(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)
- समाज कल्याण विभाग को राज्य स्तर पर नोडल विभाग नामित किया गया तथा पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग को सक्ति से प्रवर्तन की कार्रवाई के निर्देश दिए.
- नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग करने तथा चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज को मानक के अनुरूप मानसिक चिकित्सकों की तैनाती तथा उसी अनुरूप मिनिमम सुविधाएं उपलब्ध करवाने को किया गया निर्देशित।
देहरादून:- सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में सचिवालय में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने तथा नशे के कारोबार से जुड़े हुए अपराधियों पर समुचित लगाम लगवाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
सचिव ने समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग को इस संबंध में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए।
सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि प्रदेश में संचालित समस्त पुराने एवं नए नशा मुक्ति केंद्रों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (SMHA) के अंतर्गत निर्धारित समय – सीमा के भीतर अनिवार्य पंजीकरण कराने की कार्रवाई पूर्ण करें। साथ ही जिन केंद्रों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर पंजीकरण नहीं कराया जाता है तो उक्त केंद्रों को तत्काल बंद किए जाने की कार्रवाई पूर्ण करें।
उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश में संचालित समस्त पुराने एवं नए नशा मुक्ति केंद्रों की जांच किए जाने की दृष्टिगत समस्त जनपदों हेतु जांच समिति गठित करें और नियमित रूप से नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करें।
राज्य के समस्त जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करवाएं।
उन्होंने राज्य में संचालित समस्त निजी नशा मुक्ति केंद्रों का मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम में उल्लेखित समय- सीमा के अनुसार नियमित परीक्षण और पंजीकरण की जांच करने के भी निर्देश दिए।
सचिव ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का ढांचा बनवाने तथा राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को यथाशीघ्र तैयार करने के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा – निर्देश दिए।
बैठक में सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, विशेष गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल, अपर सचिव प्रकाश चंद्र आर्य व अपूर्वा पांडेय, एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह, संयुक्त निदेशक SMHA सुमित देव, उपसचिव जसविंदर कौर, डॉ. सुधीर कुमार आदि उपस्थित थे।