-अरुणाभ रतूड़ी
राज्यपाल से राजभवन नैनीताल के राजभवन कर्मचारियों ने व उनके परिजनों ने भेंट की।
राजभवन, नैनीताल में सोमवार को राजभवन में तैनात समस्त कार्मिकों एवं उनके परिजनों हेतु परिवार मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस परिवार मिलन कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कार्मिकों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने प्रत्येक कार्मिक एवं उनके परिवार की सदस्य की व्यक्तिगत एवं कार्यालयी समस्याओं के बारे में जाना। इस दौरान उपस्थित सदस्यों द्वारा राज्यपाल को कई समस्याओं से अवगत कराया गया जिस पर राज्यपाल द्वारा समस्याओं के निदान का आश्वासन देते हुए दिए गए सुझावों पर अमल करने की बात कही।
राज्यपाल ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि राजभवन में कार्य करने वाले सभी अधिकारी एवं कर्मचारी एक परिवार के रूप में हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के किसी भी सदस्य की समस्या मेरी समस्या है जिनका निदान करना मेरी प्राथमिकताओं में रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक शासकीय कार्मिक अपने कार्यों को पूरी श्रद्धा एवं ईमानदारी से करें। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्यों में उत्कृष्टता और अपने उत्तरदायित्वों के प्रति खरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहा की इस वर्ष का गवर्नर्स गोल्फ टूर्नामेंट सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग से सफल संचालित हुआ है, इसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती गुरमीत कौर, परिसहाय अमित श्रीवास्तव, मेजर तरुण कुमार, कॉम्पट्रोलर प्रमोद चमोली, प्रोटोकॉल अधिकारी संतोष सकलानी सहित राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा उनके परिजन उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री जन समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु अपने कैम्प कार्यालय में कर रहे हैं जन सुनवाई
जन समस्याओं का शीघ्रता से समाधान हो, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री कैम्प कार्यलय स्थित स्वागत कक्ष में प्रत्येक दिन प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों से मिल कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। विभिन्न विभागों से संबंधित जो समस्याएं एवं शिकायतें मुख्यमंत्री के समक्ष आ रही हैं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा विभागों से संबंधित समस्याओं एवं शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए भेजकर उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी भी ली जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित स्वागत कक्ष में लोगों की समस्याओं को सुना। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सोमदत्त शर्मा के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उत्तराखण्ड में कृषि और उद्यान को तेजी से बढ़ावा देने एवं किसानों के हित में सरकार द्वारा लिये जा रहे निर्णयों की सराहना की और मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। राज्य में किसानों को और बेहतर सुविधाएं मिल सके, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
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उद्भव सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआतlu
अल्मोड़ा(अशोक कुमार पाण्डेय) सोबन सिंह जीना परिसर के सांस्कृतिक कार्यक्रम उद्भव की शुरुआत हुई। तीन दिवसीय उद्भव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मुख्य सभागार में मुख्य अतिथि रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट, सत्र के अध्यक्ष प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट, विशिष्ट अतिथि गुड्डू भोज, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह, कुलसचिव प्रो इला बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो गिरीश चन्द्र साह, सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत आदि ने दीप जलाकर शुरुआत की। कार्यक्रम का उद्घाटन अवसर पर संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत का गायन किया गया।
इसके उपरांत अतिथियों का बैज अलंकरण कर, प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर महोत्सव की संयोजक प्रो इला साह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उद्भव सांस्कृतिक महोत्सव के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सृजन होने के उपरांत लोक संस्कृति को प्रकट करती हुई प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी।
मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने कहा विश्वविद्यालय के उद्भव सांस्कृतिक समारोह का आयोजन होना सुखद है। संस्कृति शब्द के संबंध में उन्होंने कहा कि संस्कृति किसी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का सम्यक दर्शन है। संस्कृति जीवन जीने का तरीका है। संस्कृति हमारे लिए महत्वपूर्ण है और यह वर्षों की जमा पूंजी है। आज हम इसी संस्कृति को जानने, समझने के लिए उपस्थित हुए हैं। मुझे आशा है कि तीन दिवसीय महोत्सव में अपने अभिनय से संस्कृति को प्रकाश में लायेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा अल्मोड़ा नगरी में हमेशा सांस्कृतिक नगरी को बढ़ावा मिला है। इस नगरी में कई कलाकार दिए हैं। यह परिसर भी रंगमंच के लिए कई कलाकारों को दे चुका है। उन्होंने अल्मोड़ा की सांस्कृतिक इतिहास को प्रस्तुत किया। उन्होंने आयोजकों को बधाई दी।
12 से 14 जून,2023 तक आयोजित होने वाले इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रथम दिवस पर कला, विज्ञान, दृश्यकला, शिक्षा, विधि संकाय की झांकियों ने दर्शकों का मन मोहा। संकायों के युवाओं ने गौरा महेश्वर, हिल जात्रा, झोड़ा, उत्तराखंड की संस्कृति को उजागर करती हुई झांकियों को प्रस्तुत किया। साथ ही कुमाउनी झोड़ा, कृषि कार्यों को लोकनृत्यों में पिरोकर रंगारंग प्रस्तुति देकर दर्शकों की वाहवाहियां लूटी। विभिन्न संकायों के बीच हुई लोक नृत्य प्रतियोगिता में झोड़ा, चांचरी की शानदार प्रस्तुति दी गयी। संगीत विभाग की छात्राओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को उन्मुख क़रतीं हुई विशेष प्रस्तुतियां दी।
‘तू मालझाले की घुघुती, तू कान बसाती घुघुती, घूर घुरानी घुघुती।’ ओ लाली ओ होसिया, पधानी लाली तीलै धारू बोला आदि गीतों पर शानदार प्रस्तुति दी।
महोत्सव का संचालन डॉ संजीव आर्या और डॉ दीपक टम्टा ने किया।
रंगकर्मी एवं साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज, लोकगायक एवं रंगकर्मी दीवान सिंह कनवाल ने लोकनृत्य और डॉ संगीता पवार और डॉ प्रज्ञा वर्मा ने झांकी का निर्णायक की भूमिका निभाई।
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केन्द्रीय नोडल टीम जनपद में 12 से 14 जून तक ’जल शक्ति अभियान के कार्यों की करेंगे समीक्षा’
केन्द्रीय नोडल अधिकारी जल शक्ति भारत सरकार कौशलेंद्र प्रताप सिंह और सीनियर वैज्ञानिक तकनीकि नोडल करम सिंह के नेतृत्व में जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्यों के निरीक्षण हेतु केन्द्रीय नोडल टीम 12-14 जून तक जनपद भ्रमण पर है।
आज विकास भवन सभागार में जनपद के संबंधित विभागों ने जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर योजना, जल स्त्रोत पुनर्जीवन, वर्षा जल संरक्षण, चाल-खाल, नौले, माइक्रो डैम इत्यादि संबधित कार्यों का विभागवार प्रजेन्टेशन दिया गया। इस दौरान सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, जल संस्थान, पेयजल निगम, ग्राम्य विकास, कृषि विभाग आदि विभागों ने जल शक्ति अभियान के कार्यों के साथ पर्यावरण संरक्षण, मृदा संरक्षण और वनीकरण के कार्यों की अभिनव पहल और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में भी अवगत कराया। विभागीय अधिकारियों ने वाटर बॉडी चिन्ह्किरण, उनकी मैपिंग, जियो टैगिंग, कार्य प्रारम्भ और रख-रखाव आदि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
इस दौरान केन्द्रीय नोडल अधिकारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन व मनुष्यों द्वारा जल के अवैज्ञानिक दोहन के चलते जल संकट विश्वव्यापी हो चुका है। शहरों में भूमिगत जल नीचे जा रहा है। पहाड़ों में जल स्त्रोत झरने सूखते जा रहे है, जिस कारण जल संरक्षण व मृदा संरक्षण मुख्य चिंतन के केन्द्र में आ गया है। कहा कि आगामी 2 दिनों तक भारत सरकार की केंद्रीय टीम जनपद में अलग-अलग अमृत सरोवरों व श्रीनगर स्थित जल शक्ति केंद्र का निरीक्षण करेगी।
बैठक में सीनियर वैज्ञानिक तकनीकि नोडल करम सिंह के ने कहा कि जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर अभियान और वृक्षारोपण के साथ-साथ मृदा संरक्षण व संवर्द्धन में परम्परागत तरीके के साथ-साथ जो भी आधुनिक रिसर्च ओर नई तकनीक सामने आ रही है उनका उपयोग कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं। कहा कि हमें न केवल जल विहीन जंगल, वन्यजीव जैसे प्रकृति के आभूषणों को बचाने के लिए सबकी भागीदारी लेनी होगी क्योंकि प्रकृति संरक्षण के कार्यों की व्यापकता बहुत अधिक है।
इस दौरान ज़िला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने अवगत कराया कि जनपद में जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर और वृक्षारोपण कार्यों के संबंध में ग्राम सभा स्तर पर पहले बैठकों का आयोजन किया गया जिनमें अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों के संबंध में स्थानीय लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए उनकी भागीदारी ली गई। विकासखण्ड स्तर से लेकर जिला पंचायत बैठकों तथा विभिन्न विद्यालयों के साथ ही विशेष आयोजन के अवसरों पर ’कैच द रेन’ शपथ दिलाई गई तथा लोगों को जल के व्यावहारिक उपयोग, वैज्ञानिक तरीके से उसका संवर्धन संरक्षण के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
विकास भवन में आयोजित बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई संजय शर्मा, एडीपीआरओ नितिन नौटियाल सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।