विश्व गौरैया दिवस: गौरैया संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का दिन। WWW.JANSWAR.COM

(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)

विश्व गौरैया दिवस: गौरैया संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का दिन।

विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य गौरैया की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके संरक्षण के लिए कदम उठाना है। यह दिवस “नेचर फॉरएवर” नामक एक पक्षी संरक्षण संगठन द्वारा 2010 में शुरू किया गया था।

गौरैया की घटती आबादी के कारण:-

  • शहरीकरण और पेड़ों की कटाई: गौरैया के घोंसले बनाने की जगहें खत्म हो रही हैं।
  • रेडिएशन और प्रदूषण: मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन गौरैया की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर डाल रहा है।
  •  भोजन की कमी: कीटनाशकों और रसायनों के बढ़ते उपयोग से कीट-पतंगे कम हो गए हैं, जो गौरैया के भोजन का मुख्य स्रोत हैं।
  • आधुनिक वास्तुकला: पुराने घरों की डिजाइन में दरारें और कोने होते थे, जहां गौरैया घोंसला बना सकती थी। लेकिन अब नए घरों में ऐसी जगहें नहीं होतीं।
  • जलवायु परिवर्तन: बढ़ती गर्मी और मौसम में अनियमितता भी इनके अस्तित्व के लिए खतरा बन रही है।

गौरैया बचाने के लिए क्या कर सकते हैं:

  • पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें: घर की बालकनी या बगीचे में पानी और अनाज के लिए परिंडे लगाएं।
  • घोंसला बनाने की जगह दें: लकड़ी के छोटे घर या पुराने बक्सों को घोंसले के रूप में इस्तेमाल करें।
  • कीटनाशकों का कम उपयोग करें: जैविक खेती को अपनाकर गौरैया के भोजन स्रोत को बचाया जा सकता है।
  • पेड़-पौधे लगाएं: खासकर देशी पेड़-पौधे, जो कीट-पतंगों को आकर्षित करते हैं और गौरैया के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • जागरूकता फैलाएं: बच्चों और समाज में गौरैया संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाएं।