-अरुणाभ रतूड़ी
प्रधानमंत्री मोदी से भेंट की उत्तराखण्ड के राज्यपाल ने
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को नई दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश के समसामयिक विषयों पर चर्चा की।
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कर्तव्य पथ पर पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी ने प्रथम स्थान पाकर बनाया इतिहास
गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है। नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश में प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम दर्ज हो गया है।
सीएम ने दी बधाई, हम सभी के लिए गौरव का पल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है। प्रधानमंत्री जी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।
झांकी का विषय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था
भारत सरकार को भेजे गए झांकी का विषय/टाइटिल “मानसखंड“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था। उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था।
गणतंत्र दिवस से पहले मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाकर खुद किया था झांकी का निरीक्षण
झांकी निर्माण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली कैंट में झांकी का निर्माण किया जा रहा था तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झांकी का निरीक्षण करते हुए झांकी को उत्कृष्ट एवं राज्य की संस्कृति के अनुरूप निर्माण के लिये सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/ नोडल अधिकारी के एस चौहान को निर्देश दिए थे तथा झांकी के कलाकारों से मिलकर उनको शुभकामनाएं भी दी थी
दिन रात की जाती है कलाकारों द्वारा मेहनत
झांकी के निर्माण तथा झांकी में सम्मिलित कलाकार दिन रात मेहनत करते है। झांकी निर्माण का कार्य 31 दिसंबर को प्रारंभ किया गया था, जिसको सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक किया जाता है। साथ ही झांकी में सम्मिलित कलाकारों को टीम लीडर के साथ कड़ाके की सर्दी में कर्तव्य पथ रिहर्सल के लिए 4 बजे जाना पड़ता है।
ऐसे होता है झांकी का अंतिम चयन
सितंबर माह में भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं मंत्रालयों से प्रस्ताव मांगे जाते हैं।अक्टूबर तक राज्य सरकारें विषय का चयन कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजती है।उसके बाद भारत सरकार प्रस्तुतिकरण के किये आमंत्रित करती है। पहले बार की मीटिंग में विषय के आधार चार्ट पेपर में डिजाइन तैयार कर प्रस्तुत करना होता है। आवश्यक संशोधन करते हुए तीन बैठके डिजाइन निर्माण के सन्दर्भ में होती है जिन प्रदेशों के डिजाइन कमेटी को सही नही लगते हैं उनको शार्टलिस्ट कर देती है। उसके बाद झांकी का मॉडल बनाया जाता है। मॉडल के बाद थीम सॉंग 50 सेकंड का जो उस प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करता हो तैयार किया जाता है। इस प्रकार जब सभी स्तर से भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति संतुष्ट हो जाती है तब झांकी का अंतिम चयन किया जाता है।
मानसखंड की झांकी में क्या था खास जो प्रथम स्थान प्राप्त किया!
गढ़वाल की चारधाम यात्रा की भांति सरकार कुमाऊं में मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं इसी के दृष्टिगत प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम को दिखाया गया था। उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश की राष्ट्रीय पक्षी मोर जो उधमसिंह नगर में पाई जाती है, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल आदि, तथा उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपन कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपन कला से लिखा गया था।
जागेश्वर धाम के मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है। इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो का सीन तैयार किया गया था।
2025 तक उत्तराखंड देश का सर्वोच्च राज्य
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी दृष्टि से गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को देश में प्रथम स्थान पर आना उनके विजन को दर्शाता है।
मंदिर माला मिशन से वाकिफ होंगे देश विदेश के पर्यटक,क्षेत्र में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
मानसखंड की झांकी को देश मे प्रथम स्थान प्राप्त होने से कुमाऊं क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि देश विदेश के पर्यटको को मंदिर माला मिशन की जानकारी होने से वह कुमाऊं की ओर रुख करेंगे। इसलिए गढ़वाल मंडल के साथ अब कुमाऊं मंडल में भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
झांकी में इन कलाकारों ने निभाई थी अहम भूमिका
टीम लीडर संयुक निदेशक के एस चौहान के नेतृत्व में झांकी में उत्तराखंड की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य करने में पिथौरागढ़ के भीम राम के दल के 16 कलाकारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। उत्तराखंड को देवभूमि के साथ ही योग भूमि भी कहा जाता है। झांकी के ऊपर योग करते हुए बारु सिंह और अनिल सिंह ने योग करते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
झांकी का थीम सांग
झांकी का थीम सांग “जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला“ को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था तथा उसको सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।
सोशल मीडिया में करोड़ो लोगों ने देखी उत्तराखंड की झांकी
सोशल मीडिया के माध्यम से गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश विदेश में करोड़ो लोगों ने देखा।
क्या है मानसखंड मन्दिर माला मिशन?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ की भांति ही कुमाऊं के प्रमुख पौराणिक महत्व के मंदिर क्षेत्रो में अवस्थापनात्मक विकास के लिए मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो।
मानसखंड कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड कॉरिडोर पर काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
इन प्रमुख मंदिरों का होगा विकास
मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में क़रीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं।
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उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ने शंकाओं का समाधान किया।
आयोग द्वारा सम्पादित विभिन्न परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों से प्राप्त प्रत्यावेदन एवं विभिन्न मंचों के माध्यम से अभ्यर्थियों की पृच्छाओं के क्रम में सभी शंकाओं का समाधान करने हेतु उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा निम्नवत् अवगत कराया जाता है-
प्रतीक्षा सूची से सम्बन्धित पृच्छाओं का निराकरण- आयोग द्वारा ऐसी समस्त परीक्षाओं, जिनमें सेवा नियमावली के अनुसार प्रतीक्षा सूची / 25 प्रतिशत अतिरिक्त चयन परिणाम का निर्माण किये जाने की व्यवस्था होती है, के अनुसार प्रतीक्षा सूची नियमानुसार शासन को भेजी जाती है। जैसे, प्रवक्ता, वन क्षेत्राधिकारी, सहा. वन संरक्षक आदि के एकल संवर्ग के पदों हेतु प्रतीक्षा सूची का निर्माण कराया गया है। किन्तु संयुक्त संवर्ग के पदों की सेवा नियमावली में प्रतीक्षा सूची / 25 अतिरिक्त चयन परिणाम तैयार किये जाने का कोई प्राविधान न होने के कारण आयोग द्वारा प्रतीक्षा सूची का निर्माण नहीं किया जाता है।
विभिन्न पदों की भर्ती की प्रक्रियाओं के मध्य नए पदों को जोड़े जाने के संबंध में- आयोग द्वारा रिक्तियों का विज्ञापन शासन से प्राप्त अधियाचन में उल्लिखित रिक्तियों के आधार पर किया जाता है। अतः यदि सम्बन्धित विभाग द्वारा नए पदों को जोड़े जाने के सम्बन्ध में आयोग को ससमय अनुरोध किया जाता है, तो आयोग द्वारा उस पर नियमानुसार विचार किया जाएगा।
प्रारम्भिक / स्क्रीनिंग परीक्षाओं के संबंध में न्यूनतम अर्हकारी अंक को रखे जाने के सम्बन्ध में- विभिन्न श्रेणियों के अन्तर्गत निर्धारित अनुपात के अनुसार वांछित संख्या में अभ्यर्थियों को परीक्षा के अगले चरण के लिए सफल करने हेतु मा० आयोग द्वारा न्यूनतम अंकों की अनिर्वायता प्रारम्भिक / स्क्रीनिंग परीक्षाओं से हटा दिया गया था। इस संबंध में विभिन्न अभ्यर्थियों के अनुरोध पर न्यूनतम अर्हकारी अंक रखे जाने के प्रकरण को पुनः मा० आयोग के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्य परीक्षा के प्राप्तांक / कट ऑफ मार्क्स अंतिम चयन घोषित किये जाने से पूर्व आयोग की वेबसाईट पर प्रसारित करने के सम्बन्ध में- आयोग द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि जिन परीक्षाओं के प्राप्तांक अगले चरण की परीक्षा में नहीं जोड़े जाते हैं, उनके प्राप्तांक / कट ऑफ मार्क्स परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही आयोग की वेबसाइट पर प्रसारित कर दिये जाते हैं। परन्तु जिन परीक्षाओं के प्राप्तांक अगले चरण की परीक्षा के साथ जोडकर अंतिम चयन परिणाम घोषित किया जाता है, जैसे लोअर पी.सी.एस. अपर पी.सी.एस आदि में मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार के अंकों को जोड़कर अंतिम चयन परिणाम तैयार किया जाता है। ऐसे समस्त परीक्षाओं में गोपनीयता एवं शुचिता सुनिश्चित किये जाने हेतु मुख्य परीक्षा के प्राप्तांक / कट ऑफ मार्क्स अगले चरण की परीक्षा यानि साक्षात्कार से पूर्व जारी नहीं किये जाते हैं। उक्त व्यवस्था उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग में ही नहीं बल्कि संघ लोक सेवा आयोग सहित अन्य सभी आयोगों में भी प्रचलित है।
गलत प्रश्न / उत्तर के लिए बोनस अंक दिये जाने के सम्बन्ध में- यह उल्लेखनीय है कि सभी परीक्षाओं को प्रश्न- पत्रों का निर्माण आयोग द्वारा आमन्त्रित विषय विशेषज्ञों के द्वारा ही गोपनीय ढंग से किया जाता है। किन्तु विषय विशेषज्ञों द्वारा निर्मित कतिपय प्रश्नों के विकल्प / प्रकृति में कोई त्रुटि होने या प्रश्नों के उत्तर गलत होने के कारण कोई विपरीत स्थिति उत्पन्न होती है, तब आयोग द्वारा अभ्यर्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए कि किसी भी अभ्यर्थी को ऐसे गलत प्रश्न / उत्तर के लिए कोई हानि न हो, सभी अभ्यर्थियों को बोनस अंक प्रदान किये जाते हैं अथवा ऐसे गलत प्रश्न को हटाते हुए प्रशनांश का अधिमान बढाकर सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर दिया जाता है। साथ ही ऐसे विषय विशेषज्ञों को आयोग के पैनल से हटा दिया जाता है, जिसके अन्तर्गत आयोग द्वारा अब तक लगभग 33 विषय विशेषज्ञों को हटाया जा चुका है तथा अनुभवी एवं प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा विशेषज्ञों हेतु ई-पोर्टल लॉच किया गया है, जिसके द्वारा अब तक देश भर से लगभग 266 नये विषय-विशेषज्ञों को पैनल में शामिल किया गया है। आयोग द्वारा भविष्य में भी अभ्यर्थियों के हितों की सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
नवीन परीक्षा कैलेण्डर जारी- आयोग की वेबसाइट पर नया परीक्षा कलेण्डर हाल ही में जारी किया जा चुका है तथा सभी परीक्षाओं के सकुशल संचालन हेतु कड़ी निगरानी में आयोग द्वारा कार्यवाही सम्पन्न कराई जा रही है। अतः अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है कि समस्त परीक्षाएँ निर्धारित समयानुसार ही सम्पादित की जाएंगी। इसलिए वह किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचनाओं / अफवाहों पर ध्यान न देते हुए पूरे मनोयोग से आगामी परीक्षाओं की तैयारी करें। सूच्य है कि आगामी तीन महीनों (फरवरी से अप्रैल-2023) में 09 परीक्षाएं यथा सहायक कुल सचिव, पटवारी / लेखपाल परीक्षा, पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा, कनिष्ठ सहायक परीक्षा, वन आरक्षी परीक्षा, आर०आई०टेक्निकल प्रा० परीक्षा, सहायक लेखाकार परीक्षा, उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज प्रा० परीक्षा आदि आयोजित की जाएगी जिनका विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में उच्चाधिकार समिति की बैठक संपन्न
- जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में आज अपर मुख्य सचिव श्री आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई
- पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु जिलाधिकारी, चमोली द्वारा प्रस्तुत 03 विकल्प
- पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु विकल्पों के सम्बन्ध में शासन स्तर पर माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने की समिति द्वारा संस्तुति
- तकनीकी संस्थाओं की अन्तिम रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत ही प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों से उक्त प्रस्तावित विकल्पों के अनुसार सहमति प्राप्त की जायेगी
- ’आपदा प्रभावित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के भी बिजली / पानी के बिल 06 माह हेतु माफ किए जाने की कार्यवाही
- जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 67 एलपीएम हुआ
- 235 भूस्वामियों को 3.53 करोड़ रूपये तथा 121 किरायेदारों को 60.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गयी
सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सोमवार को मीडिया सेन्टर, सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में हुए भूधंसाव व भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव एवं स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में आज अपर मुख्य सचिव श्री आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। बैठक में समिति को जानकारी दी गई कि जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के कारण प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु जिलाधिकारी, चमोली द्वारा 03 विकल्प प्रस्तुत किये गये हैं। पहले विकल्प में प्रभावित भू-भवन स्वामियों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुये वन टाईम सेटलमेन्ट किया जायेगा। प्रभावित हुए भूमि/भवन की क्षति के मुआवजे के रूप में वन टाइम सेटलमेन्ट करते हुए भूमि/भवन का निर्धारित मानकों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। सम्पूर्ण भुगतान करने से पूर्व संबंधित प्रभावित की भूमि /भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। दूसरे विकल्प के तहत प्रभावित भू-भवन स्वामियों को प्रभावित भूमि के सापेक्ष गृह निर्माण के लिए निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी0 तक की भूमि प्रदान की जायेगी तथा प्रभावित भवन का मुआवजा दिया जायेगा। प्रभावित भू-भवन स्वामियों को 100 वर्ग मी0 से अधिक की भूमि होने पर शेष भूमि का मानकों के अनुसार भुगतान किया जायेगा। प्रभावित भूमि/भवन स्वामियों का संपूर्ण भुगतान करने से पूर्व व गृह निर्माण के लिये निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी0 तक की भूमि आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास हेतु चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जायेगा। यदि प्रभावित आवासीय भवन/भूमि का मूल्यांकन प्रदान किये जा रहे भूमि/आवास से अधिक है तो शेष धनराशि का भुगतान प्रभावित को किया जायेगा। प्रभावित भूमि भवन के सापेक्ष अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। जिलाधिकारी, चमोली द्वारा पुनर्वास के सम्बन्ध में प्रस्तावित उक्त तीन विकल्पों को उपयुक्त पाते हुए उक्त विकल्पों के सम्बन्ध में शासन स्तर पर माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने की संस्तुति की गयी है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्र के संबंध में विभिन्न तकनीकी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे सर्वे की अन्तिम रिपोर्ट आने के उपरान्त ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि जोशीमठ के कितने क्षेत्र से स्थायी रूप से विस्थापन किया जाना आवश्यक है। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों से उक्त प्रस्तावित विकल्पों के अनुसार सहमति प्राप्त की जायेगी। तत्पश्चात स्थानीय स्तर पर पी.आई.यू स्थायी पुनर्वास की कार्यवाही करेगी। तकनीकी संस्थानों की अन्तिम रिपोर्ट आने के उपरान्त ही जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के न्यूनीकरण/क्षेत्र के स्थिरीकरण, टो इरोजन, ड्रेनेज प्लान इत्यादि कार्यों के सम्बंध में निर्णय लिया जायेगा। उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के साथ ही आपदा प्रभावित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के भी बिजली / पानी के बिल 06 माह हेतु माफ किए जाने की कार्यवाही की जाय। जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र में 03 विद्यालय प्रभावित हुए हैं। इन विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्रों को अन्यत्र विद्यालय में स्थानान्तरित किया गया है। मारवाड़ी क्षेत्र के छात्रों हेतु विद्यालय की व्यवस्था लगभग 12 कि०मी० दूरी पर स्थित अन्य विद्यालय में हुयी है, जिसके दृष्टिगत समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि मारवाडी क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाने एवं ले जाने हेतु निःशुल्क यातायात की व्यवस्था जिलाधिकारी, चमोली द्वारा की जाये। व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों / श्रमिकों का रोजगार प्रभावित होने के कारण, उनको कोविड-19 के समय दी गयी वित्तीय सहायता के अनुसार, सर्वे उपरान्त पृथक से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, चमोली को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। एनटीपीसी, एमओआरटीएच तथा बीआरओ के प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तर पर बैठक आहूत किये जाने की संस्तुति समिति द्वारा की गयी है।
समिति द्वारा शासन स्तर से आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में गठित अन्तर्विभागीय समन्वय एवं शिकायत निवारण समिति की पुनः बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समिति द्वारा औली रोपवे के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग के साथ उच्चस्तरीय बैठक किये जाने की संस्तुति की गयी है। जोशीमठ क्षेत्र में जिन घरों में छोटी-छोटी दरारें आयी है और भूमि को सुरक्षित पाये जाने की दशा में उक्त घरों / भवनों की रेट्रोफिटिंग हेतु धनराशि दिये जाने का जिलाधिकारी द्वारा प्रस्ताव किया गया है। कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र के मा० विधान सभा सदस्य द्वारा नगर पालिका क्षेत्र कर्णप्रयाग क्षेत्र के बहुगुणा नगर आई०टी०आई० क्षेत्र, सी०एम०पी० बैंड के ऊपर, अपर बाजार, साकरी सेरा, ईणा बधाणी क्षेत्र की भूमि में आ रही दरारों को समिति के संज्ञान में लाया गया। समिति द्वारा मा० विधायक जी को यह अवगत कराया गया कि उक्त प्रभावित क्षेत्र में भारत सरकार के सम्बन्धित संस्थानों द्वारा जियोफिजिकल, भूगर्भीय सर्वे गतिमान है एवं उक्त अध्ययन का अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु त्वरित गति से निष्कर्ष करवा लिया जायेगा।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 67 एलपीएम हो गया है। क्षेत्र में दरारग्रस्त भवनों की संख्या में वृद्धि नही हुई है। दरारग्रस्त भवनों की संख्या 863 ही है। जोशीमठ में 235 भूस्वामियों को 3.53 करोड़ रूपये की धनराशि तथा 121 किरायेदारों को 60.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में है। 253 परिवार सुरक्षा की दृष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 920 है। 43 प्रभावित परिवार अपने रिश्तेदारों या किराए के मकानों में चले गये है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्ह्ति राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं।
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पुलिस ने पौड़ी में 200 बालिकाओं को दिया आत्म रक्षा प्रशिक्षण
30 जनवरी, 2023ः उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा भगत राम न्यू मार्डन स्कूल पौड़ी में आत्मरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस विभाग द्वारा लगभग 200 बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।
महिला हैल्प डेस्क प्रभारी पूनम शाह व एएसआई वैशाली भंडारी ने छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण तथा महिलाओं व छात्राओं के साथ होने वाले अपराधों से कैसे बचाव करें उसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने आपातकालीन नम्बर 112 की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य धर्म सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी आशा रावत सहित स्कूली छात्राएं उपस्थित रहे।
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डीएम ने राजकीय पुस्तकालय के निरीक्षण के बाद अन्य निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
अल्मोड़ा, 30 जनवरी 2023 (अशोक कुमार पाण्डेय) – जिलाधिकारी वंदना ने आज माल रोड स्थित राजकीय पुस्तकालय तथा मल्ला महल में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने पुस्तकालय पहुंचकर पुस्तकालय के संचालन एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने पुस्तकालय में कंप्यूटर कक्ष बनाने तथा पुस्तकालय में साफ सफाई की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पाठकों के लिए नई किताबों की भी व्यवस्था जल्द की जाए। उन्होंने कार्यदाई संस्था को निर्देश दिए कि पुस्तकालय में जो भी अवशेष कार्य हैं, उन्हें पूरा कर लिया जाए।
इसके बाद जिलाधिकारी ने मल्ला महल पहुंचकर वहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों को आपसी समन्वय बनाकर संपादित किया जाए। यहां उन्होंने मल्ला महल के रानी महल में बनने वाले म्यूजियम के फेब्रिकेशन एवं इलेक्ट्रिकल कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने प्रति शुक्रवार समस्त टीम को कार्यों की समीक्षा करने को भी कहा।
साथ ही उन्होंने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि मल्ला महल में त्रैमासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं तथा स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए भी नियम बनाए जाएं एवं इसकी दरें भी तय कर ली जाएं, जिससे स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल सके।
यहां क्षेत्रीय पुरातात्विक अधिकारी सीएस चौहान, अधिशासी अभियंता आरईएस संजय भारती समेत अन्य संबंधित उपस्थित रहे।