाने की आवश्यकता कम हुई तथा वन्यजीवों के पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में जाने की घटनाओं में भी कमी आयी है। राज्यपाल ने इस मॉडल की सराहना करते हुए जल संरक्षण और संवर्धन का अभिनव प्रयास बताया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रख्यात वन्यजीव शोधकर्ता एवं जीव विज्ञानी डॉ. ए.जे.टी. जॉनसिंह के योगदान को याद करते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व में स्थित धौलखण्ड रेंज ऑफिस से धौलखण्ड मचान तक के वन मोटर मार्ग का नामकरण डॉ. ए.जे.टी. जॉनसिंह के नाम पर किया।