अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में केंद्र पोषित योजनाओं एवं बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की।
राज्य में संचालित केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि का विकास कार्यों में शत प्रतिशत धनराशि खर्च किया जाए। इसके लिए विभागाध्यक्ष एवं सचिव की जिम्मेदारी तय की जायेगी। केंद्र पोषित योजनाओं के तहत निगरानी के लिए शासन स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेल बनाया जाय। विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने तथा प्रस्ताव पर स्वीकृति के बाद विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में केंद्र पोषित योजनाओं एवं बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केंद्र पोषित योजनाओं के तहत योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए किसी भी विभाग को कोई समस्या आ रही है तो मुख्यमंत्री कार्यालय को समस्या से शीघ्र अवगत कराया जाय। समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान निकाला जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि विभिन्न विकास योजनाओं के तहत केंद्र सरकार से धनराशि स्वीकृत होने के बाद फाइल अनावश्यक रूप से शासन में लंबित न रहे। विभागीय सचिव अपने स्तर से स्वीकृत धनराशि जारी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं का राज्य को पूरा फायदा मिल सके, इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। सभी विभाग योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की दिशा में अपनी ओर से बेस्ट परफॉर्मेंस दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के तहत जिन केंद्र पोषित योजनाओं के तहत कार्य हो रहे हैं, मार्च 2024 तक विभाग ने इसके लिए क्या प्लान बनाया है, वह प्लान प्रस्तुत किया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों में तेजी लाई जाय। कार्यदाई संस्थाओं के चयन के लिए विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद चयन प्रक्रिया अविलम्ब प्रारम्भ कराई जाये, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब न हो। राज्य की कार्यदाई संस्थाओं को पहले प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान 50 करोड़ रूपये से अधिक बजट की 22 विभागों की 42 केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की। बाह्य सहायतित योजनाओं के कार्यों में भी और तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये। बैठक में बताया गया कि केन्द्रीय पोषित योजनाओं के तहत राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 202324 के लिये कुल 15 हजार 583 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 31 जुलाई 2023 तक 04 हजार 204 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 01 हजार 759 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जा चुकी है। 31 जुलाई 2023 तक बजट के सापेक्ष 27 प्रतिशत धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अभी तक 42 प्रतिशत धनराशि व्यय की जा चुकी है। जबकि राज्य में 8338 करोड़ रूपये की 12 बाह्य सहायतित परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जबकि 17165 करेाड़ की 10 बाह्य सहायतित परियोनाएं पाईपलाईन में हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल. फैनई, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री दीपेन्द्र चैधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री चन्द्रेश कुमार यादव, श्री विजय कुमार यादव, अपर सचिव श्री योगेन्द्र यादव, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में सहकार भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय में सहकार भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सहकार भारती के संस्थापक स्व. श्री लक्ष्मणराव इनामदार जी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने मूकसाधक की भांति राष्ट्र के लिए समर्पित जीवन जिया और देश में सहकारिता आंदोलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी स्थापना से ही सहकार भारती ने सहकारिता आंदोलन को राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किया है और हमेशा अपने कार्यों से यह प्रयास किया कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जाए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में स्पर्धा की बजाए सहयोग की भावना रहनी चाहिए क्योंकि सहकारिता किसी पर उपकार नहीं बल्कि एक दूसरे को स्वावलंबी बनाने का कार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी के लिए सहकारिता का बहुत महत्व है, क्योंकि आज की पीढ़ी जल्द स्वावलंबी बनना चाहती है। इसीलिए सहकार से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को और अधिक मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान कर रहा है। मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए कारोबार में सुगमता के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहुराज्य सहकारी समितियों के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता विभाग व उससे सम्बन्धित समस्त संस्थाओं का उद्देश्य न केवल कृषकों को सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान कराना है, बल्कि ग्रामीण एवं शहरी निर्बल और निर्धन वर्ग को सशक्त बनाते हुये उनके जीवन स्तर को उन्नत करना भी है। सहकार भारती सहकारिता और सहकारी समितियों का एकमात्र अखिल भारतीय संगठन है। अपने मिशन के अनुसरण में सहकार भारती आत्मनिर्भर सहकारी संस्थानों के निर्माण के लिए जनता को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। अपने अनुशांगिक प्रकोष्ठ ‘गंगा सहकार ग्राम’ के तहत प्राकृतिक खेती, औषधि एवं पौधारोपण आदि कार्यों को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत पशुपालकों को साइलेज उपलब्ध कराया जा रहा है। देशभर में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण कार्य की शुरुआत उत्तराखंड से हुई है। राज्य की सभी 670 समितियों का कंप्यूटरीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। सहकारी समितियों के साथ 95 जन औषधि केंद्र एवं जन सुविधा केंद्रों की शुरूआत भी सबसे पहले उत्तराखंड ने की है। सहकारिता की भावना से प्रारंभ किए गए जन औषधि केंद्रों से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीनानाथ ठाकुर, मिलेनियम इंडिया एजुकेशन फाउंडेशन के निदेशक डॉ. उदय काकरू, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में हल्द्वानी निवासी सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी श्री तेजस तिवारी ने भेंट की ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में हल्द्वानी निवासी सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी श्री तेजस तिवारी ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने तेजस को भविष्य में शतरंज़ के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने एवं उज्ज्वल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज उत्तराखण्ड विभिन्न खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
अन्तर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ द्वारा हल्द्वानी निवासी श्री तेजस तिवारी को सबसे कम उम्र का शतरंज खिलाड़ी घोषित कर सम्मानित किया गया है।