मुनि की रेती में भाजपा की करारी हार के बाद वन विभाग ने रामलीला ग्राउण्ड पर ताला जड़ दिया। WWW.JANSWAR.COM

(अरुणाभ रतूड़ी जनस्वर)

मुनि की रेती में भाजपा की करारी हार के बाद वन विभाग ने रामलीला ग्राउण्ड पर ताला जड़ दिया।

टिहरी:- मुनि की रेती, मुनि की रेती-ढालवाला पालिका परिषद में करारी हार के बाद शायद भाजपा डैमेज कंट्रोल कर स्थिति को संभालती तो ठीक होता लेकिन इस हार का बदला जनता के लिये वर्षो से सार्वजनिक स्थल रामलीला ग्राउण्ड 14 बीघा में वन विभाग का ताला जड़ देना जनता एवम स्थानीय विधायक , मन्त्री को चुनोती देना भर है जिसको कोई भी माफ नही करेगा। इस सम्बंध में नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष और सभासदों ने विरोध कर वन विभाग से पूर्व की भांति सार्वजनिक स्थान को जनता को समर्पित करने को कहा है वरना जनता सीधे हस्तक्षेप कर रामलीला ग्राउण्ड को अपने कब्जे में लेने की कार्यवाही किसी भी स्तर तक जाकर कर सकती है।
रामलीला ग्राउण्ड वर्षो से सार्वजनिक कार्यो में प्रयोग होता आ रहा है और शहर के बीचों बीच ये जनता की भलाई के लिये बनाया गया परन्तु अचानक ऐसा क्या हुआ कि जब इस स्थल को यँहा का व्यक्ति अपने प्रयोग सहित सार्वजनिक बैठक, धार्मिक आयोजन आदि कार्यो में प्रयोग करती आ रही है और इसका पूरा रखरखाव नगर पालिका परिषद बोर्ड के हाथों में है ।अभी हाल ही में होली मिलन के कई कार्यक्रम यँहा आयोजित किये गए।सवाल ये है कि आखिर कौन सा कारण है कि वन विभाग को जनता को दरकिनार कर इस कृत्य को करना पड़ा है ।सवाल वन विभाग के साथ उत्तराखण्ड सरकार से भी है कि क्या नगर पालिका की हार बर्दाश्त नही हो पा रही है।लगता है निर्दलीय उम्मीदवार को जबरन परेशान करने की नीयत से ये सब कराया जा रहा है जिसको जनता माफ नही करेगी।इस स्थान पर किसी व्यक्ति का अतिक्रमण नही है ये जनता की उम्मीदों पर पंख लगाकर उनके बिवाह आदि में सार्वजनिक स्थल के रूप में वर्षो से प्रयोग होता आ रहा है और भविष्य में भी एकमात्र यही स्थल है जो सार्वजनिक कार्यो के लिये पालिका ने लगभग 19 लाख रुपये व्यय कर जनता को सहयोग करने हेतु प्रदान किया है।वन विभाग की कार्यवाही से पालिका परिषद तो हैरान होगी ही किन्तु इसका जनता में व्यापक रोष देखा जा रहा है।क्या वन विभाग जनता से बड़ा उनके अधिकारों में अतिक्रमण करने की मंशा से सौतेला व्यवहार कर रहा है।अगर उन्हें ये करना ही था तो जब ये सम्पत्ति पर पालिका ने कार्य कर अपने सुपुर्द लिया उसी समय ये कार्य कर अलीगढ़ से लाये ताले सदैव के लिये जड़ देने चाहिये थे।लगता है सरकार नगर निकाय चुनाव की हार को इस कार्यवाही कर जनता से बदला लेना चाहती दिख रही है।जनता भी इसके लिये तैयार है कि पिछली बार 9 हजार तो अगली बार 12 हजार से मात देंगे और फिर अपना वाजिफ हक येन केन प्रकारेण लेकर रहेंगे।पालिका प्रशासन सहित जनता अपने अपने तरीक़े से विरोध करने की मुहिम में जुटी है।