राज्यपाल से जी.बी.पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फिलीपींस से लौटे छात्र-छात्राओं ने मुलाकात की।
राजभवन देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के छात्र-छात्राओं ने मुलाकात की। विश्वविद्यालय के 20 छात्र-छात्राएं एक माह के अध्ययन भ्रमण पर फिलीपींस गए थे। राज्यपाल ने सभी छात्रों से बातचीत करते हुए उनसे फिलीपींस में सीखे गए अनुभवों की जानकारी प्राप्त की। सभी छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा किया। राज्यपाल छात्रों से बेहद प्रभावित हुए और सभी छात्रों के लिए उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि शिक्षा का सही उपयोग तभी संभव है जब वह जानकारी ‘‘लैब टू लैण्ड’’ यानी प्रयोगशालाओं से खेतों तक और ‘‘क्लासरूम टू विलेज’’ यानी कक्षाओं से गांवों तक पहुंचे। राज्यपाल ने कहा कि जो कुछ भी अनुभव और सीख छात्रों ने सीखी है उसका लाभ किसानों और अन्य लोगों को जरूर मिले तभी ऐसे भ्रमण का फायदा मिलेगा। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि वे आने वाले भारत का भविष्य हैं और कृषि के क्षेत्र में अपने शोध एवं अनुसंधान से एक नयी क्रांति ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य देशों का भ्रमण कर हम एक नयी कार्य संस्कृति सीखते हैं और वहां अपनायी जा रही बेस्ट प्रैक्टिस और अच्छे शोध को लागू कर सकते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति मनमोहन सिंह चौहान, डीन शिवेन्द्र कश्यप भी उपस्थित रहे।
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समाज कल्याण मंत्री ने ली समाज कल्याण एवं अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा बैठक
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री चन्दन राम दास द्वारा विधानसभा स्थित कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा बैठक की गई।
मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को बने हुए छः माह का समय हो चुका है जिसमें हमने अपने विभाग के अंतर्गत विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1500 रू0 प्रति माह करने का शासनादेश किया गया है।
मंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन के तहत पति तथा पत्नी दोनों को पेंशन देने की योजना का भी क्रियान्वयन हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्थित छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को भोजन के लिए दिये जाने वाले व्यय को बढ़ाकर 150 रू0 कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि अटल आवास योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि को प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर एक लाख 30 हजार करने हेतु आने वाली कैबिनेट में इसका प्रस्ताव रखा जायेगा।
मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले आईटीआई में पदों की रिक्तियों को संविदा/आउटसोर्स से भरने हेतु कार्मिक विभाग से अनुमति ली जा रही है। उन्होंन कहा कि दिव्यांगों के लिए सरकार द्वारा नौकरियों में 4% आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
मंत्री ने कहा कि विधवा की पुत्रियों, दिव्यांग की पुत्रियों के तर्ज पर कोविडकाल में अनाथ हुई बालिकाओं को प्रदेश भर से चिन्हित करते हुए विवाह हेतु समाज कल्याण विभाग द्वारा सहायता राशि प्रदान करने हेतु योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
मंत्री ने कहा कि एससीपी और टीएसपी की योजनाओं को प्रदेश में सुचारू रूप से लागू करने हेतु आगामी एक माह के भीतर सचिव स्तरीय बैठक आहूत कर एससीपी और टीएसपी के अंतर्गत हुए आय-व्यय की भी विस्तृत समीक्षा की जायेगी। वक्फ बोर्ड के अंतर्गत जमीन का चिन्हिकरण करते हुए अनधिकृत कब्जे वाली जमीनों को खाली कराने हेतु अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं।
मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत चल रहे जिन मदरसों द्वारा सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं की गई है उन मदरसों को सख्त चेतावनी देते हुए एक माह के भीतर शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त करने के निर्देश दिये गये है।
मंत्री ने कहा कि अटल आवास योजना के अंतर्गत जरूरतमंदों को चिन्हित कर लाभ पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनजाति कल्याण के अंतर्गत सात कोचिंग संस्थानों को प्रारंभ किया गया है, जिनके माध्यम से जॉब आरियंटेड कोर्स उपलब्ध कराये जायेंगे।
मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास शिथिल योजनाओं को गति प्रदान करना है।
इस अवसर पर सचिव समाज कल्याण विभाग एल. फनई, अपर सचिव योगेन्द्र रावत, निदेशक जनजाति संजय सिंह टोलिया तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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श्रीनगर में हुआ गंगास्वच्छता शपथ के साथ हुआ गंगा दूतों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न।
नेहरू युवा केंद्र, पौड़ी (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय) द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में दो दिवसीय गंगा दूतों का प्रशिक्षण गंगा स्वच्छता की शपथ के साथ संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में विकासखंड खिर्सू के 50 गंगा दूतों ने प्रतिभाग किया।
प्रधानाचार्या सुमनलता पंवार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि गंगा दूत पहले स्वयं अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं तभी पतित पावनी मां गंगा का संदेश आमजन तक पहुंच पाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के भौतिकी विभाग से आए डॉ0 आलोक सागर गौतम ने गंगा दूतों को जानकारी देते हुए बताया कि गंगा का दूषित होना मनुष्य के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि सतोपंथ से निकलने वाली अलकनंदा का पानी अपने साथ खनिज लवण सहित असंख्य अमृत जैसे घरों को लेकर निकलता है लेकिन श्रीनगर तक पहुंचते-पहुंचते जिंदगी का मिश्रण हो जाता है, जिससे अनेक बीमारियां पैदा होती हैं। जिला युवा अधिकारी शैलेश भट्ट ने गंगा दूतों की भूमिका पर जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि गंगा मां अपने पहले के रूप में दिखे इसके लिए जनचेतना की आवश्यकता है व जनचेतना जगाने का यह कार्य गंगा दूतों द्वारा किया जाएगा। वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ0 सरिता उनियाल व डॉ0 लता पांडे द्वारा नमामि गंगे के माध्यम से नमामि गंगे संरक्षण की जानकारी साझा की। इस दौरान प्रशिक्षक योगम्बर पोली ने गीतो के माध्यम से गंगा संरक्षण की आवश्यकता पर युवाओं का ध्यान आकर्षित किया।
इस अवसर पर जिला परियोजना अधिकारी अजय कुमार, जीआईसी श्रीनगर प्रधानाचार्य सरोप सिंह मेहरा सहित कमलेश बलूनी, अमर सिंह नेगी तथा राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक कविता, ज्योति व अन्य उपस्थित थे।