अल्मोड़ा:- अल्मोड़ा के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने सरकार व वनमंत्री को बिनसर अभयारण्य हादसे के लिए माना जिम्मेदार। WWW.JANSWAR.COM

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अल्मोड़ा के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने सरकार व वनमंत्री को बिनसर अभयारण्य हादसे के लिए माना जिम्मेदार।

अल्मोड़ा:18जून:-(अशोक कुमार पाण्डेय) बिनसर अभयारण्य में हुए हादसे के लिए पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने सरकार और वन मंत्री को जिम्मेदार माना है। कहना है कि घटना को आज छह दिन हो गए हैं, वन मंत्री ने एक बार हताहतों और घायलों के परिजनों का हाल नहीं जाना। मंगलवार को हुई एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार को मृतकों के परिजनों को स्थाई नौकरी देनी चाहिए। इसके अलावा घायलों के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए। कहा कि वन अधिकारियों पर कार्रवाई कर सरकार अपनी जिम्मदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। सरकार को आगे आकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें सीएम पुष्कर धामी स्वयं और वन वन मंत्री शामिल हैं।बगैर संसाधनों के वन कर्मियों और अस्थाई श्रमिकों से यह काम करवा कर उनकी जान जोखिम में डाली जा रही है।

श्री टम्टा ने कहा कि वन मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए अन्यथा मुख्यमंत्री उन्हें जबरन पद से हटा दें। श्री टम्टा ने बिनसर में हुई दावानल की घटना में चार लोगों की जान चली जाने और चार के झुलस जाने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि राज्य के जंगल सरकार की आय का बड़ा स्रोत है, लेकिन जंगलों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सरकार की कोई नीति नहीं है। प्रभावी प्रबंधन से ही आग से वन संपदा, वन्य जीवन, वनस्पतियों और इसकी रक्षा करने वाली वन कर्मियों पर आने वाले खतरों कम किया जा सकता है। वनों से सरकार को प्रतिवर्ष सैकड़ो करोड़ रूपया राजस्व के रूप में मिलता है। जंगलों को आग से बचने के लिए वन कर्मियों को उचित प्रशिक्षण, जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए बगैर जंगलों की आग काबू करने में झोंका जाना गलत है। कम से कम रेंज स्तर पर अग्निशमन वाहन, फायर वॉचरो और वन कर्मियों को सुरक्षा के लिहाज से उपकरण मुहैया कराने चाहिए।

उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर वन मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। श्री टम्टा ने कहा कि हिमालय राज्यों की बेहतर वन प्रबंधन व्यवस्था के लिए कमेटी ने तत्कालीन यूपीए सरकार को रिपोर्ट सौंप थी, लेकिन सरकार चली जाने के बाद इस पर अमल नहीं हुआ। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, राजेंद्र बराकोटी, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी आदि मौजूद थे।