अरुणाभ रतूड़ी,जनस्वर
राज्य में मातृ मृत्यु दर कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा आपदाकाल में गर्भवती महिलाओं को अगर एयर लिफ्ट करने की जरूरत पड़ रही है तो इसमें देर न करते हुए उन्हें निकटवर्ती सुविधा युक्त चिकित्सालयों में पहुँचाया जाए
राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मातृ मृत्यु दर कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल और आपदाकाल में गर्भवती महिलाओं को अगर एयर लिफ्ट करने की जरूरत पड़ने पर उन्हें निकटवर्ती सुविधा युक्त चिकित्सालयों में पहुँचाया जाए। मुख्यमंत्री ने इस बाबत सचिव स्वास्थ्य से विस्तृत कार्ययोजना बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मातृ मृत्यु दर एवं गर्भवती महिलाओं की देखभाल को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने गर्भवतियों के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिये।
स्वास्थ्य सचिव ने अवगत कराया कि सभी गर्भवती महिलाओं का बर्थ प्लान (जिसमें नजदीकी जांच केन्द्र एवं प्रसव केन्द्र की सूचना भी सम्मिलित है) तैयार रखा जा रहा है और सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के 18 से 22 वें हफ्ते में निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड की व्यवस्था की जा रही है। इस हेतु घर से लाने एवं वापस भेजने हेतु निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था 102 ( खुशियों की सवारी ) के माध्यम से की जा रही है। इसके अलावा, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु सभी जनपदों में (विशेषतः आपदाकाल में मार्ग बाधाओं के दृष्टिगत चिन्हित क्षेत्रों से) गर्भवती महिलाओं को संभावित प्रसव तिथि से लगभग 15 दिन पूर्व जिला चिकित्सालय के पास संचालित किये जा रहे वन स्टॉप सेंटर में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। यह व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से की जा रही है। इस माध्यम से आपदाकाल में प्रसव की स्थिति होने पर प्रसूता को निकटवर्ती जिला चिकित्सालय में भर्ती कराकर संस्थागत/ सुरक्षित प्रसव कराये जाने की व्यवस्था है। सड़क मार्ग से दूर अवस्थापित तथा आपदाकाल में रोड ब्लॉक के दृष्टिगत गर्भवती महिलाओं को डोली / पालकी के माध्यम से रोड हैड / 108 एम्बुलेंस तक लाने वाले दल हेतु रूपये 2000/- प्रति केस की व्यवस्था की गई है। इस डोली / पालकी व्यवस्था को समस्त आपदा प्रभावी क्षेत्रों तथा रोड हैड से दूर अविस्थापित गांव को आच्छादित किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।
राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व वसूली में तेजी लाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मार्च 2024 तक भू-अभिलेखों/मानचित्रों के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2026 तक प्रदेश की राजस्व अभिलेखों में दर्ज सम्पूर्ण भूमि का सर्वे/रि-सर्वे करने का लक्ष्य रखा गया है। इस वित्तीय वर्ष में माह जुलाई तक मुख्य देय की मद में 49.80 लाख एवं विविध देय में 6143.70 लाख की वसूली की गई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।