नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी
नहीं हो पाता सीएम हेल्प लाईन से पहाड़ की जनता की समस्याओं का समाधान।
प्रदेश के नागरिकों की समस्याओं का जब समाधान नहीं होता तो उनको आस रहती है कि उनकी समस्याओं का समाधान प्रदेश के मुखिया करेंगे।इसके लिए प्रदेश के मुखिया तक अपनी फरियाद पहुंचाने के लिए एक ऑनलाईन शिकायत प्रकोष्ठ है जिसे सीएम हेल्पलॉईन का नाम दिया गया है। जिसका टॉल फ्री नंबर है 1905 सीएम हेल्प लाईन की में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि सामान्य नागरिक उसमें शिकायत दर्ज ही नहीं कर पाता। रही टॉल फ्री नंबर है 1905 की बात तो उस पर फोन करने पर एक दबाओ दो दबाओ में ही व्यक्ति उलझ कर रह जाता है।
अगर आपने शिकायत दर्ज कर भी ली तो आपकी शिकायत उस स्तर के अधिकारी के पास भेजी जाएगी जिस स्तर पर आपकी शिकायत है।उक्त अधिकारी का जो उत्तर होता है वह आपको फोन से बता दिया जाता है। अगर आप संयोग बस फोन न उठा पाये तो यह भी संभव है कि आपकी शिकायत को समाधानित मान कर बन्द कर दिया जाय।अब चाहे उस अधिकारी ने जिसके स्तर पर शिकायत है झूठी रिपोर्ट ही क्यों न भेज दी हो हेल्प लाईन के अधिकारी उसी को सत्य मान कर शिकायत का समाधान हो गया है कह कर शिकायत को बंद कर देते थे। वह तो भला हो वर्तमान मुख्यमंत्री का कि उन्होंने सीएम हेल्प लाईन के अधिकारियों को यह निर्देश दे दिये कि जब तक शिकायत कर्ता का समाधान नहीं होता तब तक शिकायत बन्द नहीं होगी। पर होता कुछ नहीं है।शायद हेल्पलाईन वाले अधिकारी के पास अधिकारी के उत्तर की जांच करने का या तो अधिकार नहीं है या संसाधन नहीं है कि वे अधिकारी के उत्तर की क्रास चेकिंग कर सकें। जब समस्या का कोई समाधान नहीं होता तो शिकायत कर्ता थक हार कर अपनी शिकायत बन्द करा देता है।और हेल्प लाईन के खाते में एक और समस्या का समाधान किया की संख्या जुड़ जाती है।
मेरे गांव सीला को यातायात उपलब्ध कराने के लिए कांडी-सीला रोड़ बनी है। जो सीला पुल से फेडुवा तक लगभग 03कि०मी०वन विभाग के अधीन है तथा जिसका रखरखाव वन प्रभाग लैंसडौन (कोटद्वार) के रेंज लालढांग के द्वारा किया जाता है, यह सड़क सीला पुल के निकट गत वर्ष सन् 2022 के अगस्त माह में पुस्ता टूटने से अवरुद्ध हो गयी थी। जो कि लगभग 15-20 मीटर होगा। वन विभाग से आग्रह किया गया कि जब तक पुस्ता बनाने को बजट मिलता है तब तक पुस्ते के टूटे भाग में ऊपर से काट कर यातायात प्रारम्भ किया जाय,परन्तु लगभग 15महीने से बंद सड़क आज भी नहीं खुली।जब इस मामले को मैंने सी.एम.हेल्पलाईन पोर्टल पर दिनांक -27जुलाई 2023को समस्या अंकित की जिसे क्रमांक- CMHL- 72023 -4 -41पर अंकित किया गया। परन्तु शिकायत अंकित होने के चार माह बाद भी समस्या यथावत् है।
इसी प्रकार अपनी ग्रामसभा सीला के वार्ड 01व दो में सोलर लाईट न लगाये जाने की समस्या मैंने इसी पोर्टल पर क्रमांक सं0-72023-4 -420364 दिनांक-31जुलाई 23 को अंकित कराई थी परन्तु आज तक सोलर लाईट नहीं लगी।यद्यपि दोनों शिकायतें आज भी सक्रिय हैं पर जब उसका निदान नहीं होना है और अधिकारियों के उत्तर की जांच किसी और संस्था से नहीं करा कर उस पर विश्वास कर लिया जाता है तो शिकायत कर्ता स्वयं को ठगा महसूस करता है।
सीएम हेल्प लाईन के अधिकारियों को झूठी रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने व शिकायत झूठी निकलने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध चेतावनी देने व पुन:झूठी शिकायत अंकित करने पर दण्डात्मक कार्यवाही की शक्ति भी होनी चाहिए। जिससे कोई अधिकारी झूठी रिपोर्ट न भेज सके और कोई शिकायत कर्ता झूठी शिकायत न कर सके। साथ ही शिकायतकर्ता को शिकायत कर्ता न मान कर ह्विसिल ब्लोअर समझना चाहिए।
वर्तमान में तो यह हेल्पलाईन मेरे अनुभव से बिना नख,दन्त का सिंह है।