-अरुणाभ रतूड़ी
राष्ट्रपति निर्वाचन-2022 उत्तराखण्ड राज्य में सकुशल व निर्विघ्न सम्पन्न हुआ। उत्तराखण्ड में मतदान स्थल का निर्माण विधान सभा भवन में कराया गया था। पूर्वाहन 10 बजे से मतदान प्रारम्भ हुआ। मतदान करने वालों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य एवं कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा एवं विधायकगण सहित कुल 67 मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतदान प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाने के लिए हेल्पडेस्क का भी निर्माण कराया गया। निर्वाचन प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात प्रेक्षक की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
मतदान सम्पन होने के पश्चात भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार मतपेटी को सील कर नई दिल्ली भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया। मतपेटी को जौलीग्रांट हवाईअड्डे से नई दिल्ली की फ्लाईट से भेजा गया।
निर्वाचन प्रक्रिया और मतपेटी को जौलीग्रांट हवाईअड्डे पर भेजे जाने की सम्पूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी तथा फोटोग्राफी भी कराई गयी
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में सोमवार को राष्ट्रीय सैनिक संस्था के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक गैर राजनैतिक, देशभक्ति संगठन है जिसमें भूतपूर्व सैनिक और देशभक्त नागरिक शामिल हैं। इसकी देशभर के 23 राज्यों लगभग 89000 सदस्य हैं। इस संस्था में महिला विंग, युवा विंग और शिक्षा व स्वास्थ्य विंग कार्यरत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि संस्था द्वारा युवाओं के साथ-साथ लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत की है। उन्होंने कहा कि संस्था लोगों में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और चरित्र निर्माण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। इसी कारण संस्था से कई समाजसेवी संगठन जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था शहिदों के परिवारजनों व उनके आश्रितों का हरसंभव सहयोग करती है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि संस्था को हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष कैप्टन सुरेश चन्द्र ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर स्थित शुक्रताल में कारगिल शहिद स्मारक बनाया गया है जिसमें 527 बलिदानियों के नाम अंकित किये गए हैं इसके अलावा कई महापुरुषों की प्रतिमायें भी यहां लगाई गई हैं। उन्होंने अवगत कराया कि संस्था द्वारा कौशल विकास के प्रशिक्षण व युवाओं को सेना भर्ती प्रशिक्षण की दिलाया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान संस्था द्वारा कई कार्य किए गए। वहीं सफाई अभियान में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर संस्था के राजेन्द्र सिंह राठी, परमेन्द्र राठी, राहुल पुरी, ब्रिजेश, दयाराम राठी आदि उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को विधायक श्री विनोद कंडारी के नैलचामी, टिहरी गढ़वाल स्थित आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सभी को श्रीमद्भागवत महापुराण की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे स्थलों पर भगवान की आज्ञा से ही इंसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि जहां श्रीमदभागवत महापुराण कथा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। तथा पुण्य आत्माओं की शान्ति के साथ ही कथा श्रवण करने वालों के विचारो में भी पवित्रता आती है।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी गढ़वाल सोना सजवाण, विधायक देवप्रयाग श्री विनोद कंडारी, घनसाली श्री शक्ति लाल शाह, जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ गहरवार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे।
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प्रदेश में भारी बारिश के अलर्ट के मद्देनजर मुख्य सचिव ने दिए अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा के दृष्टिगत कमिश्नर गढ़वाल एवं कुमाऊं सहित सभी जिलाधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाते हुए आने वाली चुनौती के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने भारी बारिश की सम्भावना को देखते हुए प्रत्येक स्तर पर सतर्कता बरते जाने एवं सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं सभी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में सभी विभागों द्वारा सक्षम स्तर के नोडल अधिकारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए ताकि आपदा जैसी परिस्थितियों में नोडल अधिकारी निर्णय लेने एवं निर्देश देने हेतु अधिकृत हों।
मुख्य सचिव ने पूरे मानसून काल में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर सडकें टूटने अथवा धंसने की स्थिति में सड़कों पर यातायात सुचारू करने हेतु जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनें तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं ताकि आम जनता को आवागमन में कोई परेशानी का सामना ना करना पडे़। उन्होंने पेयजल व विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मानसून के दौरान विद्युत एवं पेयजल सुचारू रखने हेतु दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से उपकरण अथवा सामग्री स्टोर करें ताकि मानसून के दौरान विद्युत एवं पेयजल बाधित होने पर तत्काल सुचारू किया जा सके।
मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के निर्देश दिये कि वे वर्षाकाल में नदियों व बैराजों के जलस्तर पर पैनी नजर रखने के साथ ही बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुये नदियों का जलस्तर बढ़ने पर चेतावनियां एवं मुनादी आदि जारी करने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए ताकि जानमाल की हानि को रोका जा सके। उन्होंने सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी अपने-अपने कार्यस्थलों में बने रहने हेतु निर्देशित किया है। साथ ही, सभी चौकियों एवं थानों में भी आपदा सम्बन्धी उपकरणों एवं वायरलैस सहित हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने वर्षा काल के दौरान अथवा आपदा जैसी परिस्थितियों हेतु चिन्हित खाद्यान्न गोदामों में खाद्यान्न की समुचित मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने आपदा के दृष्टिगत दुर्गम स्थलों में दूरसंचार व्यवस्था सुचारू बनाए रखने हेतु एस०डी०आर०एफ० द्वारा उपलब्ध कराए गए सैटेलाइट फोन्स को भी एक्टिव रखने हेतु निर्देश दिए। साथ ही, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाईयों एवं आवश्यक उपकरणों की समुचित मात्रा सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जनसामान्य से भी अपील की है कि भारी बारिश की सम्भावना को देखते हुए अत्यधिक आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा पर मौसम के अनुसार ही निकलने की सलाह दी है।
मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा सभी जिलाधिकारियों एवं आपदा से सम्बन्धित विभागाध्यक्षों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनके स्तर पर की गई तैयारियों के संबंध में विचार विमर्श कर की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। सचिव आपदा प्रबंधन ने मैदानी जिलों के जिलाधिकारियों से बाढ़ चौकियों के साथ बाढ़ नियंत्रण टीमों के गठन के साथ ही आवश्यकता के दृष्टिगत बोट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न एवं पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही पशुओं के चारे आदि को भी समय से प्रबंधन करने को कहा। सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा पर्वतीय जनपदों के जिलाधिकारियों से भी आपदा प्रबंधन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की तथा उनके स्तर पर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने सभी डेमों के निरीक्षण करने, नदियों में पानी बढ़ने की स्थिति की त्वरित सूचना प्रेषण, साइरन सिस्टम, वायरलेस सिस्टम को भी प्रभावी बनाने को कहा। आपदा की स्थिति में बल्क एसएमएस की भी व्यवस्था बनाये जाने के उन्होंने निर्देश दिये, उन्होंने जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था बनाये जाने की बात कही।
सचिव आपदा द्वारा आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही सिंचाई, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत, खाद्यान्न, स्वास्थ्य आदि विभागों के प्रमुखों से भी वार्ता कर व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की तथा सभी से समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। सभी जिलाधिकारियों ने सचिव आपदा को अवगत कराया कि उनके स्तर पर एहतियातन आवश्यक व्यवस्थायें कर दी गई है।
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आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब प्रदेश में ही मिल सकेगी किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने उत्तराखंड के महंत इंद्रेश अस्पताल को दी किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा देने की अनुमति
देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण। आयुष्मान योजना के अंतर्गत उपचार हेतु प्रमुख बीमारियों में अब किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा भी शामिल हो गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना के तहत देहरादून स्थित महंत इंद्रेश अस्पताल को किडनी प्रत्यारोपण की अनुमति दे दी है।
बता दें कि प्रदेश में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत 25 प्रमुख बीमारियों के 1600 पैकेजों के माध्यम से पांच प्रतिवर्ष प्रति परिवार मुफ्त उपचार की व्यवस्था दी गई है। किडनी प्रत्यारोपण के मामले में अब मरीजों को प्रदेश में ही सुविधा मिल सकेगी उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
मरीजों की जरूरत को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने किडनी प्रत्यारोपण को योजना के अंतर्गत प्रमुख बीमारियों में शामिल करने का अनुमोदन किया था, वहीं महंत इंद्रेश अस्पताल ने किडनी प्रत्यारोपण को अपनी विशेषज्ञता में रखा है। उसे अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से अनुमोदन मिल गया है। प्रदेश के महंत इंद्रेश अस्पताल में आयुष्मान योजना के मरीजों को यह सुविधा मिल जाएगी। आयुष्मान योजना के अंतर्गत यह सुविधा बेहद अहम होगी, लाभार्थियों को अन्यत्र नहीं भटकना पड़ेगा।