राज्यपाल ने पंडित राम सुमेर शुक्ल स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया
आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पंडित राम सुमेर शुक्ल स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि तराई के संस्थापक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल की स्मृति में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव में आप सब के बीच आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी एवं तराई की स्थापना में पंडित शुक्ल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी का अमृतकाल चल रहा है, ऐसे समय में महापुरुषों को याद करने का ये जो आयोजन किया गया है, यह हमें महापुरुषों से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, समाज एवं देश के उत्थान एवं विकास में योगदान देने वाले व्यक्तियों को याद करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाने वाले उन सेनानियों का स्मरण करना हम सब का कर्तव्य होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाले 25 सालों का यह समय वैभवशाली और विकसित भारत का अमृत काल चल रहा है, इस अमृत काल के हमारे हर सपने महान और विशाल हों इस बात के लिए हमको हर स्तर पर कार्य करना है। आज हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, तराई को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंडित राम सुमेर शुक्ल जी को याद कर रहे हैं, जिन्होंने विस्थापन की त्रासदी का दंश झेल रहे लोगों की पीड़ा से उबारने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को बसाने में बड़ा योगदान दिया है, ऐसे महान व्यक्तित्व के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि सड़कों, विद्यालयों और मेडिकल कालेजों के नाम रामसुमेर शुक्ल जी नाम पर किये गये हैं, ये उनके प्रति जनता के प्यार को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि तराई का यह क्षेत्र जब आबाद हो रहा था, उस समय यहां का जीवन अत्यंत कठिन था, भयानक जंगल, खतरनाक जानवरों व खतरनाक जीवों से खतरे के बीच यहां के निवासियों ने जो चमत्कार किया है उन सब की मेहनत और लगन को आज भी याद करने की आवश्यकता है। तराई क्षेत्र विकसित रूप ले रहा है, आज पंडित शुक्ल के नाम पर इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना बहुत ही सराहनीय कार्य है। यहां सिडकुल में उद्योगों की स्थापना, तराई तराई के लहलहाते खेत, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय तथा अब यही पंतनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्वीकृति व किच्छा में एम्स की स्वीकृति, काशीपुर में आईआईएम की स्थापना करके तराई को उन शहीदों व सेनानियों के सपनों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भयानक जंगलों में ईश्वर पर भरोसा करके जो संघर्ष, लगन एवं परिश्रम किया है, ईश्वर ने उसका ऐसा परिणाम दिया है कि पूरी दुनिया में यह भूमि उदाहरण है। तराई क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पूर्वजों की मेहनत का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि परिवार एवं समाज की एकता का जादू सबसे जरूरी है। समाज, राज्य एवं देशहित में क्या-क्या कर सकते हैं, इस पर मंथन करते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में नई ऊर्जा संचार के साथ ही नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र एवं विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। राज्यपाल ने तराई में आकर सबसे पहले बसने वाले 25 परिवारों के वंशजों से मिलने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिन विभूतियों को आज सम्मानित किया गया है, उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले 7 व्यक्तियों कृषक चौधरी सतेन्द्र सिंह, थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट, एएनएम श्रीमती दीपा जोशी, नानकमत्ता गुरूद्वारा प्रबन्धन कमेटी अध्यक्ष डॉ.हरबंस सिंह चुघ, उद्योगपति वी.कुमार जिन्दल, खिलाड़ी मनोज सरकार, सर्जन डॉ.अतुल जोशी को स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धनसिंह रावत ने कहा कि रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित शुक्ल के नाम करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शीघ्र की एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी।
इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि रुद्रपुर के विकास में शुक्ला जी की बहुत बड़ी भूमिका है। पं. शुक्ल के प्रति जनता का स्नेह, प्यार और कृतज्ञता भाव दिखाई देता है। सड़कों, विद्यालयों और मेडिकल कालेजों के नाम पं. शुक्ल शुक्ला जी के प्रति जनता का स्नेह, प्यार और कृतज्ञता भाव दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि शुक्ल जी ने राष्ट्रीय स्तर पर छात्र एवं युवा शक्ति को आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान छात्र क्रांति का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया, स्वतंत्रता के बाद शुक्ल जी के कार्यों को देखकर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत में उन्हें नैनीताल जनपद की तराई को बसाने की जिम्मेदारी दी और कॉलोनाइजेशन कार्य का अध्यक्ष बनाया।
कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने डीडी चौक स्थिति शुक्ल पार्क पहुंचकर पंडित राम सुमेर शुक्ल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जुनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिंदल आदि उपस्थित थे
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मुख्यमंत्री ने’नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा – एनीमिया नेशनल राइड’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजपुर रोड़ देहरादून स्थित होटल में देहरादून ऑब्सेटेट्रिक्स एवं गाईन सोसाइटी द्वारा आयोजित ’नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा – एनीमिया नेशनल राइड’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले लोग हमेशा ही जन सेवा का कार्य करते हैं। बिना आशा एवं अपेक्षा के स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता के संचालन का कार्य निश्चित रूप से पुण्य का कार्य है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे सामाजिक क्षेत्र का महाअभियान बताया। उन्होंने चम्पावत स्थित मायावती अद्वैत आश्रम में अपने प्रवास के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वहां वे मायावती अस्पताल में सूरत के एक चिकित्सक से मिले। वह साल में अपनी दो माह की सेवा, निस्वार्थ भाव से निशुल्क मायावती आश्रम के अस्पताल में देने आते हैं। उन्होंने कहा ऐसे तमाम लोग जो निस्वार्थ भाव से जनसेवा के कार्य करते हैं वह मानवता की सेवा करने वाले होते हैं। उन्होंने कहा सफल जीवन वही है जो दूसरों की सेवा में समर्पित रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चे और अच्छे मन से लोगों की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं होती, उससे आपको आत्मिक संतुष्टि होती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज संपूर्ण दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य के क्षेत्र की योजना आयुष्मान भारत योजना भारत में चलाई जा रही है, जिसमे सालाना 5 लाख रुपये के इलाज की गारंटी मिलती है। उन्होंने कहा कि एनीमिया के प्रति भी लोगों को जागरूक करना वास्तव में मातृशक्ति की बड़ी सेवा है। उत्तराखण्ड में मातृशक्ति के कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने सदैव ही राष्ट्रहित एवं मातृ शक्ति के हित में बढ़ते कदमों को मजबूती प्रदान करने हेतु प्रतिबद्धता से प्रयास किये हैं। यह अभिनव पहल अपने उद्देश्य को चरितार्थ कर देवभूमि उत्तराखण्ड सहित भारत के अन्य क्षेत्रों में स्त्री रोग उपचार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देवभूमि की मातृशक्ति को सशक्त एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में इसी प्रकार के प्रयास निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होंगे।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा हमारा राज्य का पूरे देश में ब्लड डोनेशन में तीसरा स्थान है, टीवी मुक्त भारत में पहले स्थान एवं एनीमिया से लड़ाई के क्षेत्र में टॉप 10 राज्यों में शामिल हैं, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य में अभी तक 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिसमें से 6 लाख लोगों को मुफ्त में इलाज मिला है। साथ ही पूरे राज्य में जल्द ही डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का कार्य भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज में फैकेल्टी स्टॉप को बढ़ाए जाने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी को 50 प्रतिशत अधिक वेतन दिए जाने परअधिक वेतन दिए जाने पर सहमति बनी है, जिससे फैकल्टी डॉक्टर की कमी पूरी होगी
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एम्स ऋषिकेश में ह्वाइट कोट सेरेमनी का हुआ आयोजन।
एम्स ऋषिकेश में सोमवार को ह्वाईट कोट सेरेमनी समारोह का आयोजन किया गया, इसके साथ ही संस्थान में एमबीबीएस नए सत्र का विधिवत शुभारंभ हो गया। इस दौरान मुख्यअतिथि दिल्ली एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास ने कहा कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक विद्यार्थियों को अपना पूरा समय अपने विषय पर केंद्रित करना चाहिए व पढ़ाई के दौरान उनका लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल के छात्र-छात्राओं को फोर- जी, फाइव जी की नहीं बल्कि थ्री- जी यानी गौड (भगवान), गुरु( अपने शिक्षकों) और ग्रेटिट्यूड (पेशेंट्स के प्रति कृतज्ञता) सबसे महत्वपूर्ण है। एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस नए सत्र का सोमवार से विधिवत शुभारंभ हो गया, इस अवसर पर संस्थान के ऑडिटोरियम में पहली मर्तबा व्हाइट कोट समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एमबीबीएस 2022 बैच के 125 छात्र-छात्राओं को व्हाइट कोट देकर चिकित्सकीय क्षेत्र में शामिल किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास ने मेडिकल के छात्रों से आह्वान किया कि वह अपना पूरा समय पाठ्यक्रम पर फोकस करें और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पठन-पाठन के साथ ही व्यवहारिक शिक्षा पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय पेशा होने के बावजूद ईश्वर में विश्वास बनाए रखना और अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि अपने विषय में बेहतर ज्ञान के लिए एक अच्छा गुरू होना जरुरी है, लिहाजा छात्र छात्राओं को चाहिए कि वह अपने गुरुओं के प्रति समर्पित भाव रखें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हमें जीवन में बड़ा होने के साथ साथ हमारे स्वभाव में कृतज्ञता का भाव भी होना चाहिए। जीवन में अच्छा काम करने के लिए हमें संकल्पित होना चाहिए। विद्यार्थियों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व होना चाहिए कि उनका देश के ऐसे एम्स संस्थान में ऋषिकेश चयन हुआ है जो देशभर में स्थापित एम्स संस्थानों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। विशिष्ट अतिथि यूएसए के पीडियाट्रिक एलर्जी एंड इम्यूनोलॉजिस्ट प्रोफेसर पीके वेदांथन ने चिकित्सकीय क्षेत्र को अपनाने के लिए छात्र छात्राओं को बधाई दी और कहा कि यह पेशा मानवता की सेवा के लिए समर्पित है। इसलिए हमें अपना पूरा समय मानव सेवा हेतू मरीजों के उपचार को समर्पित करना होगा। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह भी कहा कि हमें न केवल अपने टीचरों से सीखना होता है वरन मानवसेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अन्य सभी लोगों से भी प्रेरणा लेनी होती है। डॉक्टर का स्वभाव अनुभवयुक्त विवेक के साथ पूर्णरूप से नम्र भी होना चाहिए। इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने बताया कि एम्स,ऋषिकेश में व्हाइट कोट सेरेमनी का आयोजन पहली बार किया जा रहा है,जिसका उद्देश्य यह है कि एमबीबीएस में चयनित विद्यार्थियों को पहले दिन से ही चिकित्सा सेवा को ध्यान में रखते हुए पठन-पाठन के साथ समर्पण का संकल्प लें। और जब वह अपनी पढ़ाई पूरी कर देश दुनिया में उच्चकोटि की चिकित्सा सेवा देकर एम्स,ऋषिकेश का मान बढ़ाएं। इस अवसर पर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने एम्स ऋषिकेश में संचालित की जा रही विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने बताया कि कोविडकाल में संस्थान के चिकित्सकों, नर्सिंग व अन्य कार्मिकों ने समर्पित भाव से मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराई।
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जागेश्वर मंदिर के प्रबंधक व पुजारी चयन के लिए अपर जिलाधिकारी अध्यक्षता में एक समिति गठित।
अल्मोड़ा 29 नवम्बर, 2022 (अशोक कुमार पाडेय)– उप जिलाधिकारी जैंती/भनोली गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि मा0 उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड नैनीताल एवं जिलाधिकारी अल्मोड़ा के आदेशानुसार जागेश्वर मन्दिर प्रबन्धन समिति के प्रबन्धक एवं पुजारी प्रतिनिधि के चयन की कार्यवाही हेतु पूर्व की भॉति अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठना किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश के क्रम में समिति द्वारा जागेश्वर मन्दिर प्रबन्धन समिति के प्रबन्धक पद पर नियुक्ति हेतु कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त वर्तमान में जागेश्वर मन्दिर धाम के पुजारियों में से एक पुजारी का चुनाव पुजारी प्रतिनिधि के रूप में होना है जिस हेतु दिनॉंक 07 दिसम्बर, 2022 की तिथि नियत की गयी है।
उन्होंने बताया कि जागेश्वर मन्दिर समिति के पुजारी वर्ग में से एक सदस्य के निर्वाचन हेतु प्रबन्धक जागेश्वर मंदिर प्रबन्धन समिति द्वारा उपलब्ध करायी गयी 90 सूचीबद्व पुजारियों की सूची, जो निवार्चक नामावली के रूप में स्वीकार्य एवं मान्य होगी को जागेश्वर धाम/बाजार के सार्वजनिक स्थलों पर निःशुल्क अवलोकनार्थ/सूचनार्थ चस्पा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस निर्वाचन की कार्यवाही जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा गठित समिति की उपस्थिति में सम्पन्न कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जागेश्वर मंदिर समिति के गठन हेतु वर्तमान में प्रबन्धक द्वारा उपलब्ध करायी गयी पुजारियों की सूचीबद्व सूची में से एक सदस्य के निर्वाचन हेतु दिनॉंक 07 दिसम्बर, 2022 को जागेश्वर धर्मशाला में प्रातः 10ः30 बजे से जागेश्वर मंदिर के पुजारियों की उपलब्ध करायी गयी सूची में से प्रबन्धन समिति हेतु एक सदस्य को निर्वाचित करने लिए सार्वजनिक/आम बैठक आहूत की गयी है, ताकि जागेश्वर मंदिर के पुजारी वर्ग में से जागेश्वर मंदिर समिति हेतु एक सदस्य/पुजारी प्रतिनिधि का निर्वाचन किया जा सके। उन्होंने बताया कि पुजारी प्रतिनिधि हेतु एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर मतदान की प्रक्रिया अपनाई जायेगी। उन्होंने बताया कि इस निर्वाचन हेतु नामांकन प्रातः 11ः00 बजे से 12ः00 बजे अपरान्ह् तक, नाम वापसी अपरान्ह् 12ः00 बजे से 01ः00 बजे तक, मतदान अपरान्ह् 01ः00 बजे से 04ः00 बजे तक, मतगणना अपरान्ह् 04ः00 बजे से 05ः00 बजे तक, निर्वाचित प्रतिनिधि की घोषणा सांय 05ः00 बजे की जायेगी।
जिला सूचना अधिकारी, अल्मोड़ा।
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जिलाधिकारी ने वन पंचायत संबंधित बैठक ली ।
जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में एनआईसी कक्ष में वन पंचायत संबंधित बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन वन पंचातयों में बस्ता हस्तांतरित की कार्यवाही अभी तक शेष है, वहां एक सप्ताह में बस्ता हस्तांरतण की कार्यवाही पूर्ण करें तथा जिन वन पंचायतों में चुनाव होने बाकि हैं वहां एक सप्ताह में चुनाव पूर्ण करवायें। उन्होंने कहा कि पुरानी गठित वन पंचायतों में बस्ता हस्तांतरण की कार्यवाही पूर्ण करें तथा नयी वन पंचायतों के संबंध में निर्देशित किया कि वन पंचायतों के मानक के अनुरूप सभी जरूरी रिकॉर्डस, जमीन के अभिलेख, धरातल पर तथा डॉक्यूमेन्टेशन के मिलान इत्यादि का सर्वे और सत्यापन करते हुए तद्नुसार कार्य करें।
जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों व अन्य लोगों को बाघ से सुरक्षित रखने हेतु वन कर्मियों व पीआरडी कार्मिकों द्वारा लोगों को जागरूक हेतु पोस्टर, बैनर चस्पा करें तथा जो रास्ते वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील बने हुए हैं वहां पर झाड़ी कटान का कार्य करना पूर्ण करें। जिससे बाघ का खतरा कम बना रहेगा तथा लोगों को परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
इस अवसर पर डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार, डीएफओ सिविल एवं सोयम के0एन0 भारती, लैसडाउन दिनकर तेवाड़ी, उपजिलाधिकारी चौबट्टाखाल संदीप कुमार तथा वर्चुअल माध्यम से उपजिलाधिकारी कोटद्वार प्रमोद कुमार, तहसीलदार यमकेश्वर मनजीत सिंह सहित अन्य उपस्थ्ति थे।