अरुणाभ रतूड़ी
मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों की भारी बारिश के कारण प्रदेश में आज जनमानस के साथ ही किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्षाकाल के इस कठिन समय में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि अभी तक के कुल आंकलन के अनुसार हार्टीकल्चर की दृष्टि से हरिद्वार जिले को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नैनीताल जिले की कोश्याकुटौली तहसील को भी बहुत नुकसान हुआ है।
मंत्री ने कहा कि राज्य में हुई भारी बारिश से अभी सभी जिलों में हुए नुकसान के सही आंकड़े आने में समय लग रहा है, अधिकारियों को राजस्व की टीम के साथ सर्वेक्षण के निर्देश दिये गये हैं, सभी जिलों में स्थिति सामान्य होने पर ही सही आंकड़े प्राप्त हो सकेंगे तथा नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सकेगा, तथा किसानों को मुआवजा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बीमा से आच्छादित किसानों को बीमा कम्पनी द्वारा मुआवजा दिया जायेगा तथा जो किसान बीमा से आच्छादित नहीं हैं उन्हें भारत सरकार के द्वारा तय मानकों के आधार पर मुआवजा दिया जायेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि हार्टीकल्चर में सेब की पेटियों के वितरण में घपला होने की शिकायत आती थी जिसे दूर करते हुए किसानों को समय पर अच्छी गुणवत्ता की पेटियां उपलब्ध करायी जा रही है जिसमें 20 किलो 03 लाख 93 हजार तथा 10 किलो की 01 लाख 26 हजार 460 पेटियां शामिल है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 06 वेन्डरों को फलों के वितरण हेतु अधिकृत किया गया है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि समय पर लम्बित कार्यों को पूर्ण किया जाए तथा सिस्टम को दुरूस्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर प्रदेश भर के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में हुए नुकसान के आंकड़े का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने कृषि के अंतर्गत दिये जाने वाले मुआवजे का विवरण देते हुए कहा कि हार्टीकल्चर के अंतर्गत 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 22500 प्रति हेक्टेयर और कृषि के अंतर्गत असिंचित भूमि पर 8500 प्रति हेक्टेयर, सिंचित भूमि पर 17000 प्रति हेक्टेयर, खेत में मलवा आने पर 18000 प्रति हेक्टेयर तथा जमीन के बहने 47000 प्रति हेक्टेयर का मुआवजा लघु तथा सीमान्त किसानों को दिया जाता है।
इस अवसर पर सचिव, कृषि दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव, कृषि रणवीर सिंह चौहान तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।