(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)
उत्तराखंड सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के मंत्र पर कार्य कर रही है, और अच्छी व गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के संकल्प: पुष्कर सिंह धामी।
पौड़ी:- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर का नव निर्माण व सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया। वहीं उन्होंने ग्राम पंचुर बारात घर का प्रथम चरण व द्वितीय चरण निर्माण कार्य का 9.80 लाख की लागत से लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल में जाकर स्कूली बच्चों के साथ संवाद व विद्यालय का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने आईजीएल (इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड) की वार्षिक पुस्तिका का विमोचन भी किया। उसके बाद उन्होंने राजकीय जूनियर हाई स्कूल कांडी व राजकीय प्राथमिक विद्यालय विथ्याणी में भी जाकर विद्यालय का लोकार्पण किया और स्कूल के बच्चों के साथ बातचीत कर विद्यालय का निरीक्षण किया। इसके अलावा दोनों मुख्यमंत्री ने बच्चों को चॉकलेट भी वितरित किए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर में 5वीं कक्षा तक मेरी पढ़ाई हुई है। उन्होंने अपनी बचपन की यादों को ताजा करते हुए वहां उपस्थित लोगों से साझा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने विद्यालय में आकर उन्हें अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। विद्यालय अब एक नए स्वरूप और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होकर दिख रहा है। पिछले एक वर्ष में यहां कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित की गई हैं, जो सराहनीय हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई और धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आईजीएल (इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड) द्वारा स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक लैब, वॉशरूम और वर्चुअल क्लासेस जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। पहले इतने संसाधन उपलब्ध नहीं थे, लेकिन आज टेक्नोलॉजी के प्रभावी उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव आ रहे हैं। यदि सरकार के पास स्पष्ट विजन हो और समाज उसमें सक्रिय भागीदारी करे, तो किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति संभव है।
उन्होंने कहा कि पहले, सीमित संसाधनों के बावजूद, गुरुजनों ने अनुशासन और समर्पण से उत्कृष्ट कार्य किए। विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाल सभाएं, खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं, जिनका सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण पर पड़ता था। उस समय के विद्यार्थी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आगे बढ़े और सफल हुए।
आज, सरकार के साथ-साथ निजी संस्थाएं भी शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग कर रही हैं और क्षेत्र के विद्यालयों के विकास में योगदान दे रही हैं। सरकार और समाज मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्य कर रहे हैं, जिससे सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो रहा है। अब शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे इन संसाधनों का सदुपयोग कर बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करें। योगी जी ने यह भी कहा कि पहले शिक्षक के हाथ में छड़ी होती थी, लेकिन अभिभावक कभी नाराज नहीं होते थे, क्योंकि वे जानते थे कि शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं। शिक्षक न केवल विद्यार्थियों के घर तक पहुंचते थे, बल्कि उन्हें देश और दुनिया की नवीनतम घटनाओं से भी अवगत कराते थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं होती, बल्कि इसमें समाज की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। जब समाज शिक्षा को प्राथमिकता देगा और उसमें योगदान देगा, तभी बेहतर और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों और समस्त उत्तराखंडवासियों की ओर से वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का हार्दिक स्वागत करते हैं। यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि योगी जी इसी देवभूमि उत्तराखंड से हैं। समस्त उत्तराखंड की जनता उनके प्रति अपार स्नेह और सम्मान रखती है। कहा कि योगी जी के प्रयासों से प्रदेश के स्कूलों में आधुनिक लैब सुविधाएं, वर्चुअल क्लासरूम, वॉशरूम, लाइब्रेरी सहित अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि योगी जी ने इस विद्यालय में कक्षा 5 तक की शिक्षा ग्रहण की थी। कोई भी जन्म से महान नहीं होता, बल्कि पुरुषार्थ और दृढ़ निश्चय से महानता प्राप्त करता है। योगी जी का जीवन इसका सशक्त प्रमाण है कि संकल्प और परिश्रम से आगे बढ़ा जा सकता है। संकल्प में कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि योगी जी एक सामान्य छात्र रहे हैं और साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद आज देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य के मुख्यमंत्री हैं। संपूर्ण विश्व उन्हें एक कर्मयोगी के रूप में पहचानता है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता का माहौल था, लेकिन आज उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट राज्य बन चुका है। प्रदेश में सड़कों और बुनियादी ढांचे का निरंतर विकास हो रहा है। प्रयागराज से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, और उन्होंने योगी जी से अनुरोध किया है कि इसे हरिद्वार तक विस्तारित किया जाए। उत्तराखंड की बात करें तो नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर है। राज्य में बेरोज़गारी दर में कमी आई है, और योगी जी को उत्तराखंड में नशाखोरी और पलायन की भी विशेष चिंता है। उत्तराखंड सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के मंत्र पर कार्य कर रही है, और अच्छी व गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के संकल्प को साकार कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएं और निष्ठा व समर्पण के साथ अध्ययन करें। जब बच्चे खूब पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे, तो उत्तराखंड और देश का नाम रोशन होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षक राजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ बचपन से ही पढ़ाई और हर क्षेत्र में बहुत ही होनहार थे। उन्होंने अपने गुरुजी के मार्गदर्शन में शिक्षा ग्रहण की और हमेशा उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहे। राजेन्द्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और परिश्रम ही उनकी सफलता की कुंजी है। उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली ने हमेशा प्रेरणा दी है।
इस मौके पर केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, केबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट, आईजीएल प्रवर निदेशक उमाशंकर भारतिया, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत सहित अन्य उपस्थित थे।