समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को राज्य में बढ़ावा दिया जाए- मुख्यमंत्री# विकास के लिये समन्वित प्रयास की जरूरतः सीएम# अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें व्यक्त की गयी।

 

 

  • समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को राज्य में बढ़ावा दिया जाए- मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने  कुम्हार हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए सचिवालय में मिट्टी के गिलास में चाय पी।
  • मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए।
  • कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
  • कुम्हार हस्तकला को सीएम स्वरोजगार योजना में भी जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को पुनर्जीवित करने को लेकर बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में कुम्हारी कला को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुम्हारी कला समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला है। उतराखण्ड में अनेक परिवार इस कला से जुड़े हैं। भारत सरकार की ‘‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना” का उद्देश्य कुम्हारी कला को पुनर्जीवित करना एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक कुम्हार समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त कर विकास की मुख्यधारा में वापस लाना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मिट्टी उपलब्ध हो, इसके लिए ऐसी मिट्टी वाली भूमि का चिन्हीकरण किया जाए। चिन्हित भूमि से कुम्हारों को आवश्यकतानुसार एवं मानकों के हिसाब से निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए। इसे व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में चाय पीकर इसकी शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि 03 माह में कुम्हारी कला की अगली बैठक आयोजित की जायेगी, कुम्हारी कला को बढ़ावा देने के लिए राज्य में क्या प्रयास किये गये, इसकी समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हारी हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए। इस विद्या से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें हर सम्भव मदद दी जाए। देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुनर हाटों में हस्तकला से जुड़े लोगों को भेजा जाए। कुम्हारी कला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी हो। उन्होंने कहा कि कुम्हार हस्तकला इकोलॉजी के लिए भी अच्छा है। कुम्हार हस्तकला को सीएम स्वरोजगार योजना में भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, दीपावली के पर्व पर कुम्हारों द्वारा निर्मित दिये एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाए।
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विकास के लिये समन्वित प्रयास की जरूरतः सीएम

इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन से सतत विकास

बेस्ट प्रैक्टिसेज को दस्तावेज के रूप में संकलित किया जाएगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 व्यक्तियों व संस्थाओं को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में की जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज को दस्तावेज के रूप में संकलित कर राज्य स्थापना दिवस पर जारी किया जाएगा। इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को राज्य सरकार के स्तर पर भी क्रियान्वित किया जाएगा। एक स्थानीय होटल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 27 व्यक्तियों और संस्थाओं को सतत विकास लक्ष्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सराहनीय काम करने के लिये एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड को साकार करने के लिये जनसहयोग आवश्यक है। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। ये सभी राज्य के विकास के ब्राण्ड एम्बेसडर हैं। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में इकोलॉजी और इकोनोमी में संतुलन बनाते हुए काम करना है। पर्यावरण और विकास दोनों ही जरूरी हैं। पिछले वर्षों में राज्य में सतत विकास लक्ष्य में बेहतर काम किया गया है। एसडीजी इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड दसवें से चौथे स्थान पर आ गया है।
मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि वे स्वयं समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर प्रेरित होते हैं। इससे ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।
मुख्यमंत्री ने सूखते जलस्त्रोतों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जलस्त्रोतों के रिचार्ज पर चल रहे काम को तेजी से आगे बढ़ाना है। इसी तरह से उत्तराखण्ड की कला को भी प्रचारित किये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं विशिष्ट व्यक्तियों को ऐपण कलाकृति भेंट करते हैं।
सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सराहनीय काम करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड देने के लिये पूर्व मुख्य सचिव श्री एन रविशंकर की अध्यक्षता में ज्यूरी का गठन किया गया था। कुल 176 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनके काम का भौमिक सत्यापन करते हुए ज्यूरी द्वारा 27 व्यक्तियों और संस्थाओं का एसडीजी गोलकीपर अवार्ड के लिये चयन किया गया था।
एस०डी०जी० 1 शून्य गरीबी के तहत श्री कपिल तलवार, जनपद ऊधम सिंह नगर व हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर देहरादून, एस०डी०जी० 2 शून्य भुखमरी के तहत श्री बची सिंह बिष्ट, नैनीताल व हितैषी-हिमालयन पर्यावरण, जलस्त्रोत एवं पर्वतीय शिक्षा संस्था, बागेश्वर, एस०डी०जी० 3 उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली के तहत सेवा इंटरनेशनल कर्णप्रयाग, चमोली, व उत्तराखण्ड एसोशियेसन फॉर पॉजिटिव पिपल लिविंग विद एचआईवी/एड्स देहरादून, एस०डी०जी० 4 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत संयुक्त रूप से श्री चन्दन सिंह घुग्त्याल, देहरादून, श्री जोगिंदर रोहिला देहरादून, व आसरा ट्रस्ट, देहरादून, एस०डी०जी० 5 लैंगिक समानता के तहत, श्रीमती इंदिरा अधिकारी, अल्मोडा व हिमगिरी नैचुरल प्रोडक्टस को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अल्मोड़ा, एस०डी०जी० 6 साफ पानी एवं स्वच्छता के तहत हिम्मोथान सोसाइटी, देहरादून, पेन हिमालयन ग्रासरूट डेव्लेपमैंट फाउंडेशन, अल्मोड़ा, एस०डी०जी० 7 साफ और स्वच्छ ऊर्जा के तहत के. बी. सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, ऊधम सिंह नगर, एस०डी०जी० 8 आर्थिक वृद्धि के तहत संयुक्त रूप से  श्री कैलाश पुष्पवान  रूद्रप्रयाग, श्रीमती नमिता तिवारी, अल्मोड़ा व पर्वतीय चाय उत्पादन स्वायत सहकारिता (बेरीनाग चाय), बेरीनाग, पिथौरागढ, एस०डी०जी० 9 उद्योग और नवाचार के तहत, श्री मनमोहन भारद्वाज, हरिद्वार, एस०डी०जी० 10 असमानताओं में कमी के तहत, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, नैनीताल, एस०डी०जी० 12 उपभोग और उत्पादन के तहत वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी, देहरादून, एस०डी०जी० 13 जलवायु परिवर्तन के तहत श्री अमित कुमार जैन, काशीपुर, ऊधमसिंह नगर, एस०डी०जी० 15 भूमि पर जीवन के तहत श्री दिनेश गुरुरानी, पिथौरागढ, एस०डी०जी० 16 शांति और न्याय, श्री संतोष कुमार मासीवाल, अल्मोड़ा व  रूरल इन्व्यारमेन्टल एण्ड एजूकेशनल डवलपमेन्ट सोसायटी चम्पावत, एस०डी०जी० 17 लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी के तहत सोसाइटी फॉर हिमालयन इन्वायरोमैंट एण्ड जिओलॉजी पिथौरागढ, व द उम्मीद नेटवर्क, रूद्रप्रयाग और यंग एचीवर के तौर पर श्री सिद्धार्थ माधव को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सचिव नियोजन श्री रणजीत सिन्हा, यूएनडीपी के नीति विशेषज्ञ श्री जयमॉन उत्थुप सहित नियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री/गृह विभाग श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में शुक्रवार को आजादी के अमृत महोत्सव के पावन काल में उत्तराखण्ड राज्य के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगणों की विभिन्न मांगो के संबंध में विचार विमर्श किये जाने हेतु बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सर्वप्रथम प्रतिभागीगणों को अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें व्यक्त की गयी। बैठक में उन्होंने समीक्षा करते हुए स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगणों के विभिन्न प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये, जिसके क्रम में परिवहन निगम की बसों में ऑनलाइन टिकट बुक किये जाने की व्यवस्था की एक सप्ताह के भीतर पूर्ण किये जाने एवं अन्य प्रकरणों पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने का सचिव, परिवहन विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया। उन्होंने शहरी विकास विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में सड़कों, चौराहों एवं द्वारों का नामकरण एवं शिलापट्ट स्थापित किये जाने संबंधी लंबित प्रकरणों को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाय। बैठक में विभिन्न जनपदों में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के उत्तराधिकारीगणों से संबंधित विभिन्न प्रकरणों के त्वरित एवं नियमानुसार निस्तारण हेतु वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित जिले के अधिकारीगणों को निर्देशित किया गया, जिसके क्रम में जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि प्रत्येक तहसील में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाय तथा उनके नाम एवं मोबाईल नम्बर की सूचना अविलम्ब शासन को उपलब्ध करायी जाय साथ ही जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि यदि किसी कार्यक्रम/समारोह में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी अथवा उनकी पत्नी अथवा विधवा पत्नी को आमंत्रित किया जाता है तो उन्हें यथोचित सत्कार एवं सम्मान प्रदान किया जाय।

बैठक में प्रतिभाग कर रहे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों द्वारा राजकीय सेवा में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का क्षैतिज आरक्षण बढ़ाये जाने, सम्मान पेंशन की धनराशि में वृद्धि किये जाने, राज्य के चिकित्सालयों में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों हेतु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के संबंध में विभिन्न प्रत्यावेदनों के माध्यम से सुझाव प्रस्तुत किये गये, जिसके क्रम में अपर मुख्य सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया कि प्राप्त सुझावों पर परीक्षण कराते हुए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।