राज्यपाल ने  पावन चिंतन धारा आश्रम में “युवा अभ्युदय मिशन” कार्यक्रम को संबोधित किया #मुख्यमंत्री ने प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में प्रतिभाग किया#पुलिस महानिदेशक ने काशीपुर के लोगों की ट्रैफिक नियम पालन करने की प्रशंसा की।-www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

राज्यपाल ने  पावन चिंतन धारा आश्रम में “युवा अभ्युदय मिशन” कार्यक्रम को संबोधित किया

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि आज के समय में हमें जागृत युवा शक्ति की आवश्यकता है और यही भारत की युवा शक्ति के जागरण का भी उचित समय है। राष्ट्र नायक स्वामी विवेकानन्द जी ने जो उद्घोष किया था एक बार फिर उसकी प्रतिध्वनि की आवश्यकता है-उठो जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक रूको नहीं।

राज्यपाल ने कहा कि युवा शक्ति के बल पर ही हम भारतीय इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, राजनीति, संस्कार और दैनिक जीवन में उत्कर्ष कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का हर युवा कुशल वक्ता बने और कुशल लेखक बनें, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मार्डन टेक्नोलॉजी, रिसर्च, इनोवेशन, स्टार्टअप्स और अलग-अलग अर्थों में उपस्थित अवसरों को पहचाने और चुनौतियों का समाधान खोजने में अपनी भूमिका निभाएं। भारत की युवा शक्ति को पर्यावरण की सुरक्षा और इसके संवर्धन के लिए आगे आना होगा।

रविवार को राज्यपाल गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश में पावन चिंतन धारा आश्रम द्वारा आयोजित “युवा अभ्युदय मिशन” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद की इस धरती पर सभी के बीच आकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। आज का यह दिन अत्यन्त प्रेरणादायी है, आज युवा अभ्युदय मिशन के पांच साल पूरे हो गये हैं।

राज्यपाल ने कहा कि श्री पवन सिन्हा जी के स्वप्नों को साकार करने का संकल्प लेकर जो कार्य प्रारम्भ किया है वह समाज के लिए अत्यन्त प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि आप सचमुच बहुत ही सैभाग्यशाली हैं जिन्हें युवा अभ्युदय मिशन के माध्यम से एक उत्कृष्ट सार्थक और परोपकारी जीवन के लिए स्नेहशील वातावरण और प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा है। असंख्य युवा मिशन के साथ जुड़कर समाज में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए कार्य कर रहे है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि पावन चिंतन धारा आश्रम इस दिशा में अपने प्रकल्पों के माध्यम से चिंता कर रहा है। देश के युवा शक्ति को रोजगार हेतु प्रेरित करने के साथ-साथ आज उन्हें सही मार्गदर्शन की बहुत बड़ी आवश्यकता है। युवाओं को जीवन में सफलता के लिए अपने परिवार देश और समाज की भलाई के लिए भी उच्चकोटी के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। ऐसे बड़े संकल्प को लेकर कार्य कर रहे युवा अभ्युदय मिशन के कार्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

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मुख्यमंत्री ने प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ऋषिकुल के सभागार में आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत वैदिक काल से ही आयुर्वेद द्वारा पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को लागू करने वाला प्रमुख देश रहा है। उन्होंने कहा कि ’’सर्वे संतु निरामया’’ का संदेश देने वाला पंचम वेद अर्थात आयुर्वेद हमारी समृद्ध प्राचीन विरासत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ’’पंचप्राण’’ विकास रणनीति में देश के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी इसी समृद्ध प्राचीन विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं अपितु आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है। यह मात्र बीमारियों का इलाज नहीं करता बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि पशुधन हमारे देश की बड़ी ताकत है, जिन्हें बचाना हमारा प्रमुख कर्तव्य है और मानव संसाधन के साथ ही आयुर्वेद के प्रयोग द्वारा हम अपने पशुधन को भी रोगमुक्त रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा द्वारा पशुओं के रोग निवारण और रोग नियंत्रण के लिए प्रदेश में मौजूद हर्बल संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोराना काल में हम आयुर्वेद का महत्व अच्छी तरह समझ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में मनुष्यों से भी अधिक पशुओं में एंटीबॉयोटिक्स का इस्तेमाल करने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे लिए भी अत्यंत हानिकारक है, जिसे हम आयुर्वेद को अपनाकर ही नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटियों का भण्डार होने के कारण यहां आयुर्वेद का और भी अधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति का वरदान है। यहां अनेकों नदियां बारहों महीने बहती हैं तथा 71 प्रतिशत भू-भाग वनों से अच्छादित है तथा हर क्षेत्र में अब पहाड़ का पानी व जवानी दोनों काम हा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से आयुष और आयुर्वेद के क्षेत्र में हम निरंतर कार्य कर रहे हैं और आयुर्वेद से होने वाले लाभों को आमजन तक पहुंचाने के लिए भी प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 300 आयुष हैल्थ व वेलनेस केन्द्रों के संचालन एवं 150 पंचकर्म केन्द्रों की स्थापना के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। आयुर्वेद, होम्योपैथी व नेचुरोपैथी के विकास द्वारा रोजगार व आर्थिकी को भी व्यापक विस्तार देते हुये, इसके लिए हम प्रयासरत हैं।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने प्रदेश में राज्य पशुधन मिशन शुरू किया है, इसके तहत 60 करोड़ का निवेश किए जाने की योजना बनाई गई है। इससे सात हजार पशुपालकों को प्रत्यक्ष और दस हजार पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गांवों में दुनिया की सबसे समृद्ध और सबसे कुशल पशु स्वास्थ्य परंपरा मौजूद है। यह ज्ञान पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पशु चिकित्सा सेवाओं को भी मजबूती प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य भी किये जा रहे हैं और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये पशु चिकित्सालयों में आयुर्वेद से संबंधित औषधियों की आपूर्ति बढ़ाने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम जहां एक ओर अंत्योदय के लक्ष्य को लेकर लगातार कार्य कर रहे हैं वहीं ’’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ ही सबका प्रयास’’ के मंत्र को लेकर पशुधन विकास और आयुष सहित अनेकों क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार के बजट में स्थानीय निकायों में पशुधन, गौ सदन के निर्माण के लिए 14.15 करोड़ का प्रावधान किया है वहीं, गौ पालन योजना के लिए 2.79 करोड़ का प्राविधान भी अलग से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण व संतुष्टि के मंत्र के तहत निरन्तर कार्य कर रही है तथा आजादी के अमृत काल में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका होनी वाली है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं तथा सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण के विकल्प रहित संकल्प की पूर्ति में सभी का सहयोग अपेक्षित है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने गंगा, गौमाता व पर्यटन पर विस्तृत प्रकाश डाला।
समारोह में बोलते हुये स्वामी बाबा रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद का जितना महत्व है, उतना ही गौमाता का भी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज सम्भव है तथा आयुर्वेद का भविष्य उज्ज्वल है।
इस अवसर पर श्री के.एन. राघवेन्द्र, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील जोशी, डॉ0 हेमेन्द्र यादव, श्री प्रेम चन्द्र शास्त्री, श्री हरिशंकर शर्मा, रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर श्री संजय गुप्ता सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

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पुलिस महानिदेशक ने काशीपुर के लोगों की ट्रैफिक नियम पालन करने की प्रशंसा की।

उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आईपीएस ने पुलिस की आधिकारिक फेसबुक वॉल पर काशीपुर के ट्रैफिक की सराहना करते हुए लिखा है कि “आज के समय में जहां हर किसी को आगे जाने की जल्दी होती हैं, वहां लोगों को ट्रैफ़िक सेंस का ऐसा पालन करते देखना हमें हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाता है।”

उन्होंने आगे लिखा कि “यह तस्वीरें मिज़ोरम की नहीं बल्कि अपने उत्तराखंड के काशीपुर की है। जहां रेलवे क्रासिंग पर फाटक बंद होने पर लोग कुछ इस अंदाज में अपनी लेन में खड़े हैं। फाटक खुला और कुछ ही समय में ट्रैफिक सुचारू रूप से चलने लगा। न जाम दिखा और न बेबजह हॉर्न का शोर।”
इस फोटो को शेयर करने की उनकी शायद यही मंशा रही है कि कितना अच्छा होता कि उत्तराखण्ड के हर शहर के हर चौराहे पर ट्रैफिक नियम का ऐसा पालन किया जाता तो कितना अच्छा होता।