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मा. न्यायालय में जिन घोड़े-खच्चर मालिकों/संचालकों पर वाद लंबित हैं ऐसे घोड़े-खच्चरों का मा. न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में यात्रा में किसी भी दशा में संचालन न हो, उन्हें ब्लाॅक करने के दिए निर्देश।
रुद्रप्रयाग 28 मार्च 2024:- श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में पशु क्रूरता निवारण समिति बैठक आयोजित की गई जिसमें पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य श्रीमती गौरी मौलखी भी मौजूद रही।
बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो इसकी निरंतर निगरानी रखने के लिए गठित म्यूल टास्क फोर्स के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि घोड़े-खच्चरों के बिना स्वास्थ्य परीक्षण के प्रमाण-पत्र निर्गत न किए जाएं एवं स्वस्थ घोड़े-खच्चरों का ही पंजीकरण कराया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि पिछली यात्रा में जिन घोड़े-खच्चरों के मालिकों/संचालकों द्वारा पशु-क्रूरता की गई है तथा उनके विरुद्ध मा. न्यायालय में वाद लंबित हैं ऐसे घोड़े-खच्चर मालिक/संचालकों को चिन्हित करते हुए मा. न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में इस यात्रा में संचालन की अनुमति न दी जाए तथा उन्हें ब्लाक करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि घोड़े-खच्चरों के लिए फाटा में जो पशु चिकित्सालय तैयार किया जा रहा है उसमें उप जिलाधिकारी के साथ समन्वय करते हुए पर्याप्त स्थान को चिन्हित करने के निर्देश दिए जिससे कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए उचित उपचार हेतु चिकित्सालय तैयार किया जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में जो भी कैंप चिकित्सालय तैयार किए जा रहे हैं उनमें जो भी व्यवस्थाएं एवं तैयारियां की जानी हैं उन्हें यात्रा शुरू होने से पूर्व ही सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि घोड़े-खच्चरों के लिए रहने के लिए जिन-जिन स्थानों पर सेट तैयार किए जा रहे हैं उन कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि गौरीकुंड घोड़ा-पड़ाव के ऊपर सेंचुरियन क्षेत्र में किसी भी प्रकार से किसी भी घोड़े-खच्चर के डेरे एवं रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए चिप (इंटरनल टैग) तैयार करने के निर्देश दिए जिसमें घोड़े-खच्चरों का पूरा विवरण तैयार किया जाए तथा घोड़े-खच्चरों के रजिस्ट्रेशन व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की वैद्यता रोस्टर के संबंध में विवरण संबंधित जानकारी घोड़े-खच्चर संचालकों को भी उपलब्ध कराई जाए ताकि घोड़े-खच्चर संचालक को पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहे। बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन किसी भी दशा में न किया जाए।
पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य श्रीमती गौरी मौलखी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी तरह से कोई पशु क्रूरता न हो इस पर कड़ी निगरानी रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि गौरीकुंड से ऊपर रास्ते में कहीं भी किसी घोड़े-खच्चरों का डेरा न तैयार किया जाए तथा सूर्यास्त के बाद किसी भी घोड़े-खच्चरों का संचालन न किया जाए।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक लीलाधर बिष्ट, डाॅ. राजीव गोयल, एसपीओ गुलाब सिंह, डाॅ. अमित सिंह, डाॅ. सुनील कुमार, सहायक अभियोजन अधिकारी उदय सिंह जगवाण सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।