राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में विभिन्न देशों में कार्यरत भारत के 07 राजदूतों ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल और राजदूतों के मध्य विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
राज्यपाल ने राजदूतों से कहा कि जिन देशों में वे कार्य कर रहे हैं वहां के विश्वविद्यालयों की बेस्ट प्रैक्टिस उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों के साथ साझा की जाये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बेहतर कार्य कर रही हैं उन्हें अनुभव के आदान-प्रदान हेतु इन देशों में भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किये जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने बालिकाओं को भी इन देशों में अनुभव प्राप्त करने के लिए भ्रमण के सुझाव दिये।
राज्यपाल ने राजदूतों से आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस और तकनीक के क्षेत्र में साझा सहयोग की अपेक्षा की। राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल कंज्युमरिज्म से जोड़ने में सहयोग का भी अनुरोध किया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में योग, आयुर्वेद, मर्म, चिकित्सा और आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं है। उन्होंने इन क्षेत्रों में उत्तराखंड को संबंधित देशों में प्रचारित करने में सहयोग की अपेक्षा की।
इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए कई सुझाव रखे। राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के स्थानीय उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मेनुफेक्चरिंग, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग बेहतर व्यवस्था हो।
इस अवसर पर स्वीडन में भारत के राजदूत श्री तन्मय लाल, तजाकिस्तान में भारत के राजदूत श्री विराज सिंह, पनामा में भारत के राजदूत श्री उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रुनेई में भारत के राजदूत श्री आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में भारत की राजदूत सुश्री नामग्या खम्पा, स्लोबानिया में भारत की राजदूत श्रीमती नम्रता एस कुमार, अल्जीरिया में भारत के राजदूत श्री गौरव अहलूवालिया, सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय एवं अपर सचिव श्री नितिन सिंह भदौरिया उपस्थित रहे।