राज्यपाल ने दिल्ली में अहिंसा विश्वभारती के आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को नई दिल्ली में अहिंसा विश्वभारती द्वारा महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, केन्द्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला और श्री अनुराग ठाकुर, आध्यात्मिक संत श्री श्री रविशंकर, आचार्य श्री लोकेश मुनि मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्होंने अहिंसा विश्वभारती की ओर से “एंबेसडर ऑफ पीस” पुस्तिका का विमोचन किया।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा की भगवान महावीर का जीवन चरित्र विश्वभर में शान्ति और सद्भावना के महान संदेश का प्रसार कर रहा है। जैन धर्म और उसके असंख्य अनुयायी समाज में अहिंसा और बंधुता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा की आज का यह समारोह भगवान महावीर के पवित्र जीवन दर्शन से प्रेरणा प्राप्त करने का अवसर है। हम उनकी शिक्षाओं से प्रकृति और संस्कृति की रक्षा के लिए क्या शिक्षाएं प्राप्त कर सकते हैं, इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। अहिंसा विश्वभारती और ‘वर्ड पीस सेंटर के साथ जुड़े महानुभाव इस दिशा में बहुत प्रेरणादायी कार्य कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा की भगवान महावीर ने हमें प्रकृति और संस्कृति की रक्षा के लिए अनेक उपदेश दिये हैं। उनके महान उपदेशों की प्रासंगिकता जितनी ढाई हजार वर्ष पूर्व थी, आज उससे भी बहुत अधिक है। भगवान महावीर के महान विचार अध्यात्म की अनन्त गहराइयों से पूर्ण हैं, आज के भौतिक संसार के कल्याण के लिए उनके विचारों में एक समाधान है। अशांति को शांति में बदलने के लिए भगवान महावीर ने अनेकांत का सिद्धान्त दिया है।
राज्यपाल ने कहा की आचार्य लोकेश जी ‘अहिंसा विश्वभारती’ और ‘वर्ड पीस सेंटर’ के माध्यम से विश्व भर में अहिंसा का संदेश प्रदान कर रहे हैं। प्रकृति और संस्कृति को बचाने के इस अभियान में यहां उपस्थित सभी आध्यात्मिक, राजनैतिक और व्यावसायिक लोग लगे हैं। सभी सामूहिक प्रयासों से प्रकृति और संस्कृति की रक्षा हो सकेगी।
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केन्द्रीय वित्तमंत्री से भेंट कर मुख्यमंत्री ने सौंग बाँध के लिए आर्थिक सहायता का किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु 1774 करोड़ की धनराशि का वित्तपोषण भारत सरकार के पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता के अन्तर्गत कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से देहरादून की पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून नगर एवं इसके उपनगरीय क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था मुख्य रूप से नलकूप के द्वारा की जा रही है, जिसके फलस्वरूप भूजल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। देहरादून की बढ़ती हुई आबादी के कारण पेयजल की मांग निरन्तर तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसके कारण वर्तमान पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भविष्य की पेयजल मांग को पूर्ण करने में सक्षम नहीं होगी। इस समस्या के दृष्टिगत व भविष्य में सतत पेयजल की सुविधा प्रदान करने हेतु गंगा नदी की सहायक नदी सौग नदी पर सौंग बांध पेयजल परियोजना प्रस्तावित है प्रस्तावित परियोजना की कुल लागत रू0 2021 करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के निर्माण से 150 एम.एल.डी. पेयजल ‘गुरुत्व’ के माध्यम से देहरादून नगर व इसके उपनगरीय क्षेत्रों के लगभग 10 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। परियोजना के निर्माण उपरान्त पेयजल व्यवस्था की नलकूपों पर निर्भरता लगभग समाप्त हो जाएगी, जिससे भूजल दोहन में भारी कमी आएगी जिसके फलस्वरूप भू जल स्तर में बढ़ोतरी होगी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आयेगी एवं भविष्य में नए नलकूपों एवं उन पर होने वाले संचालन व रखरखाव संबंधी व्यय में भी भारी कमी आएगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के निर्माण से झील का निर्माण होगा जो कि क्षेत्र में पर्यटन को बढावा देगा, जिससे रोजगार सृजन होगा एवं स्थानीय नागरिकों के आय में वृद्धि होगी। झील निर्माण से पर्यावरण को भी लाभ होगा। इस परियोजना का एक अन्य मुख्य लाभ बाढ़ नियंत्रण है, परियोजना के निर्माण के फलस्वरूप देहरादून जनपद के 10 ग्रामों की लगभग 15000 आबादी को सौंग नदी में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ से सुरक्षा प्रदान होगी। परियोजना देहरादून नगर के जलापूर्ति हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है परियोजना से सम्बन्धित सभी आवश्यक तकनीकी वन भूमि हस्तान्तरण स्टेज-1 एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियाँ सम्बन्धित विभागों/मंत्रालयों से प्राप्त की जा चुकी है। परियोजना से प्रभावित होने वाले कुटुम्बों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु व्ययभार (रू. 247 करोड़) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
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रेलमंत्री से भेंट कर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में नई लाईन बिछाने व ट्रेन चलाने की मांग की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा और दिल्ली-रामनगर के मध्य शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से देहरादून से सहारनपुर को मोहण्ड होते हुए रेलवे से जोड़ने हेतु टनल आधारित रेल लाईन परियोजना ओर ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाईन परियोजना का शीघ्र परीक्षण कराकर इसके निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से हरिद्वार से वाराणसी वंदे भारत रेल बजट प्रारंभ किए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने पूर्व में मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से किच्छा-खटीमा नई रेल लाईन परियोजना की सम्पूर्ण लागत भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने अनुरोध किया कि रामनगर-हरिद्वार-देहरादून सीधी रेल सेवा संचालित की जाए। पूर्णागिरी मेले की अवशेष आयोजन अवधि हेतु देश के विभिन्न स्थानों मुख्यतः नई दिल्ली, मथुरा एवं लखनऊ आदि से टनकपुर के लिए पर्याप्त संख्या में रेल सेवा का भी संचालन प्रारम्भ किया जाए।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में रेल सेवाओं पर रेल मंत्री के साथ चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने के लिये देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक मात्र रेल सेवा है। कुमाऊं क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के साथ-साथ नेपाल बोर्डर होने के कारण वहां के लोगों का आवागमन भी टनकपुर से ही होता है। इसलिए टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा संचालित करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जनपद नैनीताल के रामनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जिम कार्बेट नेशनल पार्क में देश-विदेश से पर्यटकों का निरन्तर आवागमन होता है। अतः दिल्ली-रामनगर शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से नई दिल्ली तक रेल की यात्रा करने हेतु वर्तमान में हरिद्वार होकर जाना पड़ता है। हरिद्वार-देहरादून रेल लाईन सिंगल लेन है। देहरादून से हरिद्वार तक का अधिकांश अंश राजाजी नेशनल पार्क के अन्तर्गत होने के कारण वन्यजन्तु की सुरक्षा की दृष्टि से रेल की गति भी अत्यन्त नियंत्रित होती हैं। फलतः सम्पूर्ण यात्रा में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। यदि देहरादून से मोहण्ड होते हुए सहारनपुर तक रेल लाईन जिसका कुछ भाग टनल के माध्यम से भी होगा, निर्मित कर दी जाती है तो नई दिल्ली एवं देहरादून के मध्य रेल द्वारा भी आवागमन अधिक त्वरित हो जायेगा। जिसके फलस्वरूप प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही सुविधाजनक होने के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
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अल्मोड़ा समाचार
अल्मोड़ा की सड़कों के गड्ढे दो दिन में न भरे गये तो विधायक तिवारी देंगे धरना
अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय) : अल्मोड़ा नगर की सड़कों में पड़े गड्ढों को दो दिन के भीतर पी डब्ल्यू डी ने नहीं भरे तो सड़क में धरना देंगे अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी 07 अप्रैल को 11 बजे से शिखर तिराहे में धरना देंगे। विधायक मनोज तिवारी ने काफी सख्त लहजे में प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियन्ता को फटकार लगायी हैं। कि अगर दो दिन के भीतर नगर की मुख्य सड़क में पड़े गड्ढों को नहीं भरा गया तो वह 7 अप्रैल शुक्रवार को 11 बजे से काँग्रेस जनों एंव जनता को लेकर प्रदेश की सरकार ओर विभाग के खिलाफ शिखर तिराहे में सड़क के बीचो बीच पड़े गड्ढों में धरना देंगे!
विधायक तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले एक वर्ष में एक दर्जन बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों को गडढा मुक्त करने के आदेश दे दिये हैं। उनके स्वयं के द्वारा विभागों को सड़क को गडढा मुक्त करने के लिए पत्र भेजे जा रहे हैं लेकिन, विभागीय अधिकारियों के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही हैं। जनता आये दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। दोपहिया एंव चौपहिया वाहनों की दुर्घटना का भय बना हुआ हैं। हालात इतनी खराब हो चुकी हैं। कि मुख्यमंत्री के आदेशों को ही हवा में उडा़ दिया जा रहा हैं। प्रदेश में नौकरशाही बेलगाम हो चुकी हैं। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण मुख्यमंत्री के एक दर्जन बार के सड़कों को गडढा मुक्त करने के आदेश को देखा जा सकता हैं।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय एंव निर्माण खण्ड सहित राष्ट्रीय राज मार्ग के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को दी कि उनकी विधानसभा की सड़कों को अगर गडढा मुक्त करने में लापरवाही हुई तो विभागीय अधिकारी बड़े आन्दोलन का दवाब झेलने के लिए तॆयार रहें।
श्री तिवारी ने नगर की आम जनता ऒर काँग्रेसजनों से 7 अप्रॆल को शिखर तिराहे में लोक निर्माण विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन में मुखर होकर आने का आह्वान किया।
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जी- 20 की बैठक में आपात चिकित्सा हेतु तैनात एम्स की ’हेली इमरजेंसी मेडिकल टीम’ रामनगर से लौटी
रामनगर, नैनीताल में संपन्न हुई जी-20 देशों के समिट में पंहुची एम्स की हेली इमरजेंसी मेडिकल टीम ऋषिकेश लौट आई है। वीआईपी मेहमानों के स्वास्थ्य संबन्धी मामलों को देखते हुए यह टीम 24 घंटे अलर्ट मोड पर तैनात रखी गई थी। इस टीम ने समिट स्थल पर रहते हुए मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने हेतु एम्स के ट्राॅमा सेंटर से लगातार संपर्क बनाए रखा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के रामनगर में 28 से 30 मार्च तक चली जी-20 समिट में शामिल होने के लिए 17 देशों के 38 प्रतिनिधि उत्तराखंड पहुंचे थे। राज्य सरकार ने विदेशी मेहमानों का स्वागत जहां विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया, वहीं उनके स्वास्थ्य संबंधी मामलों को देखते हुए समिट स्थल पर विशेषज्ञ डाॅक्टरों की टीम तैनात करने के अलावा एम्स ऋषिकेश की हेली इमरजेंसी मेडिकल टीम से भी मदद ली गई थी। इस दौरान एम्स की उच्च प्रशिक्षित इस टीम ने स्वास्थ्य संबन्धी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से एविएशन विभाग सहित एम्स के हेली कमांड सेंटर से लगातार संपर्क बनाए रखा।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के अनुरोध पर वीआईपी मेहमानों के स्वास्थ्य संबन्धी मामलों की व्यवस्था को देखते हुए एम्स से हेली इमरजेंसी मेडिकल टीम को रामनगर भेजा गया था। ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें हेली एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से तत्काल एम्स लाया जा सके अथवा मौके पर ही आवश्यक प्राथमिक उपचार दिया जा सके। उन्होंने बताया कि हेली एम्बुलेंस संचालन की प्रक्रिया हेतु ट्राॅमा विभाग में सभी तकनीकी सुविधाओं युक्त कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
एम्स ऋषिकेश के ट्राॅमा सर्जन और हेली एम्बुलेंस सर्विसेज के इंचार्ज डाॅक्टर मधुर उनियाल ने बताया कि एम्स ऋषिकेश की यह टीम राज्य में अथवा राज्य के बाहर भी आपात स्थिति में आवश्यकता पड़ने पर हेली इमरजेंसी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि टीम में एटीएलएस, एटीसीएन, पीएचटीएलएस और बीएलएस कोर्स कर चुके अनुभवी सदस्य शामिल किए गए हैं। इसके मेडिकल संचालन की मानक संचालन प्रक्रिया ( एसओपी ) भी खुद एम्स ऋषिकेश के ट्राॅमा विभाग द्वारा तैयार की गई है। डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि किसी भी दुर्घटना अथवा आपात स्थिति को देखते हुए इलाज संबंधी आवश्यक परामर्श के लिए ट्राॅमा विभाग के कंट्रोल रूम स्थित टोल फ्री नम्बर- 18001804278 पर संपर्क किया जा सकता है। रामनगर से लौटी एम्स की हेली इमरजेंसी मेडिकल टीम में ट्राॅमा विभाग के सीनियर रेजिडेंट डाॅ. अग्निवा मुखोपाध्याय, एएनएस महेश देवास्थले और नर्सिंग ऑफिसर शशिकांत सहित अन्य सदस्य शामिल थे।