-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में बुधवार को राजभवन प्रेक्षागृह में भारतीय रेडक्रॉस समिति राज्य शाखा की 17वीं आम सभा बैठक संपन्न हुई। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे। इस दौरान राज्यपाल ने रेडक्रॉस सोसाइटी उत्तराखण्ड शाखा का उद्घोष गीत भी लांच किया। इस गीत को बागेश्वर के जनपद शाखा के हरीश दफौटी ने तैयार किया। उन्होंने इस प्रेरणादायी सुंदर गीत को तैयार करने के लिए जनपद शाखा बागेश्वर को बधाई दी।
बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि रेडक्रॉस स्वयंसेवक सेवा, समर्पण, त्याग, और परोपकार की भावना से समाज व राष्ट्र को योगदान दे रहा है। किसी भी आपदा या दुर्घटना के दौरान पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति रेडक्रॉस का ही वालिंटियर होता है। मानवता की सेवा के लिए रेडक्रॉस ईश्वर का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में विभिन्न आपदाओं एवं दुर्घटनाओं के दौरान रेडक्रॉस स्वयंसेवक बड़ी भूमिका निभाते हैं। रेडक्रॉस ने सभी को साथ लेकर चलने की दृढ़ इच्छा शक्ति होती है, इसमें महिलाओं और युवाओं का योगदान भी बराबर है।
राज्यपाल ने कहा कि चारधाम यात्रा, मानसून के दौरान रेडक्रॉस के वालिंटियर को लोगों की सहायता के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के वालिंटियर के अंदर एक जूनून होता है और उसे दूसरों की सेवा करने में अलग ही आंनद आता है। राज्यपाल ने पदाधिकारियों से कहा कि सोशल मीडिया, मॉस मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स के जरिये अधिक से अधिक वालिंटियर जोड़ें। उन्होंने समिति के के पदाधिकारियों से कहा कि 04 माह के भीतर आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स इनेबल एन्ड्राइड बेस्ड एप्लिकेशन्स बनायें जाए जिसमें सभी वालिंटियर की सूचनाएं उपलब्ध रहें। रेडक्रॉस के लिए निःस्वार्थ भाव से दान देने वाले लोगों को भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में अनेकों चुनौंतियां हैं इसके लिए रेडक्रॉस को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
राज्यपाल ने अधिक से अधिक प्रशिक्षण आयोजित कर वालिंटियरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने रेडक्रॉस के वालिंटियर से बालिकाओं एवं महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सहयोग करने की अपेक्षा की। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थाओं में अधिक से अधिक वालिंटियर को बढ़ाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान रेडक्रॉस द्वारा वैक्सिनेशन व अन्य गतिविधियों में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें आगे भी इसके लिए तैयार रहना होगा। राज्यपाल ने जनपद स्तरीय समितियों के लिए आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं, वाहन, औषधियां व जरूरी सामान मुहैया करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य होगा कि वे रेडक्रॉस के वालिंटियरों को सम्मानित करें। राज्यपाल ने जनपदों में जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों व रेडक्रॉस के पदाधिकारियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 03 माह बाद राजभवन में रेडक्रॉस का राज्य स्तरीय सेमिनार आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान न्यौछावर करने वाले वारियर्स को श्रदांजलि दी। बैठक में विभिन्न जनपदों से आए सदस्यों द्वारा रेडक्रॉस की बेहतरी के लिए अपने-अपने सुझाव रखे।
बैठक में पिछली आम सभा की बैठक की कार्यवाही की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गई। इस दौरान वर्ष 2021-22 में भारतीय रेडक्रॉस जिला स्तरीय समितियों व राज्य शाखा द्वारा किए गये कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22में भारतीय रेडक्रॉस समिति, राज्य शाखा उत्तराखण्ड का वास्तविक आय-व्ययक प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2022-23 हेतु अनुमानित आय-व्ययक भी प्रस्तुत किया गया जिसे राज्यपाल द्वारा अनुमोदित किया गया। इस दौरान रेडक्रॉस समिति के प्रस्तावित कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई। समिति द्वारा भविष्य में सामान्य एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रशिक्षण एवं आपदा प्रबंधन, जूनियर/यूथ रेडक्रॉस का गठन एंव फंड रेजिंग अभियान प्रस्तावित किये गये हैं। बैठक में राज्य मैनेजिंग समिति के चेयरमैन कुंदन सिंह टोलिया ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ-साथ भारत के गवर्नर जनरल द्वारा 1947 में जूनियर रेडक्रॉस प्राईमरी विद्यालय मिलम, जनपद पिथौरागढ़ का पंजीकरण प्रमाण पत्र राज्यपाल को भेंट स्वरूप प्रदान किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव एल.फैनई, सचिव राज्यपाल डॉ.रंजीत सिन्हा, जिलाधिकारी देहरादून डॉ.आर.राजेश कुमार, रेडक्रॉस राज्य मैनेजिंग समिति के महासचिव डॉ.एम.एस.अंसारी, वाईस चेयरमैन गौरव जोशी, कोषाध्यक्ष मोहन खत्री के अलावा रेडक्रॉस समिति उत्तराखण्ड की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी व रेडक्रॉस समितियों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री जी श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून के सुभाष रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग द्वारा पोक्सो अधिनियम पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर पोक्सो ऐक्ट पर प्रकाशित एक पुस्तक का विमोचन और पोक्सो वॉरियर्स को सम्मानित किया ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि आज बच्चों में रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता बढ़ाने की जरूरत है। बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में उनके माता, पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नोनिहालों से जुड़ी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन नियमित होने चाहिए। जिन बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश नहीं मिलती, उनके लिए समाज को आगे आना चाहिए। सरकार सबके जीवन स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को भयमुक्त वातावरण मिलेगा तो उनका भविष्य सकारात्मक दिशा में जाएगा। राज्य सरकार द्वारा बाल कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। बच्चों के अधिकारों के लिए जो कानून बने हैं, उनका सख़्ती से पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से जहां जागरूकता बढ़ेगी वहीं विशेषज्ञों के मंथन से हमारे भविष्य हमारे बच्चों को रचनात्मक बनाने में कारगर सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के ध्येय वाक्य से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाएँ। बाल अधिकारों की आम जन तक जागरूकता के लिए इस संबंध में समय-समय पर विधिक शिविर भी आयोजित किए जाएँ।
कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश के नौनिहालों के साथ सरकार हर तरीके से खड़ी है कोरोना काल में अपने परिजनों को गवा चुके बच्चों को वात्सल्य योजना के ज़रिए सरकार सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वात्सल्य योजना देश में सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पोक्सो एक्ट संबंधित विस्तृत जानकारी दी। बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन, विधि विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कोविड-19 के दृष्टिगत देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
बाद मे सचिवालय में अधिकारियो की बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिये कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पूर्णतः अनुपालन करवाया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि कोरोना की संभावित लहर के दृष्टिगत अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं हों और पर्याप्त मेनपॉवर हो। टेस्ट, ट्रैक एवं ट्रीट पर विशेष फोकस रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीकाकरण अभियान में और तेजी लाई जाए। 12 से 14 वर्ष के आयु के बच्चों में टीकाकरण की गति में और तेजी लाये जाने की आवश्यकता है। टीकाकरण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों के साथ कोविड पर नियंत्रण रखना होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव श्रीमती सोनिका, प्रो. दुर्गेश पंत एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज बच्चों में रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता बढ़ाने की जरूरत है। बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में उनके माता, पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नौनिहालों से जुड़ी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन नियमित होने चाहिए। जिन बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश नहीं मिलती, उनके लिए समाज को आगे आना चाहिए। सरकार सबके जीवन स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को भयमुक्त वातावरण मिलेगा तो उनका भविष्य सकारात्मक दिशा में जाएगा। राज्य सरकार द्वारा बाल कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। बच्चों के अधिकारों के लिए जो कानून बने हैं, उनका सख़्ती से पालन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के ध्येय वाक्य से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाएँ। बाल अधिकारों की आम जन तक जागरूकता के लिए इस संबंध में समय-समय पर विधिक शिविर भी आयोजित किए जाएँ।
कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश के नौनिहालों के साथ सरकार हर तरीके से खड़ी है कोरोना काल में अपने परिजनों को गवा चुके बच्चों को वात्सल्य योजना के ज़रिए सरकार सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वात्सल्य योजना देश में सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पोक्सो एक्ट संबंधित विस्तृत जानकारी दी। बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन, विधि विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।