-अरुणाभ रतूड़ी
राज्यपाल ने आज दिल्ली में “गांधी और आज का भारत’’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीरवार को नई दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘गांधी और आज का भारत’’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में ‘गांधी और आज का भारत’ विषय पर विचार मंथन करने का यह बहुत ही सुन्दर अवसर है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचार हम सब को आकर्षित करते हैं। गांधी जी के विचार दूरदर्शी थे। उनके महान विचारों के अनुरूप आगे बढ़ आज हम देश और दुनिया में एक नया मुकाम हासिल कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हम विकसित, आत्मनिर्भर, शक्तिशाली और विश्व गुरू भारत के लक्ष्यों को सच कर दिखाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आजादी के 75 वर्षों के बाद आज अमृत काल में महात्मा गांधी जी के विचारों को लेकर आत्मचिंतन करना बहुत ही प्रासंगिक है। देश की आजादी में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान है। गांधी जी ने अपने आचार-विचार और व्यवहार से पूरे देश को एक सूत्र में बांधा था। देश की आजादी के लिए लोक जागरण किया और महान विचारों के बल पर एक महान आन्दोलन खड़ा किया।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी का खादी का विचार आज एक ब्रांड बन गया है। ‘वोकल फोर लोकल’ एक अभियान इस दिशा में देश का मार्गदर्शन कर रहा है। गाँवों की सफाई का सपना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पूर्ण किया और गांधी जी के 150वें जन्म शताब्दी वर्ष 2018 में ही देश ने इसे पूरा कर दिया है। हमने भारत को स्वच्छ भारत की सौगात देकर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने कहा कि आज के भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान, मजदूर, आदिवासी, विद्यार्थी, युवा, महिलाएं, दिव्यांग और समाज के हर वर्ग को विकास की धूरी में शामिल किया है।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी के आदिवासी समाज की समृद्धि की सोच को आज सच होते हुए देखना अत्यन्त सुखद है। देश गांधी जी के सपनों के अनुरूप हर दिशा में तरक्की की नयी कहानी लिख रहा है। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पद्मभूषण डॉ. बिन्देश्वर पाठक जी का संबोधन सुनने को मिला, उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम से गांधी जी के स्वच्छता आग्रह को साकार करने में बड़ी भूमिका निभायी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 योगेश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, निदेशक गांधी भवन प्रो0 के0 पी0 सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
**********
व्यावसायिक शिक्षा में चयनित अनाथ बीपीएल छात्र अपनी शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता हेतु 30 नवम्बर तक अपने प्रार्थना पत्र भेंजें।
अनुसचिव राज्यपाल सचिवालय श्री जी0डी0 नौटियाल ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य के मेधावी/प्रतिभाशाली छात्र/छात्रायें जो बी0पी0एल0 श्रेणी में आते हों तथा जिनके माता/पिता जीवित न हो अथवा अनाथ हों तथा जो राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों एवं केन्द्र सरकार के राजकीय संस्थानों अथवा समकक्ष राजकीय अखिल भारतीय संस्थानों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम यथा-मेडिकल/इंजीनियरिंग/भारतीय प्रबन्धन संस्थान आदि में प्रवेश हेतु चयन हुआ हों, परन्तु शुल्क वहन करने में असमर्थ हैं, ऐसे छात्र/छात्रायें आर्थिक सहायता हेतु अपना आवेदन -पत्र स्व-प्रमाणित अभिलेखों सहित दिनांक 30 नवम्बर, 2022 तक राज्यपाल सचिवालय उत्तराखण्ड, न्यू कैन्ट रोड, देहरादून में जमा कर सकते हैं। उन्होेंने स्पष्ट कराया कि अपूर्ण/अपठनीय व निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
**********
- केदारनाथ और यमुनोत्री में घोड़ा-खच्चर, हेली और डंडी-कंडी से 211 करोड़ का कारोबार
- केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से हुआ 101.34 करोड़ का कारोबार
- यमुनोत्री धाम में घोड़े खच्चरों से हुआ 21 करोड़ का कारोबार
- यात्राकाल में GMVN की भी 50 करोड़ के क़रीब आय का अनुमान
- प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा से नए उत्तराखण्ड के नए युग की शुरुआत हो चुकी है- मुख्यमंत्री
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। बाबा केदार के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, इसके अलावा यमुनोत्री के कपाट भी विधिविधान से बंद कर दिए गए। इधर सरकार के प्रयासों से कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नजर आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के कथनानुसार आने वाला दशक उत्तराखण्ड है उसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। इस बार की चार धाम यात्रा बहुत उत्साहवर्धक रही है। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री जी द्वारा धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों को ख़रीद पर पाँच प्रतिशत खर्च करने के लिए अपील की गई है। आने वाले समय में हम स्थानीय उत्पादों के बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मानस खंड कारीडोर के मास्टर प्लान का काम भी शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। हमारी सरकार का उद्देश्य समस्त पौराणिक मंदिरों को संवारने का है और उसको पर्यटन से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की। पिछले दो दशक में यह सबसे अधिक आँकड़ा है वहीं श्री केदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहाँ 15 लाख 36 हजार तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को भी यात्रा साकार करती है। चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की लाईफ लाईन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का पुनर्विकास किया जा रहा है।
केदारनाथ में हुआ 190 करोड़ से अधिक का कारोबार
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस- पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।
यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का हुआ 21 करोड़ का कारोबारइधर यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमुनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं , जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आँकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।
GMVN की अनुमानित आय भी 50 करोड़ के क़रीब
इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले छः माह तक बुक रही। पिछले सालों तक GMVN जहां आर्थिक नुकसान झेल रहा था इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। ळडटछ के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आँकड़ा 50 करोड़ के करीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।
प्रधानमंत्री ने यात्रा खर्चे का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने बीते 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में अब भविष्य को देखते हुए चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
इस मायने में भी खास रही यात्रा
- एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखण्ड सरकार को मिली
- भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आदेश जारी
- सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय का आभार व्यक्त किया
- डबल इंजन सरकार की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि : सीएम
भारत सरकार द्वारा एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है। इस संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार रानीबाग और हल्द्वानी स्थित एचएमटी की 45.33 एकड़ भूमि उत्तराखण्ड सरकार को 72 करोड़ 02 लाख 10 हजार रुपये की रिजर्व प्राईस पर हस्तांतरित की गई है।
सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने एचएमटी की भूमि उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन सरकार की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित माँग को पूरा किया गया है। यह मामला काफी लम्बे समय से लम्बित था। अब प्रदेश सरकार को भूमि हस्तांतरित हो गई है। इसका उपयोग प्रदेश के हित में और प्रदेश के विकास हेतु किया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से इसके लिये अनुरोध किया था। साथ ही अगस्त माह में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय के साथ बैठक में भी इस बात को उठाते हुए एचएमटी की उक्त भूमि उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित किये जाने का अनुरोध किया था।
***********
सिमड़ी बस हादसे में मृतकों के वारिसान को आर्थिक सहायता दी गयी
सिमड़ी बस हादसे में मृतकों के वारिसान को कुल दो-दो लाख रुपये जबकि घायलों को कुल 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता की गई वितरित‘‘’
विकासखण्ड बीरोंखाल के अन्तर्गत सिमडी में बीते 04 अक्टूबर हुए बस हादसे में घायलों व मृतकों के परिजनों को प्रशासन की तरफ से पूरी मदद दी जा रही है। इसी क्रम में मृतकों के परिजनों व घायलों को आर्थिक सहायता वितरित की गयी है। जिसके तहत मृतकों के वारिसान को (आज और कल मिलाकर) कुल दो-दो लाख रुपए की धनराशि जबकि घायलों को कुल 50-50 हजार रुपए की धनराशि के चेक वितरित किए गए हैं।
दुर्घटना में घायलों तथा मृतकों के वारिसान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता वितरण कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्धारा हादसे में घायलों व मृतकों के परिजनों से लगातार संपर्क स्थापित कर आर्थिक सहायता वितरित की जा रही है। जिस सम्बंध में जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 विजय कुमार जोगदंडे द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है जिससे बस हादसे में घायलों व मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता के आंवटन में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
आज कोटद्वार तहसील के अंतर्गत तहसीलदार विकास अवस्थी ने बताया कि हादसे में घायल मथुरा प्रसाद पुत्र चंडी प्रसाद, आशा देवी पत्नी अशोक तथा धीरेंद्र पुत्र वीरेंद्र सिंह को कुल (आज और कल मिलाकर) 50-50 हजार धनराशि की आर्थिक सहायता का वितरण जबकि 06 मृतकों के वारिसान को कुल दो-दो लाख रुपए की धनराशि चेक प्रदान किये गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन परिजनों की विधिक वारिसान से संबंधित कुछ कार्यवाही पूर्ण की जानी है, उसका निस्तारण कर धनराशि का आवंटन किया जाएगा। यमकेश्वर तहसील के अन्तर्गत तहसीलदार मंजीत सिंह व राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा हादसे में घायल गौरव सिंह पुत्र तेजपाल सिंह निवासी अमोला, धनवीर सिंह पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी लक्ष्मण झूला तथा अनूप पुत्र जगदीश निवासी पहलढागी तहसील यमकेश्वर को (आज और कल मिलाकर) 50-50 हजार धनराशि तथा पांच मृतक वारिसान को कुल दो-दो लाख धनराशि का चेक वितरित किए गए। इसी क्रम में तहसील जाखणीखाल/लेंसडोन में दो मृतक वारिसान तथा तहसील चौबट्टाखाल के अंतर्गत एक मृतक वारिसान को (आज और कल मिलाकर) दो-दो लाख रुपए धनराशि के चेक प्रदान कर आर्थिक सहायता दी गई