शहीद दिवस: देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को नमन।
(अरुणाभ रतूड़ी जनश्वर):- भारत एक ऐसा देश है जो अपने शहीदों की शहादत को कभी नहीं भूलता। हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है, जो उन शहीदों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
शहीद दिवस का इतिहास:- शहीद दिवस का इतिहास 23 मार्च 1931 को जुड़ता है, जब भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन तीनों शहीदों ने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था, जो आज भी पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत हैं।
शहीदों की शहादत का महत्व:- शहीदों की शहादत का महत्व इस बात में है कि उन्होंने अपने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनकी शहादत ने देश को आजादी की लड़ाई में नई ऊर्जा और प्रेरणा दी। आज भी हमारे देश के जवान और नागरिक उनकी शहादत से प्रेरित होकर देश की सेवा में लगे हुए हैं।
शहीद दिवस पर हमें अपने शहीदों को याद करना चाहिए और उनकी शहादत को नमन करना चाहिए। हमें अपने देश के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें अपने बच्चों को भी शहीदों की कहानियां सुनानी चाहिए ताकि वे भी देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित हों।
शहीद दिवस हमें अपने शहीदों की शहादत की याद दिलाता है और हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। हमें अपने शहीदों को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनकी शहादत को नमन करना चाहिए।