गट्टू गाड जनपद पौड़ी:- सद्गुरु राही बाबा के सानिध्य में दिनांक 20 मार्च से पाण्डव गुफा से प्रारम्भ होगी मणिकूट परिक्रमा। WWW.JANSWAR.COM

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गट्टू गाड जनपद पौड़ी स्थित आत्म कुटीर आश्रम में सदगुरू राही बाबा जी के सानिध्य में इस वर्ष आयोजित होने वाली वार्षिक मणिकूट परिक्रमा की तिथि निर्धारित करने हेतु मणिकूट परिक्रमा समिति की बैठक का आयोजक किया गया।

गट्टू गाड/ जनपद पौड़ी 17 मार्च 2024:- तय किया गया कि उत्तराखण्ड प्रदेश के सबसे प्राचीन धार्मिक गतिविधि मणीकूट पर्वत की परिक्रमा को प्रातः 20 मार्च 2024 07:00 बजे पाण्डव गुफा नजदीक जिला अधिकारी कार्यालय लक्ष्मणझूला से प्रारम्भ होगी।

परिक्रमा के संयोजक पूर्व राज्यमंत्री रमेश उनियाल ने बताया कि हिमालय में मणिकूट हमेशा ही तपस्या करने वाले ऋषि मुनियों की तपस्थली रहा है। तपस्वी मणीकूट पर्वत की परिक्रमा आलौकिक शक्तियों के संग्रह तथा परमात्मा की प्राप्ति हेतु करते थे ।
वर्तमान समय में गृहस्थ मणिकूट परिक्रमा सांसारिक लाभ हेतु तथा साधु जन परमात्मा की प्राप्ति हेतु करते हैं। इस पवित्र यात्रा में मार्ग में आने वाले 12 द्वारो का विधिवत पूजन किया जाता है। प्रथम द्वार पाण्डव गुफा है। यह स्थान स्वर्गारोहणी के समय पाण्डवों की तपस्थली तो रहा ही है, सतयुग में देवताओं के गुरू वृहस्पति द्वारा यह स्थान पूजित था । त्रेतायुग में लक्ष्मण जी ने यहाँ तपस्या की। द्वापर युग में महावीर हनुमान जी की तपोभूमि रहा। प्रतिवर्ष भारत के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा विश्व के कई देशों के श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

यात्रा में पाण्डवगुफा, गरूडचट्टी, फूलचट्टी, कालीकुण्ड, पीपलकोटी, दिउली, कुशाशील, विन्धवासिनी, गोहरी बैराज, गणेश चौड़, भैरवघाटी नामक स्थानों में स्थित 12 द्वारों की पूजा होती है। गत् कुछ वर्षों से यात्रा वाहानों द्वारा एक दिन में ही की जा रही है। यात्रा में शामिल होने वाले जिन लोगों के पास स्वयं का वाहन नहीं होगा उन्हें पाण्डवगुफा में परिक्रमा समिति निःशुल्क वाहन उपलब्ध करवायेगी। सभी यात्रियों के निःशुल्क जलपान व भोजन की समुचित व्यवस्था की जायेगी।

दिन के भोजन की व्यवस्था विशाल भण्डारे के रूप में कुशाशिल (तैडो ) नामक स्थान पर की जायेगी।यात्रा के सुचारू संचालन हेतु शासन प्रशासन से भी सहयोग की अपेक्षा की गई है।