-अरुणाभ रतूड़ी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पंडित गोविंद बल्लभ पंत को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रखर चिंतक और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। एक आदर्श राजनेता के तौर पर समाज कल्याण और हिंदी भाषा के लिए दिया गया उनका योगदान वंदनीय है।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी के 135 वें जन्मदिन समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी एवं कुशल प्रशासक थे। उन्होंने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। देश की आजादी से पूर्व एवं देश की आजादी के बाद भी उन्होंने देश सेवा के लिए जो कार्य किये, वे सभी कार्य हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी का पहाड़ के प्रति विशेष लगाव था। जीवन में तमाम समस्याओं के बावजूद भी वे अपने कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटे। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भारत के गृह मंत्री के महत्वपूर्ण दायित्व उनके पास रहे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐसे महान सपूत से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड युवा राज्य है। 2025 में हम उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना की रजत जयंती मनायेंगे। तब तक उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में हो, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हमें विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत जी ने देश की आजादी के लिए पूरा जीवन खपाया। उन्होंने पहाड़ के विकास एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। पं.गोविंद बल्लभ पंत जैसे क्रांतिकारी इसी देवभूमि में पैदा हुए। डॉ. निशंक ने कहा कि भारत रत्न पं.गोविंद बल्लभ पंत जी ने जो रास्ता दिखाया, उससे प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। वे देवभूमि उत्तराखण्ड के गौरव एवं सम्मान हैं। उन्होंने कहा आज देश ज्ञान-विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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वन मंत्री ने खूंट मे पंत जी के चित्र पर माल्यार्पण के बाद गोबपंराहिपसं के 28 वें वार्षिक व्याख्यान में भाग लिया।
अल्मोड़ा-(अशोक कुमार पाण्डेय) भारत रत्न पण्डित गोविंद बल्लभ पंत का 135 वीं जयंती समारोह पूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गयी। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री वन एवं तकनीकी शिक्षा,भाषा एवं निर्वाचन सुबोध उनियाल ने जीबी पंत की जन्मस्थली ग्राम खूंट में पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा समस्त जनपद एवं राज्यवासियों को शूभकामनाएं दी। सांसद अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा समेत अन्य ने भी जीबी पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि देश को आजाद कराने वाले एवं अपनी मेहनत एवं लगन से देश को राजनैतिक नेतृत्व देने वाले जीबी पंत की जन्म जयंती समारोह में उन्हें आने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पंत जी के विचारों एवं आदर्शों को हृदय में संजोकर रखना तथा उनका अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि पंत जी अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे देश एवं उत्तराखंड का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने एवं देश को कुशल नेतृत्व देने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि पंत जी ने मेहनत एवं कठिन परिस्थितियों के साथ देश को नेतृत्व दिया। उन्होंने कहा कि पंत जी के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पंत जी हमेशा याद किए जाएंगे।
इसके बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल ने गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान में आयोजित 28 वें वार्षिक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया। यहां मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि जल, जंगल, जमीन के पर्यावरणीय संरक्षण में इस संस्थान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए जन भागीदारी का होनी आवश्यक है। जलवायु परिवर्तन विश्व भर के लिए चिंता का विषय है, इस पर हम सभी को मिलकर विचार करना होगा।इससे एवं ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी की भागीदारी होनी चाहिए।
व्याख्यान कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के खतरों एवं चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होने पर्यावरण संरक्षण पर अपने अपने अनुभव साझा कर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि भूतपूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक पीआरएल,अहमदाबाद डा. नवीन जुयाल ने “हिमालयी क्षेत्र में अपरिहार्य वायुमंडलीय तापमान वृद्धि, हिममंडल क्षरण और भू-परिदृश्य अस्थिरता” विषय पर संस्थान का 28वां प. गोविन्द बल्लभ पंत स्मारक व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने जलवायु परिवर्तन तथा उससे हो रहे प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान में आयी भीषण बाढ़, तथा पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में हो रही प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से हो रहे प्रभाव बहुत चिंता का विषय है।उन्होंने हिमालयी क्रायोस्फीयर/हिममंडल, हिमनद स्वास्थ्य का पर्यवेक्षण, प्रचलित जलवायु और तापक्रम वृद्धि की प्रवृतियाँ, जलवायु-हिमनद सम्बन्ध, हिममंडल प्रतिक्रया, ब्लैक कार्बन, हिमालय में हो रहे भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़, पैराग्लेशियल जोन और फ़्लैश फ्लड, आवर्ती भूकम्पीयता, वर्षा और बर्फ आधारित जलस्रोत, जलविद्युत परियोजनाओं, कृषि उत्पादकता सहित कई मुद्दों पर विस्तार से वर्णन किया।
कार्यक्रम में पद्मश्री शेखर पाठक,निदेशक जी बी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान डा.सुनील नौटियाल,वाईस चांसलर एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोडा़ प्रो.एन.एस. भण्डारी एवं कई वैज्ञानिकों ने भाग लिया।